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अमेठी में दलित शिक्षक की पत्नी और बच्चों संग घर में घुसकर हत्या, माले ने उठाये एनकाउंटर स्पेशलिस्ट योगी सरकार पर सवाल !

Janjwar Desk
4 Oct 2024 12:14 PM GMT
अमेठी में दलित शिक्षक की पत्नी और बच्चों संग घर में घुसकर हत्या, माले ने उठाये एनकाउंटर स्पेशलिस्ट योगी सरकार पर सवाल !
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file photo

अमेठी में हत्यारे शाम को सात बजे आते हैं और घर में घुसकर शिक्षक पति, पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की गोलियों से हत्या कर आराम से चले जाते हैं। यह उस कानून व्यवस्था की असलियत है, जिसकी मिसाल मुख्यमंत्री से लेकर आला भाजपा नेता देते हैं...

लखनऊ। अमेठी में दलित शिक्षक परिवार के सामूहिक हत्याकांड की खबर सामने आयी जिस पर भारी आक्रोश व्यक्त करते हुए भाकपा (माले) ने योगी सरकार की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है और दोषियों को कठोरतम सजा देने की मांग की है।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव इस जघन्य हत्याकांड पर कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी की एनकाउंटर बहादुर पुलिस आरोपियों की जानें लेने में आगे है, लेकिन नागरिकों की जान की रक्षा करने में फिसड्डी। अमेठी में हत्यारे शाम को सात बजे आते हैं और घर में घुसकर शिक्षक पति, पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की गोलियों से हत्या कर आराम से चले जाते हैं। यह उस कानून व्यवस्था की असलियत है, जिसकी मिसाल मुख्यमंत्री से लेकर आला भाजपा नेता देते हैं।

राज्य सचिव ने कहा कि हत्याकांड के लिए सरकार जिम्मेदार है। गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है, लिहाजा वे इसकी जवाबदेही लें। पुलिस ने लापरवाही न की होती, तो चार निर्दोष जानें बचाई जा सकती थीं। पुलिस को मालूम था कि रायबरेली निवासी शिक्षक सुनील कुमार की पत्नी पूनम भारती ने छेड़छाड़, मारपीट, जान से मारने की धमकी और एससी/एसटी एक्ट में बीते 18 अगस्त को जिले के ही चंदन वर्मा के विरुद्ध कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर रखी है। डेढ़ महीने तक पुलिस उस पर कुंडली मारे बैठी रही और कोई कार्रवाई नहीं की। खबर तो ये भी है कि कार्रवाई की जगह समझौता कराने की कोशिश की। इसका नतीजा यह हुआ कि अपराधी खुलेआम घूमता रहा और हत्याकांड हो गया।

माले नेता ने कहा कि दलितों और महिलाओं के प्रति प्रदेश सरकार का उपेक्षात्मक व गैर-जिम्मेदार नजरिया घटना के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक है। भाजपा को दलितों के सत्कार की याद तब आती है, जब उनका वोट लेना होता है, बाकी समय दुत्कार की नीति रहती है। दलित और महिला अपराधों के प्रति सरकार गंभीर होती, अपराधियों को संरक्षण देने से परहेज करती, तो हालात दूसरे होते। यह भी चर्चा में है कि उक्त एफआईआर में आरोपी की धमकियों के भय से ही शिक्षक परिवार रायबरेली छोड़कर पड़ोस के अमेठी जिले में किराए के मकान में रह रहा था।

राज्य सचिव ने कहा कि अपराधी चाहे जो हों, घटना में जघन्यतम अपराध हुआ है। मृतक परिवार को न्याय दिलाने के लिए हत्यारों को कठोरतम दंड देने के अलावा लापरवाही के लिए रायबरेली के एसपी समेत दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। परिजनों को मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।

इस बीच, उक्त घटना के खिलाफ रायबरेली जिलाधिकारी कार्यालय पर भाकपा (माले) ने शुक्रवार 4 अक्टूबर को प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी भेजा।

अमेठी की घटना पर रोष व्यक्त करते हुए नगीना से दलित सांसद चंद्रशेखर आजाद कहते हैं, 'अमेठी की घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज नही बल्कि जंगलराज है। अमेठी जिले में पूरे परिवार की हत्या उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की असली तस्वीर है, कि सच क्या है और प्रचार क्या है। सच यह है कि उत्तर प्रदेश में दलितों के जीवन की कोई गारंटी नही है, कल किसका नंबर होगा पता नही, और प्रचार यह है कि कानून व्यवस्था बहुत अच्छी है।

चंद्रशेखर आगे कहते हैं, 'घर में घुसकर सरकारी टीचर सुनील कुमार समेत पूरे परिवार पत्नी पूनम भारती दो मासूम बेटियों दृष्टि (5) और मिकी (2) की गोलीमार सामूहिक हत्या करने की घटना अति दुखद और दण्डनीय होने के साथ बता रही है कि दलितों की सुरक्षा दयनीय स्थिति में है और उनकी कहीं कोई सुनवाई नही होती, क्योंकि अगर पुलिस-प्रशासन द्वारा पूनम भारती की डेढ़ महीना पहले खुद के साथ छेड़खानी और जान से मारने की धमकी की शिकायत पर कार्यवाही की होती तो आज चार जान नही जाती। इस सामूहिक हत्याकांड के लिए पुलिस-प्रशासन की असंवेदनशीलता भी जिम्मेदार है।

चंद्रशेखर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी से मांग करते हैं कि वह मामले को गंभीरता से लें और 48 घंटे में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्यवाही करें और साथ ही असंवेदनशील पुलिसकर्मियों पर भी सख्त कार्यवाही करें, जिससे भविष्य में कोई अधिकारी ऐसी लापरवाही ना करे, अगर कार्यवाही में लापरवाही होती है तो मैं खुद अमेठी पहुंचकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिये, अमेठी जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठूंगा।

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