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फांसी की तैयारियों के बीच शबनम के बेटे की अपील, फांसी न दें मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं

Janjwar Desk
18 Feb 2021 9:08 PM IST
फांसी की तैयारियों के बीच शबनम के बेटे की अपील, फांसी न दें मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं
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File photo

आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाए जाने की तैयारी जेल में की जा रही है, हालांकि फांसी की तारीख अभी तय नहीं हुई है..

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के अमरोहा के बामनखेड़ी कांड में दोषी शबनम की फांसी की संभावनाओं के बीच उनके लगभग 12 साल के बेटे ने राष्ट्रपति से अपनी मां की फांसी की सजा माफ करने की गुहार लगाई है। शबनम के बेटे ने कहा, "मेरी राष्ट्रपति जी से अपील है कि मेरी मां को फांसी न दें। मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं।"

फांसी की संभावनाओं के दरम्यान शबनम के बेटे ने देश के राष्ट्रपति से अपनी मां की फांसी की सजा को माफ करने की अपील की है। शबनम का बेटा न सिर्फ राष्ट्रपति से अपनी मां के गुनाहों को माफ करने की गुहार लगा रहा है, बल्कि उसकी पलकें उन पलों को याद करके नम हो जाती हैं, जब वह अपनी मां से मिलने के लिए रामपुर जेल जाता था।

बता दें कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाए जाने की तैयारी जेल में की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित राज्य के इकलौते महिला फांसीघर में अमरोहा निवासी शबनम को फांसी पर लटकाने की तैयारी शुरू हो गई है, हालांकि फांसी की तारीख अभी तय नहीं हुई है।

बताया जाता है कि निर्भया कांड के आरोपियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के जल्लाद पवन ही इस महिला को भी फांसी पर लटकाएंगे। इसे लेकर पवन दो बार फांसीघर का निरीक्षण भी कर चुके हैं।

बता दें कि उत्तरप्रदेश के अमरोहा जिले की रहने वाली शबनम को अप्रैल 2008 में प्रेमी के साथ मिलकर अपने सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या करने का दोषी करार देते हुए कोर्ट द्वारा फांसी की सजा दी गई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी। राष्ट्रपति की ओर से भी उसकी दया याचिका खारिज की जा चुकी है। लिहाजा आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा।

हालांकि बताया जाता है कि करीब 22 वर्ष पूर्व भी मथुरा जेल में हत्या के जुर्म में बुंदेलखंड की महिला रामश्री को फांसी लगाने की तैयारी की गयी थी। परंतु, तब महिला संगठनों की आवाज पर राष्ट्रपति ने उसकी फांसी को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। उस समय भी मथुरा का महिला फांसी घर सुर्खियों में आ गया था।

मथुरा की जिला जेल यूपी की इकलौती ऐसी जेल है, जिसमें महिलाओं को फांसी लगाई जा सकती है। यह व्यवस्था अंग्रेजों के समय की है। शबनम की उम्र करीब 38 वर्ष बताई जाती है और उसको एक पुत्र भी है, जो लगभग 12 वर्ष का बताया जाता है।

बताया जा रहा है कि शबनम के पुत्र का जन्म जेल में ही हुआ था, चूंकि उसके जन्म के वक्त वह जेल में बंद थी। हत्या के आरोप में गिरफ्तारी के वक्त शबनम गर्भवती थी। सात साल उसका बेटा जेल में ही पला। बताया जा रहा है कि अब वह एक व्यक्ति की देखरेख में है।

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