मोदीराज में 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' रैंकिंग में 4 पायदान और नीचे खिसका भारत, पाकिस्तान-बांग्लादेश-नेपाल से भी भयानक हालात
(मोदी सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाने के दावे करती है लेकिन भुखमरी सूचकांक में भारत और नीचे चला गया है)
Global Hunger Index 2023 : कल 12 अक्टूबर को ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी किया गया है, जिसमें भारत का स्कोर 28.7 फीसदी है, यानी हमारा देश ऐसे हालातों से गुजर रहा है जहां भयानक भुखमरी कायम है। इससे पहले 2022 में भारत की रैंकिंग 107 थी और अब 4 पायदान और नीचे गिरकर 111 पर पहुंच गये हैं। वहीं जिन पड़ोसी देशों को हम बहुत गरीब मानते हैं, हमारे मुकाबले कहीं आगे हैं।
भारत के हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका भी हमसे अच्छी स्थिति में हैं। असल में ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) ग्लोबल, रीजनल और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और ट्रैक करने का एक टूल है, जिसके आधार पर हर देश की वस्तुस्थिति का पता चलता है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स को प्रत्येक साल कंसर्न वर्ल्डवाइड और वर्ल्ड हंगर हेल्प (जर्मनी में Welthungerhilfe) नामक यूरोपियन NGO तैयार करते हैं। दुनियाभर के अलग-अलग देशों में 4 पैमानों का आंकलन करने के बाद यह इंडेक्स तैयार होता है और इसे प्रामाणिक माना जाता रहा है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2023 की लिस्ट में दुनियाभर के 125 देशों में भारत को 111वां स्थान मिला है। भारत की रैंकिग में लगातार तीसरे साल गिरावट दर्ज की गई है। यानी यह तीनों साल मोदी शासन के हैं, जोकि भारत के विकास के तमाम दावे करते रहते हैं, जबकि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 28.7 स्कोर के साथ भारत में भुखमरी की स्थिति को बहुत गंभीर बताया गया है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में 121 देशों की लिस्ट में भारत का 107 नंबर था, तो 2021 में हम 101वें स्थान पर थे।
मोदी सरकार ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स की सिरे से खारिज करते हुए गलत और भ्रामक बताया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बयान जारी किया है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स भारत की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है और हमारे देश की छवि खराब करने के लिए ऐसी रिपोर्ट पेश की गयी है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने तर्क दिया है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स के चार में से तीन इंडिकेटर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं, जोकि पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं और चौथा व सबसे महत्वपूर्ण इंडिकेटर ओपिनियन पोल पर आधारित है, इसलिए भारत को बदनाम करने और हमारी छवि को ठेस पहुंचाने के लिए गलत रिपोर्ट पेश की गयी है।
गौरतलब है कि जब पिछले साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 की रिपोर्ट सामने आयी थी तब भी मोदी सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय यानी स्मृति ईरानी ने रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया था। उससे पहले भी यानी 2020 और 2021 ग्लोबल हंगर इंडेक्स को मोदी सरकार ने नकारते हुए खारिज कर दिया था। मंत्रालय की तरफ से मीडिया में बयान दिया गया था कि वैश्विक भूख का हिसाब लगाने के लिए केवल बच्चों पर केंद्रित माप (मैट्रिक्स) का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। भूख मापने के ग्लोबल हंगर इंडेक्स के तरीके को स्मृति ईरानी के मंत्रालय ने गलत ठहरा दिया था। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 को लेकर मंत्रालय की तरफ यह भी कहा गया था कि इसमें भूख का हिसाब लगाने के जिन 4 तरीकों का इस्तेमाल किया गया है, उसमें से 3 केवल बच्चों की सेहत पर आधारित है।'
इसीलिए ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट 2023 जारी होने के बाद कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया है 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' की रैंकिंग में हम 4 पायदान और नीचे गिर गये हैं। 2023: 111, 2022: 107, यह ग़ुरबत और भुखमरी का प्रमाण है। आँखों पर पट्टी बांधे मोदी सरकार कहेगी सब चंगा सी और स्मृति ईरानी कहेंगी यह आँकड़े वस्तुतः स्थिति नहीं दिखाते हैं।'
वैश्विक भूख सूचकांक यानी 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' 2023 में पाकिस्तान 102वें स्थान पर है तो वहीं बांग्लादेश 81वें स्थान पर और नेपाल 69वें स्थान पर है तो श्रीलंका 60वें स्थान पर है। यानी पिछले साल महंगाई के चरम को छूता श्रीलंका हमसे बहुत आगे है।