Indirapuram Cyber Crime News : बीमा कंपनी के कर्मचारी बनकर ठगों ने की 550 लोगों से 50 करोड़ की ठगी

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Indirapuram Cyber Crime News : उत्तर प्रदेश के जिले गाजियाबाद के इंदिरापुरम (Indirapuram) में पुलिस ने बीमा कंपनी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के 3 ठगों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह बीमा कंपनी की पॉलिसी मैच्योर होने का झांसा देकर रकम दिलाने वादा करता था और लोगों से अपने बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाकर उनसे ठगी करता था। यह गिरोह बीमा के नाम पर अबतक 550 से ज्यादा लोगों से 50 करोड़ की ठगी को अंजाम दे चुके है।
साइबर सेल ने किया 3 ठगों को गिरफ्तार
पुलिस की साइबर सेल ने मंगलवार 12 अक्टूबर को से ठगों के इस गिरोह का पर्दाफाश किया और इंदिरापुरम से 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ठगी के मामलों की शिकायतें मिलने पर बहुत दिनों से इस गिरोह की तलाश कर रही थी। साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ इंदिरापुरम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी थी। जिसके बाद से पुलिस इनकी तलाश में जुटी थी। जिस नंबर से कॉल कर ये लोगों को ठगते थे, वो नंबर मंगलवार की शाम इंदिरापुरम में सक्रिय मिला। तीनों आरोपी इंदिरापुरम के कनावनी में शराब पीने आए थे। जानकारी मिलने पर साइबर सेल ने मोबाइल की लोकेशन के जरिए इन्हें पकड़ लिया। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह में 6 लोग हैं। ये दिल्ली के लक्ष्मीनगर में फर्जी कॉल सेंटर चलाते हैं।
तीनों आरोपियों की पहचान
इंदिरापुरम में पकडे गए तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और बाकि 3 आरोपियों के बारे में पूछताछ कर रही है। पुलिस ने आरोपियों की पहचान बताई। धीरज तंवर जिसकी उम्र 32 साल है और बीए पास किया है, उसकी पत्नी हुमा खान जिसकी उम्र 25 वर्ष है। जो 12वीं पास है। ये दोनों पॉम वैली गौतमबुद्धनगर के निवासी हैं। तीसरे आरोपी की पहचान अक्षय के रूप में हुई है। इसकी उम्र 30 साल है और ये भी 12वीं पास है। आरोपी अभय दिल्ली के बाबरपुर शाहदरा का रहने वाला है।
4 साल पहले शुरू किया था ठगी का धंधा
सीओ अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि धीरज, हूमा और गिरोह के अन्य सदस्य नोएडा की एक निजी बीमा कंपनी में नौकरी करते हैं। वहां जो लोग पॉलिसी करवाने आते थे उनका डेटा हूमा के पास होता था। नौकरी के दौरान धीरज और एक अन्य मास्टरमाइंड ने बीमा पूरी होने का बहाना बनाकर लोगों के साथ ठगी करने की योजना बनाई। दोनों ने हूमा, अक्षय के साथ मिलकर चार साल पहले फर्जी कॉल सेंटर खोला। इसका संचालक अक्षय को बनाया गया।
ऐसे देते थे ठगी को अंजाम
पुलिस की पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी हूमा कंपनी से डेटा चुराकर धीरज और अक्षय को देती थी। फिर ये लोग बीमा धारक को बैंक अधिकारी बनकर फोन करते और बीमा मैच्योर होने, प्रीमियम भरने के साथ नई स्कीम का झांसा देकर रकम जमा करवाते थे। बीमा के पूरा होने पर रकम भुगतान कराने का झांसा देते थे। जिन लोगों की पॉलिसी किस्त बीच में रुक जाती थी, उनकी परेशानी को दूर करने का झांसा देकर खाते में लाखों रुपये की ट्रांजेक्शन करा लेते थे। ठगी का सारा पैसा सभी छह लोगों के बीच बांटा जाता था, जिसमे हूमा को 30 फीसदी कमीशन मिलता था।
आरोपियों के पास से बरामद सामान
सीओ अभय कुमार मिश्रा ने बताया आरोपियों के पास से 23 लाख की कार, चार मोबाइल, 125 डाटा पेपरशीट, 17 चेक और 97 हजार रुपये बरामद किये गए हैं। तीनों ने ठगी के रुपयों से दिल्ली में फ्लैट और 10 दिन पहले ही लग्जरी गाड़ी खरीदी थी। साथ ही बताया कि ठगों के पास से 12 खाते मिले हैं। जिसमें एक खाते में तीन करोड़ की ट्रांजेक्शन मिली है। आरोपियों ने बताया कि यह पॉलिसी और होल्डर पर निर्भर करता था कि उसको किस प्रकार जाल में फंसाया जाए और कितना पैसा ठगा जाए। पुलिस द्वारा नोएडा की उस निजी बीमा कंपनी की भी जांच की जा रही है, जहां आरोपी काम करते थे।
तीनों आरोपियों में बंटा हुआ था काम
पुलिस की पूछताछ के दौरान इस गिरोह का सच सामने आया। बताया गया कि सभी आरोपियों का अलग-अलग काम था। आरोपी हूमा खान का काम था कंपनी से बीमा होल्डर्स का डेटा चुराना। फर्जी बैंक खातों के एटीएम, नेटबैकिंग का लॉग इन रखना, पैसा ट्रांसफर करना व निकालना। धीरज तंवर का काम था लोगों को कॉल कर उन्हें विभिन्न तरह से लालच देकर फंसाना। प्रमुख आरोपी अभय का काम था फर्जी कॉल सेंटर का संचालन करना।
पुलिस के नाम पर देते थे जान से मारने की धमकी
पुलिस ने बताया कि ठगों ने परिवहन अपार्टमेंट में रहने वाले शिवाजी सरकार से 86 लाख 90 हजार 576 रुपये ठग लिए थे। पीड़ित ने 2016 में अपने बेटे अंकित सरकार के नाम पर बीमा कराया था। 2019 में बीमे की किस्त जमा नहीं करा पाए थे। जिसका डेटा ठगों के पास पहुंच गया। उन्होंने शिवाजी सरकार को फोन किया और खुद को बीमा कंपनी का अधिकारी बताकर पूरा पैसा दिलाने का झांसा दिया। इस दौरान किस्त के नाम पर पीड़ित के खाते से 86 लाख 90 हजार रुपये अपने बैंक आकउंट में ट्रांसफर करवा लिए। ठगी का पता चलने पर शिवाजी ने ठगों से अपने रुपये वापस मांगे तो आरोपियों ने परिवार सहित जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित को ठगों का शिकार होने पर बैंक से अपनी एफडी भी तोड़नी पड़ी थी। जिसकी रिपोर्ट उन्होंने इंदिरापुरम थाने में दर्ज कराई थी।
कई फर्जी कॉल सेंटर्स का हो चुका पर्दाफाश
16 जनवरी को भविष्य बताने के नाम पर कॉल सेंटर चलाकर ठगी करने वाले चार आरोपियों को इंदिरापुरम से गिरफ्तार किया गया था।
10 फरवरी को देश-विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपियों को इंदिरापुरम से पकड़ा गया था।
07 मार्च को ज्योतिषी के नाम पर ठगने वाले गिरोह के सात आरोपी साहिबाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किए।
09 अप्रैल को पॉलिसी में डबल प्रीमियम देने की बात कहकर ठगी करने वाले सात लोग पकड़े गए।
13 अप्रैल को सॉफ्टवेयर अपडेट के नाम पर ठगी करने वाले छह बदमाशों को साइबर सेल ने गिफ्तार किया।
22 अप्रैल को जॉब सर्च कंपनी से डाटा लेकर हजारों लोगों को चूना लगाने वाले दो आरोपी गिरफ्तार किया गया था।
23 जुलाई को पुलिस ने साहिबाबाद के राजेंद्र नगर में ठगी का कॉल सेंटर पकड़ा और पांच लोग दबोचे गए।
05 सितंबर को वसुंधरा में एलआईसी की पॉलिसी के नाम पर लोगों को ठगने वाले गैंग के तीन लोग पुलिस की गिरफ्त में आए।
01 अक्तूबर को कौशांबी के मॉल में कॉल सेंटर खोलकर 30 हजार लोगों से 50 करोड़ ठगने वाले दो ठग पकड़े गए।





