गंगा में लाश बहाने से कोरोना तो नहीं लेकिन बढ़ेंगे दूसरे रोग : पूर्व निदेशक एम्स
जनज्वार। बिहार के बक्सर और उत्तर प्रदेश के उन्नाव-कानपुर में गंगा नदी में 200 से भी ज्यादा तैरती लाशें बरामद होने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या कोरोना और ज्यादा भयावह रूप लेगा, क्या इन लाशों से कोरोना फैलेगा।
ऐसे तमाम सवालों को लेकर जनज्वार ने एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा से बात की, जिन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस बात को झुठलाया कि कोरोना से मरे लोगों की लाश पानी में रहने से कोरोना फैलेगा। यानी अगर इन्हें जानवर खायेंगे तो उन्हें संक्रमण होगा और एक बार फिर यह एक चेन में इंसान के पास पहुंचेगा।
जनज्वार से हुई बातचीत में डॉ. एमसी मिश्रा ने कहा कि गंगा में लगातार लाशें फेंके जाने से कोरोना तो नहीं, मगर अन्य रोग फैलेंगे और यह भी समाज को अपने तरीके से प्रभावित करेंगे। कोरोना से होने वाली मौतों के अंतिम संस्कार का सबसे अच्छा तरीका लाशों का जलाना है, और इसके लिए सरकार को ज्यादा से ज्यादा विद्युत शवदाहगृह बनाने चाहिए जो आम इंसान के लिए सर्वशुलभ हों।
पहले से ही रोग की मार झेल रहे लोगों को अब अपनों के अंतिम संस्कार के लिए लाइन में तो खड़ा होना पड़ ही रहा है, साथ ही भारी-भरकम पैसा भी खर्च करना पड़ रहा है, जिस कारण गरीबों और लावारिसों की लाशें नदियों में बहायी जा रही हैं।