Begin typing your search above and press return to search.
समाज

Singer Farmani Naaz : हर हर शंभू... गाकर कट्टरपंथियों के निशाने पर आई फरमानी नाज, मौलाना ने कहा ऐसा गाना गुनाह

Janjwar Desk
1 Aug 2022 8:00 PM IST
Singer Farmani Naaz : हर हर शंभू... गाकर कट्टरपंथियों के निशाने पर आई फरमानी नाज, मौलाना ने कहा ऐसा गाना गुनाह
x
Singer Farmani Naaz : फरमानी ने जो गाना गाया है वह भी शरीयत के खिलाफ है, मुसलमान होने के बावजूद ऐसे गाने गाना गुनाह है, महिला को इससे परहेज करते हुए तौबा करनी चाहिए...

Singer Farmani Naaz : कांवड़ यात्रा के दौरान "हर हर शंभू" भजन गाने वाली मुजफ्फरनगर निकासी यूट्यूब सिंगर फरमानी नाज आजकल खास चर्चाओं में है। चर्चा की वजह है कि मुस्लिम कट्टरपंथियों को उनका भजन गाना रास नहीं आ रहा है। हालांकि अभी तक रिवायत के अनुसार मुस्लिम कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ कोई फतवा तो जारी नहीं किया है, लेकिन उन्हें दी जा रही हिदायतों की आड़ में सोशल मीडिया पर तैनात मजहबी पहरुए मामले को तूल देने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

फरमानी नाज की बात करें तो बता दें कि मुजफ्फरनगर की रहने वाली फरमानी नाज की शादी पांच साल पहले मेरठ के छोटा हसनपुर गांव निवासी इमरान से हुई थी। शादी के एक साल बाद बेटा होने के बाद से ही फरमानी को उसके बेटे की बीमारी के चलते ससुराल वाले फरमानी को परेशान कर मायके से पैसे लाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। ससुरालियों की इस हरकत से परेशान फरमानी अपने बेटे के साथ मायके में रहने लगी।

फरमानी के घर के निकट ही एक युवक राहुल उर्फ भूरा के पास बाहर से कुछ लोग वीडियो बनाने आते थे। एक दिन फरमानी घर के दरवाजे पर खड़ी एक गीत गुनगुना रही थी। यह गीत इन्हें इतना अच्छा लगा कि इन्होंने फरमानी की आवाज में इस गीत को रिकॉर्ड कर अपने यूट्यूब चैनल पर डाल दिया था। फरमानी का यह गीत इतना पापुलर हुआ कि इसके दम पर ही फरमानी इंडियन आइडल तक भी पहुंची, लेकिन बच्चे की तबीयत खराब होने के चलते उन्हें वापस आना पड़ा था। इंडियन आइडल में भले ही फरमानी शामिल न हो पाई हो, लेकिन इसके बाद से फरमानी की राह यूट्यूब सिंगर बनकर आसान हो चुकी थी। फरमानी ने अपना और अपने बच्चे के पालन पोषण का माध्यम गीतों को ही बना लिया।

विद्रूप देखिए मुसीबत के जिस दौर में फरमानी को मदद की दरकार थी, उस समय तो किसी ने कोई मदद नहीं की। लेकिन जैसे ही फरमानी के पास कुछ पैसे आने लगे तो लोगों का इगो हर्ट होने लगा। एक महिला की बढ़ती लोकप्रियता देखकर लोगों की कुढ़न बढ़ती जा रही थी। किसी की कुछ कहने की हिम्मत इसलिए भी नहीं हो पा रही थी कि मुसीबत के दौर में कोई फरमानी का दर्द बांटने नहीं आया था। इसी बीच ऐसा हुआ कि कांवड़ मेले के लिए फरमानी का एक भजन हर हर शंभू नाम से रिलीज हुआ। इस भजन ने भी और गीतों की तरह जब तहलका मचाया तो कट्टरपंथियों को इसके बहाने फरमानी पर हमला करने का पूरा मौका मिल गया। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार होने के कारण कट्टरपंथी खुलकर अपनी मनमानी नहीं कर सक रहे थे थे, लिहाजा फरमानी को इशारों इशारों में समझाने का सिलसिला शुरू हुआ।

मुफ्ती असद कासमी ने इस मामले में कहा कि इस्लाम में शरीयत के अंदर कोई भी किसी भी तरह का गाना गाना जायज नहीं है। मुसलमान होते हुए अगर कोई गाना गाता है तो यह गुनाह है। किसी भी तरीके के गाने हों उनसे परहेज करते हुए बचना चाहिए। फरमानी ने जो गाना गाया है वह भी शरीयत के खिलाफ है। मुसलमान होने के बावजूद ऐसे गाने गाना गुनाह है। महिला को इससे परहेज करते हुए तौबा करनी चाहिए।

देवबंदी उलेमा ने नसीहत देते हुए कहा है कि इस्लाम में किसी भी तरह का गाना नहीं गाना चाहिए, ये इस्लाम के खिलाफ है। इसलिए फरमानी को इससे तौबा करनी चाहिए।

इस मामले को लेकर फरमानी नाज का कहना है कि हम गरीब लोग हैं। पति ने मुझे छोड़कर दूसरी शादी कर ली है। मैं अब यह गाने गाकर ही अपना परिवार चला रही हूं। हर हर शंभू भजन को स्टूडियो ने निकाला है। किसी भी गीत को मैं कभी भी यह सोचकर नहीं गाती कि वह किस धर्म से हैं और मैं किस धर्म से हम। मैं केवल एक कलाकार हूं। यूट्यूब पर हमारा कव्वाली का भी चैनल चलता है तो भक्ति का भी चैनल चलता है। वह केवल एक कलाकार हैं। ऐसे में उन्हें हर तरह के गीत गाने पड़ते हैं।

वैसे एक तरफ जब फरमानी कुछ लोगों की आलोचना का शिकार हो रही है तो ऐसे में उनकी मां उनके साथ पूरी ताकत से खड़ी है। फरमानी की मां का कहना है कि कांवड़ यात्रा में बेटी ने गाना गाया था। उस पर कुछ लोगों को एतराज है, लेकिन एतराज तो लोग करते ही हैं कि मुसलमान की लड़की गाना गा रही है। उसे तो हर तरह के गाने गाने पड़ते हैं। अपने बच्चे को पालने के लिए तो उसे सब कुछ करना ही पड़ेगा। फरमानी अगर भजन गाती है तो कव्वाली भी तो गाती हैं। कुछ लोगों को यह बात अच्छी नहीं लग रही है इसलिए वह ऐसा बोल रहे हैं। वह इसी गाने से अपने बच्चे को पाल रही है तो इसमें बुरा क्या है। मेरी बेटी का गीत इतना अच्छा है कि मंत्री संजीव बालियान ने भी हमारी बेटी को सम्मानित भी किया है। इतना ही नहीं उन्होंने उसके बच्चे का इलाज कराने में भी मदद की है।

Next Story

विविध