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समाज

बिहार में ठाकुर के नल से पानी पीने पर मौत के घाट उतारे गये दलित शिवनाथ के हत्यारोपी अभी भी घूम रहे खुलेआम

Janjwar Desk
19 July 2023 6:16 AM GMT
बिहार में ठाकुर के नल से पानी पीने पर मौत के घाट उतारे गये दलित शिवनाथ के हत्यारोपी अभी भी घूम रहे खुलेआम
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दबंगों ने राजकुमार महतो को इसलिए बुरी तरह पीटने के बाद जान से मार डाला क्योंकि उसने अपनी मां को विक्रम सिंह के घर में बर्तन धोने तथा झाड़ू-पोछा लगाने से मना कर दिया था, जबकि विक्रम सिंह जबरन महिला पर ऐसा करने के लिए दबाव बना रहा था....

पटना। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और इंसाफ मंच के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल रविदास ने संयुक्त बयान जारी करके मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज में भाजपा के सामाजिक आधार से संबंध रखने वाले दबंगों द्वारा दलित समुदाय के शिवनाथ राम और सारण में कुर्मी जाति से आने वाले ऑटो ड्राइवर राजकुमार महतो की हत्या की कड़ी निंदा की है. नेताओं ने कहा कि दलितों व कमजोर समुदाय के खिलाफ दबंगों का यह हमला चिंताजनक है और महागठबंधन सरकार को इस पर गंभीर होना चाहिए. दबंगों की राजनीतिक व सामाजिक पृष्ठभूमि भाजपा की है. उनके बढ़े मनोबल के पीछे भाजपा का समर्थन बड़ा कारण है. इस प्रकार की भाजपाई मानसिकता को समाज से खत्म करने की जरूरत है.

मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज प्रखंड के परसौनी दुबे गांव में इसी महीने की 2 जुलाई को दलित समुदाय के 65 वर्षीय शिवनाथ राम की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई. विगत दिनों भाकपा-माले का एक सात सदस्यों का जांच दल घटनास्थल पर पहुंचा और मामले का जायजा लिया. ग्रामीणों ने जांच दल को बताया कि मृतक शिवनाथ राम आम की खरीद-बिक्री का काम करते थे. वे रात में सियाराम सिंह के मुर्गी फार्म की रखवाली भी करते थे. 2 जुलाई की सुबह करीब पांच बजे शौच से पहले बगल में स्थित अनेश ठाकुर के बथान पर पानी पीने गए. उसी समय अनेश ठाकुर व अन्य लोगों ने उन्हें अछूत कहकर अपमानित करते हुए बर्बर तरीके से पीटना शुरू कर दिया. जान बचाने के लिए शिवनाथ राम मुर्गी फार्म में घुसे, लेकिन मुर्गी फार्म में ही तीन लोगों द्वारा पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी गई.

इस मामले में साहेबगंज थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है (296/23 है), लेकिन अभी तक किसी भी हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं हुई है. उलटे शिवनाथ राम के परिजनों को पुलिस लगातार धमकी दे रही है. संभवतः हत्यारों से पैसा लेकर पुलिस मामले में शिथिलता बरत रही है. भाकपा-माले जांच दल ने पुलिस की भूमिका की निंदा की और हत्यारों के अविलंब गिरफ्तारी की मांग की. जांच दल में विश्वकर्मा शर्मा, वीरबहादुर सहनी, विद्यासागर, मुन्ना कुशवाहा, रामपीरित पासवान, हरिलाल राम और समीर शामिल थे.

सारण में युवक राजकुमार महतो की हत्या

सारण जिले के सोनपुर में सामंती दबंगों ने ऑटो रिक्शा चालक 24 वर्षीय राजकुमार महतो की हत्या पिछले दिनों कर दी. 9 जुलाई को घटित इस घटना की जांच करने माले का एक जांच दल सोनपुर पहुंचा. जांच के क्रम में पता चला कि दबंगों ने मृतक युवक की मां द्वारा उनके घर में बर्तन धोने तथा झाड़ू-पोछा लगाने से इंकार करने के कारण राजकुमार महतो को पीट पीटकर मार डाला.

मीडिया में आयी जानकारी के मुताबिक सैदपुर सोनपुर निवासी विक्रम सिंह ने राजकुमार महतो की मां से एक सप्ताह तक बर्तन-बासन तथा झाड़ू-पोछा लगाने के लिए कहा था. राजकुमार महतो ने अपनी मां को इस तरह का काम करने से मना कर दिया. इससे बौखलाए विक्रम सिंह गाली-गलौज पर उतर आए और दो दिन बाद राजकुमार महतो के घर जाकर पूरे परिवार की जमकर पिटाई कर दी. राजकुमार महतो को बुरी तरह से पीटा गया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई. राजकुमार टेम्पो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. उनके पीछे उनकी पत्नी तथा एक नन्ही सी बच्ची रह गई है.

सारण के माले जिला सचिव सभा राय ने स्थानीय प्रशासन की शिथिलता पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एक सप्ताह बाद भी किसी गिरफ्तारी का नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होने कहा कि यदि प्रशासन अपना काम नहीं करता तो बाध्य होकर माले को आंदोलन में उतरना पड़ेगा. भाकपा-माले सरकार से मृतक के परिवार को दस लाख रूपये तत्काल सहायता राशि देने और उनकी पत्नी व बेटी के भरण पोषण उठाने की मांग करती है. जांच दल में जिला सचिव सभा राय, जीवनंदन राय, जग्गू राय, रामेश्वर महतो, मधुसूदन ठाकुर, शंकर राय, नंदन यादव आदि शामिल थे.

बेंगलुरू में जारी विपक्षी दलों की बैठक के दरम्यान भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि हम एक अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहे हैं, जहां लोकतंत्र पर न केवल राज्य द्वारा बल्कि निजी उपद्रवी संगठनों द्वारा भी हमला किया जा रहा है. विपक्षी एकता संविधान और लोकतंत्र की रक्षा में लोकप्रिय जनगोलबंदी को प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. आगामी लोकसभा चुनाव को भाजपा द्वारा देश में जारी फासीवादी हमले-तानाशाही के खिलाफ एक बड़े जनांदोलन में बदल देने की जरूरत है.

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