Begin typing your search above and press return to search.
समाज

कानपुर गैंगरेप पीड़िता के पिता ने क्या की थी आत्महत्या, दरोगा पुत्र मुख्य आरोपी इसलिए पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल

Janjwar Desk
11 March 2021 5:56 AM GMT
कानपुर गैंगरेप पीड़िता के पिता ने क्या की थी आत्महत्या, दरोगा पुत्र मुख्य आरोपी इसलिए पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल
x
सजेती कांड में पुलिस ने संवेदनहीनता की सभी हदें पार कर दीं, पीड़िता के मां बाप से कई कई घंटे तक पूछताछ की गई, मृतक के चचेरे भाई ने बताया कि पुलिस ने उनकी बेटी के चरित्र पर सवाल उठाए और पिता को जलील किया था, पिता बहुत अधिक शर्मसार था। वह क्षुब्ध होकर सीएचसी से बाहर निकले और कुछ ही देर बाद ट्रक से कुचलकर उनकी मौत हो गई...

मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार, कानपुर। नाबालिग बेटी से सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखवाने के 12 घण्टे बाद ही पिता की ट्रक से कुचलकर मौत हो गई। इससे पहले घरवालों को पुलिस के पास जाने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई थी। रेप के आरोपियों में एक दारोगा का पुत्र भी है। पीड़िता के पिता की मौत के बाद मामले में दुष्कर्म के आरोपी सहित उसके दारोगा पिता और चौकी इंचार्ज पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

जिस जगह पिता का एक्सीडेंट हुआ उसी के सामने अस्पताल में पीड़िता का मेडिकल परीक्षण चल रहा था। पिता का लहूलुहान शव देखकर बेटी बेहोश हो गई। पुलिस ने शव व पीड़िता को वहां से हटाया। ग्रामीणों ने 6 घंटे तक कानपुर-सागर हाइवे जाम रखा।

घाटमपुर के सजेती में सोमवार 8 मार्च को खेत से चारा लेने गई किशोरी से गांव के दबंग युवकों ने अपहरण कर बलात्कार किया था। मंगलवार सुबह जब वह बदहवास हालत में घर पहुंची तो पिता ने कन्नौज में तैनात दारोगा के पुत्र दीपू यादव के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। इससे पहले दीपू के भाई सौरभ ने पिता के दारोगा होने का रौब गांठा, और रिपोर्ट लिखाने पर बुरे अंजाम की धमकी दी थी।

पीड़िता का मेडिकल कराने के नाम पर पुलिस रात भर उसे और उसके पिता को कभी घाटमपुर सीएचसी तो कभी कानपुर के कांशीराम अस्पताल लाती भेजती रही। देर रात दोनों को फिर सीएचसी बुलाया गया। वहां पूछताछ चलती रही। सुबह तकरीबन 6 बजे सीएचसी के सामने कानपुर-सागर हाइवे पर एक ट्रक से पिता की कुचलकर मौत हो गई। जिसके बाद ग्रामीणों ने शव हाइवे पर रखकर जाम लगा दिया।

एसपी ग्रामीण ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव और एसडीएम मौके पर पहुंचीं।,लेकिन भीड़ नहीं मानी। दोपहर में डीएम आलोक तिवारी, डीआईजी मोहित अग्रवाल घटनास्थल पर पहुंचे। दोषियों पर कार्रवाई और मुआवजा दिलाने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया गया। हत्यारोपी दारोगा देवेंद्र यादव कन्नौज के छिबरामऊ में तैनात है और फरार हो चुका है।

पुलिस की हैवानियत

सजेती कांड में पुलिस ने संवेदनहीनता की सभी हदें पार कर दीं। पीड़िता के मां बाप से कई कई घंटे तक पूछताछ की गई। मृतक के चचेरे भाई ने बताया कि पुलिस ने उनकी बेटी के चरित्र पर सवाल उठाए और पिता को जलील किया था। पिता बहुत अधिक शर्मसार था। वह क्षुब्ध होकर सीएचसी से बाहर निकले और कुछ ही देर बाद ट्रक से कुचलकर उनकी मौत हो गई। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घटना आत्महत्या की तरफ भी इशारा कर रही है।

लगवाते रहे चक्कर

केस दर्ज करने के बाद पीड़िता को लेकर पुलिस घाटमपुर सीएचसी पहुंची। शुरुआती जांच के बाद डॉक्टरों ने पीड़िता को चकेरी के कांशीराम अस्पताल रेफर कर दिया। जहां डॉक्टरों ने जांच की। यहां से पीड़िता और उसके परिजन रात 11 बजे सजेती थाने पहुंचे। परिजनों के मुताबिक कुछ देर बाद घाटमपुर पुलिस पिता को यह कहते हुए ले गई कि सीओ घाटमपुर ने बुलाया है। सभी को घाटमपुर सीएचसी में रुकवाया गया। पीड़िता को भी वहीं भर्ती कराया। पुलिस ने ऐसा क्यों किया उसके पास जवाब नहीं है।

शाम तक बिठाने के बाद दर्ज हुई रिपोर्ट

सजेती कांड में पुलिस सवालों के घेरे में है। पहले दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करने में सुबह से शाम कर दी, रात में मेडिकल कराया और पूरे परिवार को दोबारा बुलवाया। पीड़िता को भी रातभर यहीं रखा। यहां सवाल अहम है कि जब प्राथमिक मेडिकल हो गया और बाकी जांच बुधवार सुबह होनी थी तो उन सभी को रातभर सीएचसी में क्यों रोके रहे। मृतक के चचेरे भाई ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 8 बजके बदहवास हालत में पीड़िता घर पहुंची और आपबीती बताई। परिजन उसे 11 बजे थाना सजेती लेकर पहुंचे।

गैंगरेप पीड़िता का कहना है कि थानेदार रावेंद्र मिश्रा केस दर्ज करने में टालमटोली करने लगे। कोर्ट में खुद की गवाही होने की बात कहकर चले गए। दोपहर में तीन बजे लौटे और हादसा हो गया, यह कहकर फिर चले गए। इसके बाद थानेदार शाम को 6 बजे लौटे तब एफआईआर दर्ज की गई। तब तक आलाधिकारियों तक मामला पहुंच चुका था, जिनके दबाव में मामला दर्ज किया जा सका।

Next Story

विविध