महिलाओं से दरिंदगी के मामले में मोदी का गुजरात भी नहीं कम, 7 साल की बच्ची से गैंगरेप के बाद नृशंस हत्या
पुलिस टीम के साथ पकड़ा गया बच्ची के रेप और नृशंस हत्या का एक आरोपी
दत्तेश भावसार की रिपोर्ट
कच्छ, जनज्वार। भाजपा के राज में गुजरात में कानून व्यवस्था की स्थिति के ऊपर कई सवालिया निशान लगने लगे हैं और धीरे धीरे यह राज्य जंगलराज की तरफ बढ़ रहा है। महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार की घटनाएं यहां भी सरेआम होने लगी हैं।
ताजा घटना गुजरात के कच्छ जिले के समखियाली पुलिस स्टेशन इलाके में आने वाले लाखापर गांव की है। लाखापर गांव में नमक बनाने के काम मजदूरी करते मजदूर की 7 साल की बच्ची साथ हुई है। नमक मजदूर की 7 साल की बच्ची को उसी के कुछ परिचित लोगों ने अगवा किया और उसके साथ दरिंदगी की। रेप के बाद नृशंस तरीके से बच्ची को मौत के घाट उतार दिया गया। बच्ची की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।
घटनाक्रम के मुताबिक 27 अक्टूबर को बच्ची को उसकी मां ने अपने घर के पास बनी पानी की टंकी में पानी चेक करने के लिए भेजा था। उसके बाद बच्ची का कोई अता-पता नहीं चला। गांव के सारे लोगों ने और पुलिस ने भी पूरी रात चप्पा चप्पा ढूंढ़ा, पर कहीं पर भी बच्ची नहीं मिली।
अपने घर के पास ही बने एक बंद मकान के रसोईघर से 28 अक्टूबर की सुबह बच्ची की लाश बरामद की गई। हालांकि रात को पुलिस और ग्रामीणों ने उस घर की भी तलाशी ली थी, मगर तब उन्हें कुछ नहीं मिला था, न लाश और न ही जिंदा बच्ची। सवेरे उस घर से लाश बरामद होने के बाद कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
बच्ची की लाश के पास देसी दारू की कुछ खाली थैलियां भी बरामद की गईं। गौरतलब है कि पूरे लाखापर गांव में सीसीटीवी कैमरा लगे हुए हैं, लेकिन एक भी सीसीटीवी कैमरा चालू हालत में न होने के कारण समय से उस बच्ची तक नहीं पहुंचा जा सका और मासूम बच्ची को दरिंदों ने अपनी हवस का शिकार बनाकर मौत के घाट उतार दिया।
इस मामले में जांच कर रही पुलिस का कहना है कि यह घटना 27 तारीख को अंजाम दी गई थी। बच्ची की गुमशुदगी की शिकायत पुलिस ने 27 अक्टूबर को लिखी थी और 28 तारीख को सुबह 5 बजे FIR दर्ज की गयी। पुलिस ने बच्ची की हत्या और बलात्कार के एक आरोपी को पकड़ लिया है।
पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 336,302,376(3) पोक्सो 4,6 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पकड़े गये आरोपी का नाम विजय प्रताप भाई हमीर भाई कोली है, जिसकी उम्र 22 की है।
दरिंदगी की शिकार बनी बच्ची के मामा ने जनज्वार से हुई बातचीत में कहा, गुड़िया को घर के पास बनी पानी की टंकी में पानी देखने के लिए उसकी मां ने भेजा था। एक घंटे तक न लौटने पर उसकी मां ने बाकी घर वालों को सूचित किया। बाद में सारे लोगों ने और गांव वालों ने पुलिस की मदद से छानबीन शुरू की। देर रात तक गुड़िया की कोई खबर न मिलने पर परिवार जनों ने दुर्घटना की आशंका से कई पानी की टंकियां और छोटे तालाब पोखर भी चेक किए, परंतु गुड़िया की कोई खबर ना मिलने पर गुमशुदा की रिपोर्ट समखियली थाने में लिखवाई थी।
वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कई महिला संगठनों ने भी चिंता व्यक्त की है। प्रेरणा महिला मंडल की वंदना बहन कहती हैं, ऐसी घटनाएं पूरे समाज के लिए लांछन के समान हैं। पूर्व में भी ऐसी घटनाओं पर कोई ठोस कार्यवाही या ना होने से गुना करने वाले लोगों के हौसले बुलंद रहते हैं।
वंदना बहन कहती हैं, इस मामले में एक आरोपी को पुलिस ने धर दबोचा है, लेकिन पूरे मामले की बारीकी से तफ्तीश होनी चाहिए और जो भी गुनहगार हैं उनको फांसी की सजा मिलनी चाहिए। इस मामले में अगर थोड़ी सी भी कोताही बरती जाएगी तो विवश होकर उनको गुड़िया को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा, ताकि गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए और आने वाले समय में ऐसे गुनाह करने वालों की रूह कांप जाए।
इसी इलाके में रापर के नजदीक एक गांव में महिला सरपंच के बेटे ने चाकू की नोक पर विवाहित महिला से अपने दोस्तों के साथ मिलकर गैंगरेप किया है। इस घटनार में भी पुलिस स्टेशन में फरियाद दर्ज करवाई गई है। इस घटना के बाद भी पुलिस पर कई सवालिया उठ रहे हैं।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले इसी इलाके में 4 साल की एक मासूम बच्ची के साथ बलात्कार किया गया था। बच्ची के बलात्कार के आरोपियों को पुलिस ने कई माह के बाद गिरफ्तार किया था। पुलिस द्वारा जिस तरह ऐसे मामलों में हल्के तरीके से जांच की जाती, आरोपियों पर शिकंजा नहीं कसा जाता, उससे ऐसा गुनाह करने वाले अपराधियों के मन से कानून का डर बिल्कुल खत्म होता दिख रहा है।
कानून अगर ठीक से काम करता तो एक के बाद एक बच्चियां, बुजुर्ग, जवान महिलायें बलात्कारियों और हत्यारों का निशाना नहीं बनतीं। कच्छ जिले में पिछले कुछ माह में ऐसी कई नृशंस घटनाएं सामने आयी हैं, जिनमें बच्चियों या महिलाओं की रेप के बाद हत्या कर दी गयी।
हाल ही में मांडवी के नजदीक भी एक 14 साल की बच्ची के साथ कुछ अप्रिय घटना की फरियाद दर्ज की गई थी। तब उस बच्ची को समझा-बुझाकर मामले को शांत करवाया गया। इस मामले में भी कई राजनीतिक लोगों की भूमिकाओं पर सवाल खड़े हुए थे।
पूरे गुजरात की बात करें तो हर रोज किसी ना किसी जगह से बलात्कार या महिलाओं के शोषण की घटनाओं के समाचार सामने आते रहते हैं। गुजरात पुलिस ज्यादातर राजकीय विरोधियों की आवाज दबाने में अपनी शक्ति का इस्तेमाल करती है, लेकिन सामान्य महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पुलिस प्रशासन गंभीरता दिखा रहा हो, ऐसा दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा।
अगर पूरे गुजरात की बात की जाए तो आए दिन पूरे गुजरात में महिलाओं के ऊपर अत्याचार और बलात्कार की घटनाओं में बहुत ही वृद्धि देखी गई है। ऐसे मामलों में प्रशासन की तरफ से देरी से भी अपराधिक मानसिकता रखने वाले अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं। यह पूरे समाज के लिए बहुत ही घातक साबित हो सकता है।