Ramnavami Violence : मोदी और शाह के गुजरात में मुसलमानों ने पत्थर फेंके होंगे, ये कोई मानेगा क्या? - संजय राउत
Ramnavami Violence : मोदी और शाह के गुजरात में मुसलमानों ने पत्थर फेंके होंगे, ये कोई मानेगा क्या? - संजय राउत
Ramnavami Violence : रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा के दौरान गुजरात समेत कई राज्यों में हुए दंगों के मामलों पर अब सियासत तेज हो गई है। तेरह विपक्षी दलों ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। वहीं शिवसेना ने भी सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने अपनी पार्टी के मुखपत्र सामना में साप्ताहिक कॉलम में रामनवमी और उसके बाद हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
राउत ने कहा कि रामनवमी (Ram Navami 2022) के दिन दस राज्यों में दंगे हुए। ये दृश्य अच्छे नहीं हैं। सरसंघचालक ने कहा है कि पंद्रह वर्षों में अखंड हिंदू राष्ट्र बनेगा। क्या यह इसकी शउरुआत है? राउत ने कहा कि धर्मांधता की आग को हवा देकर और शांति को खाक करके यदि कोई चुनाव जीतना चाहता होगा तो वे अपने हाथों से देश के दूसरे विभाजन के बीच बोते दिख रहे हैं। देश के टुकड़े-टुकड़े हो जाएं तो भी चलेगा लेकिन धार्मिक विद्वेष फैलाकर चुनाव जीतने की ऐसी नीति भाजपा जैसी पार्टी ने खुलेआम अपनाई है।
अपने कॉलम में राउत ने आगे कहा कि रामनवमी के दिन जिन दस राज्यों में दंगे हुए वहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें झारखंड, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। रामनवमी के मौके पर शोभा यात्रा निकाली गई और उसपर दूसरे समूहों द्वारा पथराव किया गया। मुंबई के मानखुर्द इलाके में भी इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
उन्होंने कहा कि देश का माहौल जानबूझकर चुनाव जीतने के लिए जिस तरह से खराब किया जा रहा है मुझे लगता है यह देश के लिए ठीक नहीं है। दिल्ली में कल हनुमान जयंती और रामनवी पर हमला हुआ था, इससे पहले यह कभी नहीं हुआ करता था।
राउथ ने आगे कहा कि गुजरात के साबरकांठा जिले में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित रामनवमी यात्रा पर एक अन्य समूह के लोगों ने पथराव किया। गुजरात राज्य में जो मोदी और शाह का राज्य है और आज जिसे हिंदुत्व का गढ़ माना जाता है, उस राज्य में मुसलमान रामनवमी यात्रा पर पत्थर फेंकेंगे, ये कोई मानेगा क्या?
सामना में उन्होंने आगे लिखा कि मध्यप्रदेश के खरगोन में रामनवमी के अवसर पर जो हिंसा हुई उसे देखकर श्रीराम परेशान हो गए होंगे। अयोध्या में राम मंदिर की लड़ाई से जो भाग निकले वो अब राम के नाम पर तलवारें निकाल रहे हैं। इसे हिंदुत्व नहीं कहा जा सकता।