बांदा में 70 से ज्यादा बच्चों का यौन शोषण करने वाले JE रामभवन को CBI ने टेस्ट के लिए एम्स भेजा, पत्नी भी आरोपी
00 बच्चों के रेप का आरोपी जूनियर इंजीनियर
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बच्चों के यौन शोषण मामले में गिरफ्तार किए गए उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता (जेई) को कुछ चिकित्सकीय परीक्षणों के लिए राष्ट्रीय राजधानी स्थित एम्स में स्थानांतरित किया है। सीबीआई ने नवंबर 2020 में रामभवन को गिरफ्तार किया था, जिस पर पिछले 10 साल में लगभग 70 नाबालिगों के यौन शोषण का आरोप है। यह भी आरोप लगाया गया है कि रामभवन ने यौन शोषण की तस्वीरें और वीडियो क्लिप अश्लील साइट पर बेची थीं।
जांच से जुड़े सीबीआई के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "सीबीआई को चिकित्सकीय परीक्षण करवाने के लिए सात दिन का समय मिलने के बाद आरोपी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शनिवार को परीक्षण के लिए ले जाया गया था। एम्स के डॉक्टरों की एक टीम उसका परीक्षण कर रही है, जिसमें आरोपी का मानसिक संतुलन और एचआईवी परीक्षण शामिल है।"
चित्रकूट का रहने वाला रामभवन लंबे समय से नाबालिगों का कथित यौन शोषण करता आया है और उसे बांदा जिले से गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के संबंध में आरोपी के कब्जे से आठ मोबाइल फोन और लगभग आठ लाख रुपये जब्त किए हैं।
सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक बांदा बाल यौन शोषण कांड का आरोपी रामभवन का पिछले तीन दिनों से दिल्ली के एम्स में टेस्ट हो रहा है, क्योंकि सीबीआई को शक है कि रामभवन एचआईवी पॉजिटिव भी हो सकता है।
सीबीआई सूत्रों की मानें तो एम्स में आठ डाक्टरों का एक पैनल रामभवन की जांच कर रहा है। इस दौरान जो जांच कराई गईं उनमें रामभवन का एचआईवी टेस्ट, साइक्लॉजिकल टेस्ट, पीडोफाइल टेस्ट यानी वो संभोग करने लायक है या नहीं आदि टेस्ट किए गए हैं। जांच के दौरान पता चला कि इस काली करतूत में घर में मौजूद रामभवन की पत्नी भी उसका सहयोग किया करती थी, जिस पर सीबीआई ने जांच के बाद रामभवन की पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
सीबीआई की जांच के मुताबिक रामभवन ने 4 साल से 22 साल तक के युवकों को अपना शिकार बनाया था, जिनमें उसके रिश्तेदारी के भी तमाम बच्चे शामिल हैं। ऐसे में यदि रामभवन की एचआईवी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई, तो पता नहीं कितने बच्चों की जिंदगी तबाह हो जायेगी।