आयशा सुसाइड मामले में मस्जिदों से उठी आवाज, दहेज लेने वालों का करो सामाजिक बहिष्कार
आएशा : दहेज उत्पीड़न और पति के व्यवहार के बाद चुनी मौत
जनज्वार, लखनऊ। आयशा खुदकुशी मामले को लेकर मुस्लिम समुदाय में बदलाव की बयार बह चली है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फरंगी महल के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने शुक्रवार 5 मार्च को ऐशबाग स्थित मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले खुतबे में मुसलमानों से दहेज मांग करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की है।
मौलाना ने निकाह पढ़ाने वाले काजियों से गुजारिश की है कि वह निकाह का खुतबा पढ़ाने से पहले यह यकीन कर लें कि इस शादी में दहेज की मांग तो नहीं की गई है। मौलाना ने दहेज की मांग को गैर इस्लामी और एक गुनाह करार दिया है। इसी तरह शहर की कई अन्य मस्जिदों में भी जुमे के खुतबे में दहेज रहित शादियां करने की अपील की गई है। मौलाना ने कहा कि इस्लामी शरीअत की नजर में निकाह इबादत है और बंदों के बीच संबंध भी।
मौलाना ने कहा कि रसूल पाक ने निकाह को अपनी और तमाम नबियों की सुन्नत करार दिया है साथ ही अकेले की जिंदगी को नापसंद फरमाया है। मौलाना ने कहा कि मस्जिद में मौजूद मुसलमान इस बात का वादा करें कि शादी में न तो दहेज लेंगे और ना ही दहेज देंगे। दहेज लेना इस्लामी शरीयत के खिलाफ है और गुनाह भी।
कानून में दहेज की डिमांड करने वालों को सात साल या उम्रकैद की सजा सुनाई जा सकती है। उन्होंने मस्जिदों के मौलानाओं से अपील की है कि शादी कराने से पहले मुस्लिम युवाओं की काउंसलिंग करें। उनको निकाह, शौहर-बीवी के अधिकारों से संबंधित इस्लामी आदेश व शरई हिदायतों को बताएं। अगर कोई नहीं समझता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार करें।
लखनऊ के अलावा हैदराबाद, भोपाल और आगरा में मस्जिदों में आयशा आत्महत्या कांड के बाद शांति सभा आयोजित की गयी। आगरा के मंटोला स्थित कैंथ वाली मस्जिद में कल शुक्रवार 5 मार्च को जुमे की नमाज के बाद अहमदाबाद में दहेज उत्पीड़न से तंग आकर खुदकुशी करने वाली महिला आयशा की आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगी गई। इसके बाद ऑल इंडिया जमीतुल कुरैश की बैठक में फैसला किया गया कि मुस्लिम समाज के लोग निकाह में किसी तरह का दहेज न लेंगे और न ही देंगे। इसकी लिए मुस्लिम इलाकों में जागरूकता के लिए परचे बंटवाए जाएंगे।
मस्जिद के इमाम याहिया खान ने ऐलान किया कि इस्लाम में दहेज लेने की मनाही है। इसके बाद भी गुजरात के अहमदाबाद की आयशा खान की मृत्यु से समाज के लोगों को सबक लेना चाहिए। जमीतुल कुरैश के जिलाध्यक्ष मोहम्मद शरीफ काले ने कहा कि आयशा की खुदकुशी के बाद समाज में जागरूकता लानी होगी। अब किसी भी निकाह में दहेज नहीं लें।
हिंदुस्तानी बिरादरी के अध्यक्ष डॉ. सिराज कुरैशी ने कहा कि आयशा केस से हर मुस्लिम को सबक लेना होगा।