Begin typing your search above and press return to search.
समाज

कब थमेगी कोरोना की विनाशलीला, जितनी लकड़ियों से सालभर जलती थीं लाशें, उतनी जल गयीं सिर्फ 1 माह में

Janjwar Desk
13 May 2021 8:05 PM IST
कब थमेगी कोरोना की विनाशलीला, जितनी लकड़ियों से सालभर जलती थीं लाशें, उतनी जल गयीं सिर्फ 1 माह में
x

photo : social media

जनज्वार। कोरोना की विनाशलीला दिन-पर-दिन विकराल ​रूप लेती जा रही है। देशभर में हाहाकार मचा हुआ है। हालांकि इस बीच कई राज्यों से आंकड़ा दिया जा रहा है कि कोरोना के मामले घट रहे हैं, मगर श्मशान और कब्रिस्तान इसकी हकीकत बता रहे हैं। और तो और अब तो इतनी बड़ी संख्या में गंगा से भी तैरती लाशें और नदी किनारे दफनाई गयी लाशों की हकीकत भी सामने आ चुकी है।

कोरोना का कहर उत्तर प्रदेश के नोएडा में भी बरपा हुआ है। यहां किस तादाद में मौतें हो रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि श्मशान घाटों पर सालभर तक जितनी लकड़ियों की खपत होती थी, उतनी लकड़ियां मात्र 1 माह में जलकर खत्म हो चुकी हैं।

हिंदुस्तान में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक नोएडा सेक्टर-94 और अन्य चार जगह बने श्मशान घाटों में बीते माह में सालभर के बराबर लकड़ियों की खपत हो चुकी है। श्मशान घाटों से मिली जानकारी के अनुसार नोएडा में सिर्फ एक माह में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में 10 हजार क्विंटल लकड़ियां जल चुकी हैं, जबकि पहले इतनी लकड़ियों की खपत सालभर में भी नहीं हो पाती थीं। नोएडा में लकड़ियों की कमी पड़ने पर मेरठ और हापुड़ से लकड़ियां मंगवानी पड़ रही हैं।

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि अंतिम संस्कार के लिए उन्हें लकड़ियों को इकट्ठा करने में बहुत मेहनत करनी पड़ रही है। सिर्फ एक लाश के अंतिम संस्कार में लगभग चार क्विंटल लकड़ियां प्रयोग हो जाती हैं। प्रशासन द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा में इन दिनों सबसे ज्यादा लाशों का अंतिम संस्कार सेक्टर 94 स्थित श्मशान घाट पर हो रहा है। यहां अप्रैल से अंतिम संस्कार के लिए आने वाली लाशों का आंकड़ा 100 तक पहुंच चुका है, जबकि मार्च तक मुश्किल से हर दिन दो-चार लाशें अंतिम संस्कार के लिए आती थीं।

नोएडा के सेक्टर-14 स्थित शनि मंदिर के पास, सेक्टर-49 बरौला और सेक्टर-52 होशियारपुर तथा सेक्टर-135 नंगली वाजितपुर गांव के पास बने श्मशान घाट में शवों का बड़ी अंतिम संस्कार बड़ी तादाद में जारी है। इन चार जगहों पर सिर्फ लकड़ियों से जलाकर ही अंतिम संस्कार किया जाता है। इन जगहों पर पहले जहां नाममात्र के लिए अंतिम संस्कार किये जाते थे, अब रोजाना यहां भी बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार हो रहे हैं।

हिंदुस्तान में प्रकाशित नोएडा विकास प्राधिकरण के ओएसडी इंदु प्रकाश के मुताबिक, 'श्मशान घाटों पर लगातार लकड़ियों की मांग बढ़ी है। एक साल में लकड़ियों की इतनी मांग नहीं हुई जितनी इस एक महीने में हुई है। संबंधित स्थानों पर लगातार आपूर्ति की जा रही है। कहीं भी लकड़ी की कमी नहीं होने दी जा रही है।'

Next Story

विविध