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Dr Ratan Lal Arrest : डीयू के प्रोफेसर डॉ. रतन लाल गिरफ्तार, ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग पर की थी कथित 'अपमानजनक' टिप्पणी

Janjwar Desk
21 May 2022 1:04 AM IST
Dr Ratan Lal Arrest : डीयू के प्रोफेसर डॉ. रतन लाल गिरफ्तार, ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग पर की थी कथित अपमानजनक टिप्पणी
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Dr Ratan Lal Arrest : डीयू के प्रोफेसर डॉ. रतन लाल गिरफ्तार, ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग पर की थी कथित अपमानजनक टिप्पणी

Dr Ratan Lal Arrest : दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. रतन लाल को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है...

Dr Ratan Lal Arrest : वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग के दावों पर टिप्पणी को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. रतन लाल (Dr Ratan Lal Arrest) को गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम के वकील विनीत जिंदल की शिकायत के आधार पर डॉ. रतन लाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

सोशल मीडिया पर उनकी गिरफ्तारी (Dr Ratan Lal Arrest) निंदा की जा रही है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की जा रही है। पत्रकार सुमित चौहान ने अपने ट्वीट में लिखा- कुछ देर पहले दिल्ली पुलिस ने डॉ. रतन लाल को गिरफ्तार कर लिया है। डॉ. रतन लाल की गिरफ़्तारी विरोधी आवाज़ों को डराने की साज़िश के अलावा कुछ नहीं है। उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने उनकी गिरफ्तारी को लेकर ट्वीट कर लिखा- मस्जिद से जो सामग्री मिली है, उस पर इतिहासकार प्रोफेसर रतनलाल की एक राय है। वे जाने माने विद्वान हैं। बीजेपी सरकार उनसे असहमत हो सकती है लेकिन रात में दिल्ली यूनिवर्सिटी की कोठी से दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार करना गलत है।

एक अन्य पोस्ट में वरिष्ठ पत्रकार मंडल ने लिखा- अंबेडकरनामा के एडिटर, इतिहास के प्रोफ़ेसर तथा भारत के श्रेष्ठ इतिहासकार काशी प्रसाद जायसवाल के लेखन के शोधकर्ता डॉ. रतन लाल को गिरफ़्तार करके बीजेपी सरकार ने बहुजन बुद्धिजीवियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मुसलमानों के बाद दलितों की बारी।

एक दूसरे पोस्ट में मंडल ने लिखा- ये मत भूलिए कि जब मोदी सरकार ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में 13 प्वायंट रोस्टर लाकर SC, ST, OBC आरक्षण खत्म कर दिया था तो डॉक्टर रतनलाल ने सबसे आगे बढ़कर उसका विरोध किया था। आज उन्हें आपके समर्थन की जरूरत है।

लक्ष्मण यादव नाम के यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा- प्रोफेसर रतन लाल की बातों से असहमत होने वाले उनसे तर्क करते, लेख लिखते, बहस करते. ये भावना आहत करने का क्या तुक? ये पुलिसिया कार्यवाही क्यों? दिल्ली विश्वविद्यालय के पास दिल्ली पुलिस के साइबर सेल थाना, मौरिस नगर के सामने रतन लाल जी को रिहा करने के लिए लोग जुटने लगे हैं।

सीपीआईएमएल की सेंट्र पोलित ब्यूरो की सदस्य सुचेता डे ने लिखा- ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर मुस्लिम विरोधी सांप्रदायिक राजनीति पर अपनी राय व्यक्त करने के लिए डीयू के शिक्षक और दलित अधिकार कार्यकर्ता डॉ रतन लाल को देर रात गिरफ्तार किया गया है। मोदी सरकार हर हद पार कर रही है।

लेखक हंसराज मीणा ने अपने ट्वीट में लिखा- प्रो. रतन लाल की गिरफ्तारी भाजपा की दलितों के प्रति नफरत और दुर्भावना को उजागर करती है। मैं इस गिरफ्तारी का कड़ा विरोध और तत्काल उनकी रिहाई की मांग करता हूं।

गिरफ्तारी से पहले अपने ट्वीटर हैंडल से डॉ. रतन लाल ने लिखा- मीडिया मामले में लोगों की धार्मिक भावना आहत कर रही है। मीडिया ने तो मुझे पर ट्रायल चलाकर गुनाहगार घोषित कर दिया है। क्या मीडिया के लोगों को न्यायालय पर से भरोसा उठ गया है।

एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा- मैंने सिर्फ राय रखी है, आलोचना तो कबीर, पेरियार आंबेडकर ने किया है और भारत सरकार उनकी किताबों को छापती है।

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