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4 दिन तक गैंगरेप पीड़ित दलित महिला काटती रही थाने के चक्कर, पुलिस ने रिपोर्ट लिखने के बजाय किया प्रताड़ित तो कर ​ली आत्महत्या

Janjwar Desk
3 Oct 2020 3:51 AM GMT
4 दिन तक गैंगरेप पीड़ित दलित महिला काटती रही थाने के चक्कर, पुलिस ने रिपोर्ट लिखने के बजाय किया प्रताड़ित तो कर ​ली आत्महत्या
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दलित गैंगरेप पीड़िता की लाश को ले जाते ग्रामीण (photo : Zee news)

मध्यप्रदेश में पुलिस ने नहीं लिखी दलित महिला की गैंगरेप की रिपोर्ट, उल्टा परिजनों को प्रताड़ित करते हुए पैसे मांगे तो हताश होकर उसने मौत को लगा लिया गले....

जनज्वार। पहले हाथरस, फिर बलरामपुर में गैंगरेप की वीभत्स घटनायें देशभर में छायी हुई हैं। मध्य प्रदेश भी दलित महिलाओं से गैंगरेप के मामलों में पीछे नहीं है। सतना, खरगोन, भोपाल और जबलपुर के बाद मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में दलित महिला से सामूहिक बलात्कार किया गया। जब वह मामले की रिपोर्ट लिखवाने थाने गयी तो पुलिस ने साफ इंकार कर दिया, जिसस हताश होकर उसने आत्महत्या कर ली। एक और दलित महिला पुलिसिया लापरवाही के कारण अपनी जान से हाथ धो बैठी।

दलित महिला की आत्महत्या के बाद प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच की रिपोर्ट मांगी और संबंधित अधिकारियों को सस्पेंड करने के आदेश दिये।

जानकारी के मुताबिक गैंगरेप पीड़िता चार दिनों से आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने के चक्कर लगा रही थी, मगर रिपोर्ट नहीं लिखे जाने पर अंत में हताश होकर उसने आत्महत्या की राह चुन अपना जीवन खत्म कर लिया। इस मामले में आत्महत्या के बाद​ शिवराज सिंह चौहान ने नरसिंहपुर के एएसपी राजेश तिवारी और एसडीओपी गाडरवाड़ा सीताराम यादव को हटाने के निर्देश दिये।

नरसिंहपुर के चीचली थाने में सामने आया ये मामला सीधे तौर पर प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। घटनाक्रम के मुताबिक 28 सितंबर को गैंगरेप की शिकार महिला खेत में चारा काटने गई थी, जहां तीन लोगों ने उसका सामूहिक बलात्कार किया। महिला जब इस जघन्य वारदात की रिपोर्ट लिखवाने थाने गयी तो पुलिस ने शिकायत दर्ज करना तो दूर, उल्टा पीड़िता और उसके परिवार को ही प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इससे आजिज आकर दुष्कर्म पीड़िता ने आत्महत्या कर ली।

मीडिया में आयी जानकारी के मुताबिक दुष्कर्म की शिकायत लेकर जब पीड़िता पुलिस थाने पहुंची तो पुलिस ने उसके मेडिकल जांच कराने की बात कही। अगले दिन जब वो रिपोर्ट लेकर पहुंची, तो रिपोर्ट लिखने के बजाय पीड़िता के जेठ को ही गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं पीड़िता के जेठ को को छोड़ने के बदले पीड़िता से गालीगलौच की और पैसे के बदले छोड़ने की बात कही।

पहले गैंगरेप पीड़िता और उसके परिवार को प्रताड़ित कर रही पुलिस ने उसकी आत्महत्या के बाद आनन-फानन में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि दुष्कर्म का 1 आरोपी अब भी फरार है। दो अन्य आरोपियों पर पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर धारा 376 डी और 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस पूरे मामले के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वारदात की जानकारी लेते हुए एसपी से स्पष्टीकरण मांगते हुए FIR नहीं लिखने वाले चौकी प्रभारी के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी के आदेश दिए। इसके अलावा नरसिंहपुर के एएसपी राजेश तिवारी और गाडरवाड़ा के एसडीओपी सीताराम यादव को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए गये हैं।

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