उत्तरकाशी के मंदिर में दलित युवा को दहकते अंगारों से जलाने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग सख्त, पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे भीम आर्मी अध्यक्ष पर FIR
![उत्तरकाशी के मंदिर में दलित युवा को दहकते अंगारों से जलाने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग सख्त, पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे भीम आर्मी अध्यक्ष पर FIR उत्तरकाशी के मंदिर में दलित युवा को दहकते अंगारों से जलाने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग सख्त, पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे भीम आर्मी अध्यक्ष पर FIR](https://janjwar.com/h-upload/2023/01/12/873657-dalit-live-matter-uttarkashi-ayush.webp)
उत्तरकाशी में मंदिर में घुसने पर सवर्णों ने पिता के सामने दलित युवक को नंगा कर रातभर दहकते अंगारों से जलाया, मरणासन्न हालात में अस्पताल में भर्ती
Uttarkashi news : उत्तराखंड के दलितों के साथ हो रही क्रूरता की घटनाओं के सामने आने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने उत्तरकाशी के डीएम और एसपी से मंदिर में जलते अंगारों से दलित युवक की पिटाई पर रिपोर्ट तलब की है। खुद आयोग की सदस्य भी कल सोमवार 16 जनवरी को इस मामले में उत्तरकाशी पहुंचेंगी।
बता दें कि उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र के सालरा गांव में एक अनुसूचित जाति के युवक आयुष निवासी बैनोल गांव को सवर्णों द्वारा रातभर बंधक बनाकर जलती लकड़ी से पीटकर मरणासन्न अवस्था में पहुंचा दिया गया था। आयुष के अनुसार वह नौ जनवरी को शाम करीब सात बजे गांव के कौंवल मंदिर में दर्शन के लिए गया था। मंदिर में मौजूद कुछ लोगों ने अचानक उस पर हमला कर दिया। बाद में उसे मंदिर में बांध दिया गया। यहां गांव के पांच सवर्णों ने जलती लकड़ी से उसे रातभर पीटा, जिससे वह बेहोश हो गया था। मामले में आयुष ने मोरी थाने में 5 लोगों के खिलाफ जान से मारने के प्रयास सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
लेकिन मामले के राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ने के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच शुरू करते हुए डीएम और एसपी उत्तरकाशी से तीन दिन के भीतर पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है। तय समय पर रिपोर्ट न मिलने पर आयोग दोनों अधिकारियों को समन भी जारी कर सकता है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के जांच अधिकारी अनिल प्रकाश गौतम की ओर से डीएम और एसपी को लिखे पत्र में कहा गया है कि यदि आयोग को तय समय के भीतर जवाब नहीं मिला तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से या प्रतिनिधि के माध्यम से उसके सामने प्रस्तुत होने के लिए समन जारी किया जा सकता है।
भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर मुकदमा
उत्तरकाशी के जिस गांव में सवर्णों द्वारा दलित युवक को जलते अंगारों से जलाया गया, वहां पुलिस को इतना सौहार्द्र दिखता है कि भीम आर्मी के नेता इस सौहार्द्र के लिए खतरा दिखते हैं। इसी लिहाज से मोरी पुलिस ने भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने व सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि मामले में जल्द विवेचना शुरू कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक उत्तरकाशी जिले में दलित युवक के साथ हुई हैवानियत की जानकारी मिलने पर भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह नौटियाल अन्य पदाधिकारियों के साथ पीड़ित परिवार के साथ अपनी एकजुटता व संवेदना व्यक्त करने के लिए मोरी पहुंचे थे। भीम आर्मी के पदाधिकारी यहां से आयुष के गांव बैनोल जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने रोक दिया था। इस पर भीम आर्मी ने आयुष के परिजनों को बागी गांव बुलाया और उनसे बातचीत की। इस दौरान नौटियाल ने प्रशासन को मामले में खरी खोटी सुनाते हुए उन्हें पीड़ित युवक के हमलावरों पर हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने जांच न्यायपूर्ण न होने पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी भी दी।
आयोग की सदस्य जाएंगी उत्तरकाशी
उत्तरकाशी में सवर्णों द्वारा दलित युवक के साथ दिल दहला देने वाली क्रूरता के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला उत्तरकाशी के मोरी गांव जाएंगी। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य के पूर्व संपादक तरुण विजय भी इस दौरान उनके साथ रहेंगे। तरुण विजय के मुताबिक उनके बुलाये जाने पर अनुसूचित आयोग की वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व सांसद अंजू बाला 16 जनवरी को उनके साथ उत्तरकाशी के मोरी गांव जाएंगी।
दलितों को मंदिर प्रवेश कराने पर तरुण विजय पर भी हो चुका है हमला
मंदिर में प्रवेश पर दलित युवक को दहकते अंगारों से जलाए जाने के मामले में मौके पर जाने की बात कह रहे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य के पूर्व संपादक तरुण विजय उत्तराखंड में दलित उत्पीड़न का विरोध करने पर खुद सवर्णों की हिंसा का शिकार बन चुके हैं। तरुण विजय मई 2016 में दलितों के मंदिर प्रवेश के लिए जौनसर बावर गये थे, जहां उन्होंने दलितों के साथ मंदिर में प्रवेश का प्रयास किया था, लेकिन खुद सवर्ण तरुण विजय को वहां ऐसे भीषण पथराव का सामना करना पड़ा था कि वह बुरी तरह गंभीर रूप से घायल होकर अगले एक महीने तक अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज करवाते रहे थे।
इस घटना के समय तरुण विजय उत्तराखंड से भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद थे। रोचक बात यह भी है कि उनके ऊपर हुए इस हमले की जांच का भी आज तक किसी को कुछ नहीं पता है।