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Pauri Garhwal News : पिंजरे में कैद बेजुबान गुलदार को जिंदा जला डाला ग्रामीणों ने, महिला की मौत से भड़के हुए थे ग्रामीण

Janjwar Desk
24 May 2022 6:29 PM GMT
Pauri Garhwal News : पिंजरे में कैद बेजुबान गुलदार को जिंदा जला डाला ग्रामीणों ने, महिला की मौत से भड़के हुए थे ग्रामीण
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Pauri Garhwal News : पिंजरे में कैद बेजुबान गुलदार को जिंदा जला डाला ग्रामीणों ने, महिला की मौत से भड़के हुए थे ग्रामीण

Pauri Garhwal News : गुलदार की मौत के बाद वनकर्मियों की टीम ने मृत गुलदार के शव का पोस्टमार्टम कराकर शव को नष्ट करवा दिया....

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Pauri Garhwal News : महिला की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने पिंजरे में कैद एक गुलदार (Leopard) को उस समय जिंदा जला दिया जब वह वन विभाग के लगाए पिंजरे (Cage) में फंसकर छटपटा रहा था। बताया जा रहा है कि कुछ वनकर्मियों ने ग्रामीणों को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन ग्रामीणों की क्रूरता के आगे उनकी नहीं चल पाई। ग्यारह साल में पिंजरे में कैद गुलदार को जिंदा फूंकने की यह दूसरी घटना है। फिलहाल वन विभाग ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। घटना गढ़वाल वन प्रभाग की नागदेव रेंज में पौड़ी जिले के पाबौ ब्लॉक के सपलोड़ी गांव की है।

घटनाक्रम के अनुसार पौड़ी जिले (Pauri Garhwal News) में गढ़वाल वन प्रभाग नागदेव रेंज के पाबौ ब्लॉक के सपलोड़ी गांव में बीते 15 मई को गुलदार ने जंगल में काफल लेने गई एक महिला को मार दिया था। घटना को लेकर गुस्साए ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए थे। लेकिन गुलदार पकड़ में नहीं आया। इसी बीच सोमवार की रात को भी कुलमोरी गांव में गुलदार ने आंगन में एक महिला को हमला कर घायल कर दिया था। मंगलवार की सुबह वन विभाग द्वारा लगाए गए एक पिंजरे में गुलदार फंस गया। गुलदार के पिंजरे में फंसने की खबर वन विभाग को मिली तो वनकर्मियो की टीम मौके की ओर रवाना हो गई।

इसी बीच गुलदार के हमले (Leaopard Attack) से गुस्साए ग्रामीणों ने पिंजरे पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर पिंजरे में कैद गुलदार को जिंदा जला डाला। जिससे पिंजरे में फंसे गुलदार की तड़प-तड़पकर दर्दनाक मौत हो गई। कुछ लोगों का कहना है कि इस दौरान वनकर्मियों की टीम ने ग्रामीणों को रोकने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण क्रूरता दिखाने से बाज नहीं आए। जबकि कुछ लोगों का कहना है कि वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचने से पहले ही ग्रामीण गुलदार को जला चुके थे।

गुलदार की मौत के बाद वनकर्मियों की टीम ने मृत गुलदार के शव का पोस्टमार्टम कराकर शव को नष्ट करवा दिया। इस मामले में डीएफओ गढ़वाल मुकेश कुमार ने बताया कि मंगलवार की सुबह वन विभाग को सपलोड़ी गांव में गुलदार के पिंजरे में कैद होने की सूचना मिलने पर एक टीम को गुलदार का रेस्क्यू करने मौके पर भेजा गया था। लेकिन वन विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही आक्रोशित ग्रामीणों ने पिंजरे में कैद गुलदार को जिंदा जलाकर मार डाला था। वन विभाग की टीम को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना भी करना पड़ा था। अभी गुलदार के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव को नष्ट कर दिया गया है। इस मामले में आरोपी ग्रामीणों के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

ग्राम प्रधान सहित डेढ़ सौ ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

इस मामले में वन विभाग की ओर से एक ग्राम प्रधान सहित डेढ़ सौ ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। वन दरोगा सतीशचंद्र बुआखाल अनुभाग नागदेव रेंज पौड़ी ने थाने पर तहरीर देकर ग्राम प्रधान अनिल कुमार ग्रामसभा सपलोडी सहित आस-पास के गांव सरणा, कुलमोरी के करीब 150 लोगो के शिकायत दर्ज कराई है। वन विभाग की शिकायत में इल्जाम लगाया गया है कि मंगलवार की सुबह वन विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी पिंजरे में फंसे गुलदार को मौके से रेंज कार्यालय नागदेव ले जाने के लिए ला रहे थे तो ग्राम प्रधान अनिल कुमार ग्रामसभा सपलोडी द्वारा आस-पास के गांव सरणा, कुलमोरी के करीब 150 पुरुष महिलाओं को इकट्ठा कर पिंजरे में बंद गुलजार को वन विभाग के कर्मचारियों से धक्का-मुक्की कर, छीन कर पिंजरे के ऊपर घास डालकर व पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। जिससे गुलदार की मौके पर जलने से मौत हो गई।

पुलिस ने तहरीर के आधार पर ग्राम प्रधान अनिल कुमार, देवेंद्र, हरि सिंह रावत, सरिता देवी, विक्रम सिंह व कैलाश देवी तथा ग्राम सपलोडी, ग्राम सरणा व ग्राम कलमोरी के अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ एक राय होकर सरकारी कार्य में बाधा डालने, वन कर्मियों पर हमला कर पिंजरे को छीन कर आग लगाकर गुलदार को मार देने के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले की जांच प्रभारी पुलिस चौकी पाबौ उपनिरीक्षक दीपक पवार द्वारा की जा रही है।

2011 में धामदार में भी गुलदार को जिंदा जलाया था ग्रामीणों ने

मंगलवार को पौड़ी जिले में पिंजरे में कैद गुलदार को जिंदा जलाए जाने की घटना पिछले ग्यारह साल के दौरान हुई दूसरी घटना है। इससे पहले वर्ष 2011 में भी पौड़ी जिले के रिखणीखाल ब्लॉक में धामदार गांव के ग्रामीणों ने आवेश में आकर वन विभाग के कर्मचारियों के सामने ही पिंजरे में कैद एक गुलदार पर इसी तरह पेट्रोल छिड़ककर उसे जिंदा जला दिया था। इस दौरान मौके पर मौजूद वन विभाग और पुलिस के जवानों ने मिट्टी और पानी के सहारे पिंजरे आग को बुझाकर गुलदार को बचाने का प्रयास भी किया था। लेकिन छोटे से पिंजरे में कैद गुलदार ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। इस लोमहर्षक घटना के बाद वन विभाग ने कई दर्जन ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था। जिसके विरोध में लम्बा आंदोलन भी चला था।

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