अंकिता हत्याकांड का रहस्य जानना हुआ मुश्किल, नार्को टेस्ट के लिए आरोपी नहीं तैयार, अगली सुनवाई 3 जनवरी को
Ankita Murder Case: अंकिता हत्याकांड को लेकर PM रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, मर्डर से पहले नहीं हुई रेप की पुष्टि
Ankita Bhandari murder case : उत्तराखंड के चर्चित अंकिता हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी जिस नार्को टेस्ट के सहारे हत्याकांड के अनसुलझे रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर रही थी, उस नार्को टेस्ट पर ही संकट के बादल गहरा गए हैं। जेल में बंद इस हत्याकांड के तीनों आरोपी नार्को टेस्ट से इतने डरे हुए हैं कि पूर्व में जिन दो आरोपियों द्वारा लिखित में अपना नार्को टेस्ट कराने की अनुमति दे दी गई थी वह भी अब टेस्ट कराने से मुकर गए हैं। जबकि जिस तीसरे आरोपी ने नार्को टेस्ट पर 10 दिन का समय विचार करने के लिए मांगा था वह भी टेस्ट कराने को तैयार नहीं है। इसके बाद मामले की सुनवाई के लिए कोटद्वार की कोर्ट ने 3 जनवरी 2023 की तारीख तय की गई है।
अंकिता हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) की पकड़ से अभी कई सबूत बाहर चल रहे हैं। जिसमें अंकिता और पुल्कित का एक संदिग्ध मोबाइल शामिल है। इसके अलावा सामान्य पूछताछ में आरोपियों ने उस वीवीआईपी के बारे में भी मुंह नहीं खोला था जिसको स्पेशल सर्विस न दिए जाने के कारण अंकिता की हत्या किया जाना समझा जा रहा है। हत्याकांड में एक आशंका यह भी थी कि वीवीआईपी को स्पेशल सर्विस दिए जाने का दबाव बनाने पर अंकिता ने मना करने के साथ ही पुल्कित के रिजॉर्ट में चल रही संदिग्ध गतिविधियों की पोल खोलने की धमकी तो नहीं दी, जो उसकी मौत की वजह बनी। अपने साथ हुई आपबीती बताने के लिए अंकिता इस संसार में है नहीं और आरोपी अपना मुंह खोलने के लिए तैयार (या पुलिस मुंह खुलवा नहीं पा रही) नहीं हैं। ऐसे में जांच को लेकर आलोचनाएं झेल रही एसआईटी ने अंकिता मर्डर केस के तीनों आरोपियों के नार्काे टेस्ट के लिए कोटद्वार की अदालत में आवेदन किया था।
नार्को टेस्ट के लिए आरोपियों से लेनी वाली सहमति की प्रक्रिया के आरंभ में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य व सौरभ द्वारा अदालत को अपना नार्को टेस्ट कराए जाने की लिखित स्वीकृति दे दी गई थी, लेकिन तीसरे आरोपी अंकित ने इस बारे में सोचने के लिए दस दिन का समय मांगा गया था। बृहस्पतिवार 22 दिसंबर को दस दिन पूरे होने पर आरोपियों के नार्को टेस्ट का फैसला आज अदालत को करना था।
लेकिन आरोपियों के वकील अमित सजवाण द्वारा अदालत में एक अर्जी देकर नार्को टेस्ट पर आपत्ति लगाते हुए कहा गया है कि एसआईटी ने अपने आवेदन में यह नहीं बताया है कि नार्को टेस्ट के जरिए वह आरोपियों से क्या पूछना या जानना चाहती है इसलिए आरोपी नार्को टेस्ट नहीं कराएंगे। अदालत में दिए गए वकील के आवेदन के बाद आरोपी पुलकित और सौरभ ने भी कहा कि वह वही करेंगे जो उनका वकील कहेगा। इसके साथ ही तीसरे आरोपी अंकित ने नार्को टेस्ट के लिए अपनी सहमति नहीं दी है। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 3 जनवरी तय की है। आरोपियों का नार्को टेस्ट होगा या नहीं इसका फैसला अब 3 जनवरी को होने वाली सुनवाई के बाद ही होगा।
क्या है नार्को टेस्ट ?
किसी भी मामले की अनकही बातों को जानने या जांच के दौरान प्रकाश में आए तथ्यों की सत्यता की पुष्टि के लिए आरोपी का नार्को टेस्ट कराया जा सकता है। नार्को टेस्ट के दौरान आरोपी को अर्धबेहोशी (नशे जैसी स्थिति) में लाकर उससे पूछताछ की जाती है। आरोपियों की सहमति के बिना उनका नार्काे टेस्ट नहीं कराया जा सकता है। लेकिन आरोपियों की सहमति के बाद भी नार्को टेस्ट के दौरान उनके द्वारा बताई गई बातों को कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता।
कोर्ट नार्को के दौरान दिए गए बयान को कोई तवज्जो नहीं देती। जांच कर रही एजेंसी को नार्को टेस्ट का एक मात्र लाभ यह है कि नार्को टेस्ट के दौरान बताई गई बातों के अनुसार वह अपनी जांच की दिशा को एक निर्णायक मोड़ देकर साक्ष्य जुटा सकती है। नार्को टेस्ट के दौरान आरोपी के मुंह से ऐसा कोई नाम भी निकल सकता है, जिसे वह तब तक छिपाने में सफल रहा हो। एक बार नाम सामने आने पर पुलिस जांच की अगली कड़ी के तौर पर अभी तक अंधेरे में चल रहे उस व्यक्ति से पूछताछ कर नए तथ्य खोज सकती है। लेकिन बृहस्पतिवार को कोर्ट में अंकिता हत्याकांड के आरोपियों के इस नए पैंतरे के बाद अब उनका नार्को टेस्ट हो पाना मुश्किल हो गया है। नार्काे टेस्ट से एसआईटी जिस सत्य को जानना चाहती थी वह अब सामने आ पाना मुश्किल है।