Champawat News : स्कूल में खाना बनाने वाली दलित महिला की जातिवादियों की वजह से गई नौकरी, अधिकारियों ने की नियुक्ति रद्द
(अधिकारियों ने दलित भोजनमाता की नियुक्ति को अवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया)
Champawat News : राजकीय इंटर कॉलेज सूखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति को लेकर उपजे विवाद का एसएमसी (School Management Committie) और पीटीए (Parent-Teacher Association) की खुली बैठक में पटाक्षेप हो गया है। मामले की जांच में आए एडी बेसिक अजय नौटियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित और बीईओ अंशुल बिष्ट ने जांच कर भोजनमाता की नियुक्ति को अवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। अब जल्द विज्ञप्ति जारी कर नए सिरे से भोजनमाता की नियुक्ति होगी।
टनकपुर (Tanakpur) तहसील के इस स्कूल में भोजनमाता की नियुक्ति प्रक्रिया में पहले सामान्य जाति की महिला और फिर अनुसूचित जाति (Schedule Caste) की महिला को भोजन माता नियुक्त किए जाने से खासा विवाद पैदा हो गया था। भोजन माता की नियुक्ति के लिए दोनो पक्ष ऐसे अड़े कि मामले को घोर जातिवादी टच देते हुए इसमें मासूम बच्चों तक का इस्तेमाल करते हुए सवर्ण समुदाय के लोगों ने अपने बच्चों को दलित भोजन माता के हाथ का खाना नहीं खाने दिया।
स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) और पीटीए की ओर से पहले गांव की ही एक परित्यक्ता गरीब सवर्ण महिला पुष्पा भट्ट को भोजनमाता नियुक्त किया गया था। इससे पहले कि पुष्पा कार्यभार संभालती, विद्यालय प्रशासन की ओर से एक दूसरी अनुसूचित जाति की महिला सुनीता देवी को भोजनमाता नियुक्त कर उसे कार्यभार सौंप दिया गया। इसका पता चला तो पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र जोशी व अभिभावक नियुक्ति के विरोध में खड़े हो गए।
भोजन माता पद पर अपने गुट की महिला की नियुक्ति के लिए सवर्ण तबके के लोगों ने अपने चिर-परिचित हथियार 'जातिवाद' को इस विवाद में प्रयोग करना शुरू कर दिया। एससी महिला को भोजनमाता बनाए जाने से सवर्ण जाति के बच्चों ने अपने अभिवावकों के कहने पर स्कूल में उसके हाथ का बनाया भोजन खाना बंद कर दिया। मामला उजागर हुआ तो प्रशासन और शिक्षा विभाग हरकत में आया।
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने आनन-फानन खंड शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा।
इस मामले में पहले बुधवार को एसएमसी और पीटीए की खुली बैठक होनी थी। लेकिन नैनीताल से एडी बेसिक अजय नौटियाल के मामले की जांच के लिए पहुंचने पर मंगलवार को ही एसएमसी और पीटीए की खुली बैठक आयोजित कर दी गई। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने और अभिलेखों की जांच में भोजनमाता की नियुक्ति अवैधानिक पाई गई है। इस पर नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अब जल्द नए सिरे से विज्ञप्ति जारी कर भोजन माता की नियुक्ति होगी। खुली बैठक में एसएमसी अध्यक्ष स्वरूप राम, पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र जोशी, ग्राम प्रधान जौल दीपक राम, ग्राम प्रधान श्यामलाताल जगदीश राम, बीडीसी सदस्य दीपा जोशी समेत काफी संख्या में अभिभावक मौजूद रहे।