Almora news : मिड डे मील में दलित बच्चों को अलग बैठाकर खाना देने का आरोप, स्कूल प्रशासन बोला असामाजिक तत्वों की हरकत
Almora news : उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के एक सरकारी स्कूल में एक युवक ने मिड डे मील भोजन के दौरान दलित छात्रों को अलग बैठाए जाने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला, जो देखते ही देखते वायरल हो गया।
चूंकि अनुसूचित जाति के इस युवक ने धोलादेवी ब्लॉक स्थित थली गांव की प्राइमरी पाठशाला में बनाए गए कुछ वीडियो अपने सोशल मीडिया पर भी डाल दिए थे, जिस पर अलग अलग तरह के कमेंट आने से माहौल तनावपूर्ण हो रहा था। वीडियो में युवक कह रहा है और वीडियो में दिखा रहा है कि अल्मोड़ा के स्कूल में दलितों को अलग और सवर्ण बच्चों को अलग खाना भोजनमाता द्वारा परोसा जा रहा है। वह समाज में दलितों के साथ होने वाले भेदभाव की बात करते हुए भोजनमाता से कुछ सवाल भी कर रहा है।
वीडियो वायरल होने के बाद स्कूल प्रशासन ने इसकी खबर पुलिस को दी तो दलित बच्चों के साथ स्कूलों में होने वाले भेदभाव का वीडियो बनाने वाला युवक बैकफुट पर जाता नजर आया। कहा गया कि उसने माफी मांग ली, साथ ही माफी मांगकर सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो डिलीट कर दिए, मगर इस मामले में अब खुलासा यह हो रहा है कि उस पर पुलिस ने दबाव डाला और तरह तरह की धमकी दी, जिसके बाद उसने यह कदम उठाया।
हालांकि जहां स्कूल प्रशासन द्वारा इसे असामाजिक तत्वों की हरकत ठहराया जा रहा है, वहीं अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भीम आर्मी के अलावा अब ग्रामीण भी हरीश राम के पक्ष में लामबंद होने लगे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि थाना दन्या में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा हरीश राम के साथ अभद्रता की गई और उसे डंडे मारकर अंदर बंद कर देने की धमकी भी दी गई, जिसके विरोध में ग्रामीण सोमवार 26 दिसंबर को जिला मुख्यालय पहुंचे थे। वहां जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन एसडीएम गोपाल सिंह चौहान को सौंपा गया और ग्रामीणों ने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष को पत्र भेजकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस बारे में जब जनज्वार संवाददाता ने स्कूल प्रशासन से बात की तो उसने मामला रफा दफा होने का दावा किया है, जबकि भीम आर्मी से जुड़े लोगों ने पुलिस पर वीडियो बनाने वाले युवक का उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया है। कहा है कि दबाव डालकर दलित युवक से माफी मंगवायी गयी और वीडियो डिलीट करवाये गये।
जानकारी के मुताबिक 12 दिसंबर को अल्मोड़ा जिले के धोलादेवी ब्लॉक स्थित थली गांव की प्राइमरी पाठशाला में थली गांव का ही एक युवक हरीश राम पुत्र तारी राम स्कूल में उस समय आ गया, जब स्कूल के बच्चे दोपहर के समय मिड डे मील का भोजन कर रहे थे। हरीश ने मौके पर दलित बच्चों को अलग बैठाकर खाना दिए जाने का न सिर्फ आरोप लगाया बल्कि जो वीडियो बनाया था, उसमें दलित बच्चे अलग खाना खाने हुए नजर भी आ रहे हैं। युवक ने मौके की वीडियोग्राफी करनी शुरू कर दी।
जनज्वार के पास आये वीडियो में हरीश राम कुमाउंनी भाषा में अपनी बात रखते नजर आ रहा है। मौके पर भोजनमाता के अलावा सहायक और एक अन्य शिक्षक नजर आ रहे हैं। बातचीत में हरीश राम कहता है कि लगातार दलितों के साथ भेदभाव होता आया है और जो शिक्षक यहां नजर आ रहे हैं, वह भी दलित ही हैं।
हालांकि मीडिया में इस स्कूल के हेडमास्टर जोकि दलित जाति से हैं का बयान आया है उसके मुताबिक आरोपी युवक इस दिन भी आकर वीडियो बनाने लगा। बाद में हेडमास्टर इस घटना से अपने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया तो उच्चाधिकारियों ने उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए, जिसके बाद आरोपी युवक के खिलाफ विद्यालय के अभिवावक संघ की ओर से अल्मोड़ा जिले के दनया थाने में शिकायत दी गई। शिकायत मिलने पर आरोपी युवक को जब थाने में तलब किया गया तो उसने वहां अपनी गलती मानते हुए सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो हटाने की लिखित सहमति दे दी।
इस मामले में जनज्वार से हुई बातचीत में विद्यालय के प्रधानाचार्य का कहना है कि वह खुद अनुसूचित समाज से दन्या क्षेत्र के ही निवासी हैं। विद्यालय की समिति में भी अनुसूचित समाज से जुड़े लोग हैं। उनके विद्यालय में अनुसूचित समाज के बच्चों के साथ भेदभाव की कोई घटना नहीं है। कुछ असामाजिक तत्व क्षेत्र का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे थे। इनके विषय में पुलिस को शिकायत दी गई थी, जिसके बाद आरोपी युवक ने अपने कृत्य के लिए माफीनामा दे दिया है।
दूसरी ओर इस मामले में भीम आर्मी ने पुलिस पर विद्यालय में घुसकर वीडियो बनाने वाले युवक हरीश राम का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे डराया धमकाया गया।