Bihar Shelter Home Kand Part 2 : 'SIT को वंदना गुप्ता ने धमकाया अगर मुझे गिरफ्तार किया तो मंत्रियों के नाम खोल दूंगी', पूर्व IPS का बड़ा दावा
'SIT को वंदना गुप्ता ने धमकाया अगर मुझे गिरफ्तार किया तो मंत्रियों के नाम खोल दूंगी', पूर्व IPS का बड़ा दावा
Bihar Shelter Home Kand Part 2 : पटना के गायघाट महिला रिमांड होम मामले (Gayghat Women Remand Home Case) की जांच हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार एसआईटी ने शुरू की है। शुक्रवार 18 फवरी को जांच अधिकारी काम्या मिश्रा ने बिहार बार काउंसिल के चेंबर नंबर 36 में बंद कमरे में तीन घंटे तक चली पूछताछ के आधार पर पहली पीड़िता का बयान दर्ज किया। पटना पुलिस ने सीआरपीसी (CRPC) की धारा 161 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज लिया है। इस बीच पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास (Ex IPS Amitabh Kumar Das) ने दावा किया है कि एसआईटी (SIT) राजनीतिक दबाव में काम कर रही है, इसलिए महिला रिमांड होम की अधीक्षिका वंदना गुप्ता (Vandana Gupta) पर हाथ नहीं डाल रही है। पूर्व आईपीएस का दावा है कि अगर वंदना गुप्ता की गिरफ्तारी की जाती है तो कई मंत्रियों के नाम सामने आ सकते हैं।
एक समाचार चैनल से बातचीत करते हुए पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास (Amitabh Kumar Das) ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट के सामने एडवोकेट जनरल ने कहा था कि इस केस की जांच डीएसपी या किसी ऊंचे रैंक के अधिकारी के द्वारा कराया जाए लेकिन जो आदेश निकला उसमें एक महिला दारोगा काम्या मिश्रा को केस का जांच अधिकारी (Investigation Officer) बना दिया गया। इसका मतलब हाईकोर्ट (Patna High Court) के साथ धोखाधड़ी हुई है। अब मुझे कुछ लोग बता रहे हैं कि एक एएसपी को इस केस का जांच अधिकारी बनाया गया है। अगर ऐसा हुआ है तो अच्छी बात है, यह हाईकोर्ट के आदेश का पालन होगा।
अमिताभ दास ने आगे कहा कि मैं बार-बार कह रहा हूं कि एसआईटी को मेरा बयान भी दर्ज करना चाहिए क्योंकि मैने शुरू से कहा है कि बिहार सरकार के मंत्रियों को लड़कियों की सप्लाई हो रही है और मैंने यह गंभीर आरोप लगाया है तो कुछ आधार पर लगाया है। एसआईटी मेरा बयान लेगी तो मैं यह बयान दूंगा। फिर मेरा बयान केस डायरी में दर्ज होगा। मुझे ऐसा लग रहा है कि एसआईटी पर कोई राजनीतिक दबाव है कि अमिताभ कुमार दास का बयान दर्ज न किया जाए क्योंकि इससे मामला और गंभीर हो जाएगा। हो सकता है जब मेरा बयान केस डायरी में दर्ज हो जाए तो माननीय हाईकोर्ट इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दे।
पूर्व आईपीएस ने आगे कहा कि यही डर है इसलिए एसआईटी पर राजनीतिक दबाव है। सीएम हाउस का दबाव है कि अमिताभ दास का बयान नहीं लिया जाना चाहिए, ये मैं साफ शब्दों में कह रहा हूं। इसलिए एसआईटी ने मुझसे अबतक कोई संपर्क नहीं किया है।
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे अपने सूत्रों से जो जानकारियां मिली हैं वो ये है कि वंदना गुप्ता, जो गायघाट शेल्टर होम की अधीक्षिका हैं, ने एसआईटी को धमकी दी है कि मुझे गिरफ्तार किया जाता है तो मैं सारे मंत्रियों के नाम खोल दूंगी। इसलिए एसआईटी की स्थिति कमजोर हो गई है। एसआईटी के सामने दिक्कत यह है कि इस केस में जो अभियुक्त बनाई गई है वंदना गुप्ता, उसे गिरफ्तार किया गया तो सारे मंत्रियों के नाम खोल देगी। उसके बाद तो ऐसा राजनीतिक भूचाल आएगा कि नीतीश कुमार की सरकार गिर जाएगी। इसी डर से एसआईटी वंदना गुप्ता की गिरफ्तारी नहीं कर रही है।'
बता दें कि गायघाट स्थित महिला रिमांड होम तब सुर्खियों में आ गया था जब यहां की दो युवतियों ने रिमांड होम की अधीक्षिका वंदना गुप्ता पर कई आरोप लगाए थे। बीते 29 जनवरी को सबसे पहले उत्तर प्रदेश की रहने वाली एक पीड़िता ने गंभीर आरोप लगाए थे। तब पटना पुलिस उसके लगाए आरोपों को नकारा था और कोई एफआईआर दर्ज नहीं की थी। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने मामले का सुओ मोटो लेते हुए प्रदेश सरकार और पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए आदेश दिया था कि पटना पुलिस पूरे मामले की जांच डीएसपी लेवल के अधिकारी से करवाए।