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फर्रुखाबाद में पेड़ से लटकी मिलीं दो दलित बच्चियों के मामले में उठने लगी उच्चस्तरीय जांच की मांग, सवालों में योगी सरकार

Janjwar Desk
29 Aug 2024 12:15 PM IST
फर्रुखाबाद में पेड़ से लटकी मिलीं दो दलित बच्चियों के मामले में उठने लगी उच्चस्तरीय जांच की मांग, सवालों में योगी सरकार
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UP में महिलाओं और बच्चियों को लेकर जो माहौल है और जिस तरह से उन पर हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, उसे देखते हुए फर्रुखाबाद की घटना के पीछे छुपे अपराध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता...

लखनऊ। फर्रुखाबाद में जन्माष्टमी का उत्सव देखने गईं दो दलित लड़कियों के शव पेड़ से लटकते मिलने की स्तब्ध कर देने वाली घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में भाकपा (माले) ने निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि परिजनों ने लड़कियों द्वारा आत्महत्या किये जाने की पुलिसिया थ्योरी से स्पष्ट रूप से इनकार किया है और हत्या कर लाश को लटका देने की आशंका जताई है। माले नेता ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों को लेकर जो माहौल है और जिस तरह से उन पर हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, उसे देखते हुए फर्रुखाबाद की घटना के पीछे छुपे अपराध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दलितों का खास तौर से बुरा हाल है। परिजनों की बात में सच्चाई हो सकती है।

दोनों सहेलियों में से एक बालिग थी और दूसरी उससे थोड़ी छोटी। सवाल है कि क्या दुष्कर्म जैसे अपराध को छुपाने के लिए उन्हें मारकर लटका दिया गया? जो भी हो, गहराई से जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। कामरेड सुधाकर ने कहा कि आगरा में इंजीनियरिंग की छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म की घटना में पुलिस की भूमिका ने पीड़िता को विक्षिप्त बना दिया। थानों के चक्कर लगा-लगा कर छात्रा थक गई। पुलिस कार्रवाई से टालमटोल करती रही।

अंतत: छात्रा को न्याय के लिए चौराहे पर कपड़े उतारने पड़े। तब जाकर पुलिस हरकत में आई और जिस आरोपी को वह पहले ही क्लीनचिट दे रही थी, उसे गिरफ्तार करना पड़ा। कुल मिलाकर प्रदेश में महिला सुरक्षा की स्थिति अत्यंत ही भयावह है। इसे स्वीकार करने और इस पर ध्यान देने के बजाय सरकार इस पर पर्दा डालने और अपनी पीठ थपथपाने में लगी है।

एक अन्य बयान में, माले राज्य सचिव ने आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने को आये दिन हो रही रेल दुर्घटनाओं और उसे रोक पाने में सरकार की विफलता से ध्यान बंटाने की कार्रवाई बताया। कहा कि नाम बदलने की कवायद से बेहतर होता सरकार यात्री सुरक्षा पर ध्यान देती।

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