Indian Army Iftar Party : सेना ने इफ्तार पार्टी कर कहा 'जिंदा रखेंगे धर्मनिरपेक्ष परंपरा', सुरेश चव्हाणके ने बताया 'बीमारी' तो रक्षा PRO ने पोस्ट हटाया
Indian Army Iftar Party : सेना ने इफ्तार पार्टी कर कहा 'जिंदा रखेंगे धर्मनिरपेक्ष परंपरा', सुरेश च्वहाणके ने बताया 'बीमारी' तो रक्षा PRO ने पोस्ट हटाया
Indian Army Iftar Party : जम्मू के डोडा में सेना के अधिकारियों के द्वारा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था। इस इफ्तार पार्टी में सेना (Indian Army) के अधिकारी जवान और स्थानीय लोग भी शामिल हुए। जम्मू में सेना के रक्षा पीआरओ इस उत्सव की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जिसके बाद वह काफी वायरल हो गयी थीं। लेकिन इन तस्वीरों पर बवाल मचने के बाद सेना के पीआरओ (PRO Defence Jammu) ने पोस्ट को ही डिलीट कर दिया।
सेना के पीआरओ की ओर से पोस्ट में लिखा गया था- धर्मनिरपेक्षता की परंपरा को जिंदा रखते हुए डोडा के अरनोरा में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। इस ट्वीट को गृहमंत्रालय, रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता, जम्मू कश्मीर के एलजी, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय सेना की उत्तरी कमान को भी टैग किया गया था।
सेना का यह ट्वीट सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक को रास नहीं आया तो उन्होंने इन तस्वीरों को रिट्वीट करते हुए लिखा कि 'अब ये बीमारी भारतीय सेना में भी घुस गई है। दुखद।' सुरेश चव्हाणके के इस ट्वीट का दक्षिणपंथी ट्विटर यूजर्स ने जमकर समर्थन किया। आलोचनाओं के बाद में रक्षा पीआरओ जम्मू ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
रक्षा पीआरओ की ओर से साझा की गई तस्वीरों में इफ्तार सभा में राष्ट्रीय राइफल्स के डेल्टा फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, स्थानीय मुसलमानों के साथ बातचीत करते हुए और एक वर्दीधारी व्यक्ति को नागरिकों के साथ नमाज अदा करते हुए दिखाया गया था।
इस ट्वीट को हटाने के बाद कई पत्रकारों और सेना के पूर्व अधिकारियों ने निराशा जाहिर की है। पत्रकार व लेखक मन अमन सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि धर्मनिरपेक्षता का आखिरी किला भी डगमगा रहा है।
PRO Defence Jammu choses to delete the tweet on secularism,which had photographs of Iftaar organised by Indian Army in Doda during Ramazan, after Sudarshan TV Editor Suresh Chavhanke hit out at the Army on twitter over the event.
— Man Aman Singh Chhina (@manaman_chhina) April 23, 2022
The last bastion of secularism is tottering. pic.twitter.com/3AoZtICvSg
सेना के पश्चिमी कमांड के पूर्व जनरल ऑफिस कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल तेज सप्रू (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ट्वीट में कुछ भी गलत नहीं था। इसका जोरदार बचाव किया जाना चाहिए। सेना उग्रवाद प्रभावित इलाके में इफ्तार करती है क्योंकि स्थानीय आबादी तक पहुंचना और आतंकियों से लड़ने का यह एक अभिन्न अंग है। जम्मू कश्मीर के हिस्से के मुसलमान आपसे या मुझसे ज्यादा भारतीय हैं। सेना किसी अन्य धर्म के लिए भी यही काम करेगी दि उस क्षेत्र में संघर्ष होता और जिससे वह निपट रही होती। वास्तव में हम ऐसा पूर्वोत्तर में भी ईसाई आबादी तक पहुंचकर करते हैं। इसका धर्म या राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और यह विशुद्ध रूप से लोगों को अपने साथ लेकर आतंकवाद से लड़ने का एक साधन है।