Begin typing your search above and press return to search.
समाज

Jharkhand Kolhan government state news : कोल्हान देश की मांग को लेकर पुलिस-आदिवासियों में हुआ खूनी संघर्ष, जानिये पूरा मामला

Janjwar Desk
24 Jan 2022 9:57 AM IST
Jharkhand Kolhan government state news : कोल्हान देश की मांग को लेकर पुलिस-आदिवासियों में हुआ खूनी संघर्ष, जानिये पूरा मामला
x

कोल्हान को अलग देश घोषित कर 50 आदिवासी युवाओं की कथित सुरक्षा बल में नियुक्ति की जा रही थी, जिसके बाद पुलिस के साथ हुआ खूनी संघर्ष

Jharkhand Kolhan government state news : सिंहभूम के के मुफस्सिल थाने में आने वाले लादूरा गांव में कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट यानी कोल्हान अलग देश घोषित कर लगभग 50 युवाओं की कथित सुरक्षा बल में नियुक्ति की जा रही थी, इतना ही नहीं उन्हें नियुक्ति पत्र भी दिया जा रहा था...

विशद कुमार की रिपोर्ट

Jharkhand Kolhan government state news : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईंबासा में 23 जनवरी को उस वक्त अफरा तफरी का माहौल बन गया, जब जिले के मुफस्सिल थाना अंतर्गत लादूरा गांव में कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट यानी कोल्हान अलग देश घोषित कर लगभग 50 युवाओं की कथित सुरक्षा बल में नियुक्ति की जा रही थी। इतना ही नहीं उन्हें नियुक्ति पत्र भी दिया जा रहा था। तब इस फ़र्जी नियुक्ति पत्र बांटने को लेकर पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

चार साल पहले भी 18 दिसंबर, 2017 को अलग देश के मुद्दे पर खूंटपानी में काफी बवाल मचा था।

इस घटना के बाद इन 4 युवाओं की गिरफ्तारी के विरोध में जनआक्रोश भड़क उठा। स्थानीय ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियारों के साथ जिले के मुफ्फसिल थाने को घेर लिया। सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज कराना पड़ा। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। घटना में सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। इनमें से एक को तीर लगा है। सभी घायल जवानों का चाईबासा सदर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार तीर पुलिसकर्मी के शरीर के आर पार हो गया। उसे इलाज के लिए जमशेदपुर स्थित TMH में ले जाया गया है।

पुलिस का कहना है कि रविवार 23 जनवरी को चाईबासा कोल्हान गवर्मेंट स्टेट के नाम पर फर्जी बहाली के लिए सदर प्रखंड के मुफस्सिल थाना अंतर्गत कुर्सी पंचायत के ग्राम लादुराबासा स्कूल में सुबह 7 बजे से एक दिवसीय प्रशिक्षण सह शैक्षणिक प्रमाण पत्र जांच कार्यक्रम किया जा रहा था। फर्जी बहाली से संबंधित विज्ञापन कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट के नाम पर चम्पाय चंद्र शेखर डांगिल द्वारा किया जा रहा था।

इस तरह से बांटे जा रहे थे युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र

कार्यक्रम की सूचना पर उसके सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई के​ लिए थाना प्रभारी मुफस्सिल, दंडाधिकारी एवं अन्य पुलिस पदाधिकारी, पर्याप्त सशस्त्र बल व लाठी बल के साथ उक्त कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और कार्यक्रम को रोक दिया गया। वहां से काफी मात्रा में फर्जी नियुक्ति से संबंधित रजिस्टर एवं फाइल प्रिंटर, मॉनिटर, लैपटॉप एवं मोबाइल जब्त किए गए। साथ ही कुछ व्यक्तियों को वहां से हिरासत में लेकर मुफस्सिल थाना लाया गया था। दोपहर में करीब 200 लोगों द्वारा परंपरागत हथियार से लैस होकर मुफस्सिल थाना का घेराव करते हुए रोड़ेबाजी और पत्थरबाजी की जाने लगी। इससे कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस बल ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े गए, जिससे कुछ लोगों को चोट आयी।, इनका प्राथमिक उपचार सदर हॉस्पिटल चाईबासा में कराया जा रहा है।

क्या है कोल्हान देश का मुद्दा

झारखंड में कोल्हान इलाके को अलग देश घोषित करने की मांग को लेकर 30 मार्च, साल 1980 से आंदोलन चलाया जा रहे है। तब उन आंदोलन का नेतृत्व कोल्हान रक्षा संघ के नेता नारायण जोनको, क्राइस्ट आनंद टोपनो और कृष्ण चंद्र हेंब्रम (केसी हेंब्रम) ने किया था। इन लोगों ने 1837 के विल्किंसन रूल का हवाला देते हुए कहा था कि कोल्हान इलाके पर भारत का कोई अधिकार नहीं बनता। कोल्हान आंदोलनकारियों ने ब्रिटेन की सत्ता के प्रति अपनी आस्था जताई थी।कोल्हान इलाका 1980 में अविभाजित बिहार राज्य का एक प्रमंडल था और इसमें पूर्वी तथा पश्चिमी सिंहभूम जिले आते थे।


कुछ स्थानीय युवा बीच-बीच में इस मामले को उठाते रहते हैं। कुछ दिन पहले इस मांग को और ज्यादा तेजी से उठाते हुए कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट के नाम पर नियुक्ति पत्र बांटना शुरू कर दिया गया। चाईबासा पुलिस ने इस पूरे षड्यंत्र में शामिल एक कोबरा बटालियन का एक जवान अजय पड़िया समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया। अजय पाड़िया चाईबासा मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में पड़नेवाले लादुराबासा गांव का निवासी है।

कोल्हान गवर्नमेंट में नियुक्ति के नाम पर फर्जी भर्तियां कर रहे अजय पड़िया और उसके साथ तीन और युवकों को गिरफ्तार किया गया था। इन युवकों की रिहाई की मांग को लेकर सैकड़ों लोग 23 जनवरी की दोपहर को पारंपरिक हथियारों से लैस होकर चाईबासा मुफ्फसिल थाना पहुंचे और थाने को घेर कर हंगामा शुरू कर दिया।

ब्रिटिश रूल को मानते हैं कोल्हान देश की मांग करने वाले

अलग देश की मांग करने वाले लोग विल्किंसन रूल का हवाला देते हैं। विल्किंसन रूल 1837 में उस वक्त लागू किया गया जब 1831 में कोल विद्रोह हुआ। उस वक्त ब्रिटिश शासनकाल में सर थामस विल्किंसन साउथ वेस्ट फ्रंटियर एजेंसी के प्रमुख थे। जब लाख प्रयास के बाद भी आदिवासियों के इस विद्रोह को काबू नहीं कर पाया, तब उसने 1837 में कोल्हान सेपरेट एस्टेट की घोषणा कर चाईबासा को उसका मुख्यालय बनाया। लोगों को अंग्रेजी शासन के पक्ष में करने के लिए मानकी-मुंडा स्वशासन व्यवस्था को लागू कर दिया गया। इसे विल्किंसन रूल कहा जाता है। इसके तहत सिविल मामलों के निष्पादन का अधिकार मुंडा तथा आपराधिक मामलों के निष्पादन का अधिकार मानकी को दिया गया था।

सबसे पहले 30 मार्च 1980 में चाईबासा की सड़कों पर स्थानीय लोगों का एक समूह एकत्र हुआ था। इसी दौरान आयोजित सभा में सबसे पहले यह मांग उठी। इसका नेतृत्व कोल्हान रक्षा संघ के नेता नारायण जोनको, क्राइस्ट आनंद टोपनो, और कृष्ण चंद्र हेम्ब्रम कर रहे थे। इन लोगों ने 1837 के विल्किंसन रूल का हवाला देते हुए कहा कि कोल्हान इलाके पर भारत का कोई अधिकार नहीं है। तब उन्होंने ब्रिटेन की सत्ता के प्रति अपनी आस्था जताई। कोल्हान तब अविभाजित बिहार राज्य का प्रमंडल था। पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम इसके अधीन थे। अब यह इलाका झारखंड का हिस्सा है। सिंहभूम के दोनों हिस्सों के साथ इसी से काट कर बनाया गया सरायकेला-खरसवां जिला अब इस प्रमंडल के अंदर है।

उस वक्त रामो बिरूवा नामक व्यक्ति अपने आप को कोल्हान का राष्ट्रपति घोषित कर कोल्हान को अलग देश करने की मांग उठायी थी। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेजा था। जेल में ही रामो बिरूवा की मौत हो गई थी। उसका सहयोगी आनंद चातार भी देशद्रोह के मामले में जेल में ही था। कुछ दिन पूर्व ही बेल के आधार पर वह जेल से बाहर आया है। इसके बाद आनंद चातार पूरे पश्चिम सिंहभूम जिला में कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट के नाम से कोल्हान की रक्षा के लिए नव युवकों की बहाली करवा रहा था। नियुक्ति पत्र 40 साल के लिए नियुक्ति दिखायी गयी है।

Next Story

विविध