हिंसाग्रस्त हरियाणा में नफरत फैलाकर अल्पसंख्यकों को बड़े पैमाने पर पलायन को किया जा रहा है मजबूर
हिंसाग्रस्त हरियाणा में नफरत फैलाकर अल्पसंख्यकों को बड़े पैमाने पर पलायन को किया जा रहा है मजबूर
दिल्ली। सीपीआई प्रतिनिधिमंडल के हरियाणा के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे और विभिन्न वर्गों के साथ बातचीत से क्षेत्र में ध्रुवीकरण और नफरत के खतरनाक स्तर का पता चला। सीपीआई प्रतिनिधिमंडल ने 06 अगस्त 2023 को हरियाणा के हिंसाग्रस्त गुरुग्राम और नूंह जिलों का दौरा किया था। प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक क्षेत्र में जानबूझकर सांप्रदायिक उन्माद को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल को प्राप्त हुए हरियाणा के जिला रेवाडी के ब्लॉक हदीना की जैनाबाद पंचायत के सरपंच के लेटरहेड पर लिखा गया एक चौंकाने वाला पत्र अल्पसंख्यकों के खिलाफ संगठित भेदभाव की कड़वी सच्चाई को उजागर करता है, जिसे भाजपा शासन के तहत व्यवस्थित रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है।
पत्र का मजमून चौंकाने वाला है। यह मुसलमानों या उपद्रवियों को पंचायत जैनाबाद क्षेत्र में कोई भी व्यवसाय या फेरी गतिविधि करने रोकने का निर्णय स्थानीय पुलिस अधिकारियों को सौंपता है। यह मुसलमानों को सेंधमारों और पशु-चोरों के बराबर भी ठहराता है। पत्र में यह भी कहा गया है कि ये कदम गांव में शांति सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे हैं, जिससे समझा जा सकता है कि मुसलमानों की उपस्थिति अपने आप ही सांप्रदायिक अशांति का एकमात्र कारण समझी गयी है। क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पलायन को मजबूर किया जा रहा है और सांप्रदायिक सद्भाव नफरत और विभाजन की राजनीति का शिकार बना है।
बकौल प्रतिनिधिमंडल यह पत्र और आरएसएस-भाजपा परिवार द्वारा ऐसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के प्रयास हरियाणा के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सीपीआई प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान सामने आए। पूरे क्षेत्र में नफरत और विभाजन में वृद्धि जानबूझकर की गयी है और दोनों समुदायों के बीच दुराव के बीज बोए जा रहे हैं। नूंह की सीमा पर पुलिस द्वारा रोके जाने से पहले सीपीआई प्रतिनिधिमंडल ने समाज के सभी वर्गों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मिलने वाले सभी लोगों से क्षेत्र में शांति, सामंजस्य और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। उन्होंने दंगों की वजह बनने वाली घटनाओं की शृंखला की गहन जांच करने और अपराधियों को कड़ी सजा देने की भी मांग की। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि हिंसा और आगजनी के पीड़ितों को उदार मुआवजा दिया जाना चाहिए और सरकार को क्षेत्र में सामान्य स्थिति की बहाली और विभाजन को पाटना सुनिश्चित करना चाहिए।
पुलिस द्वारा नूंह में प्रवेश करने से रोके जाने पर सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम कहते हैं, “सीपीआई प्रतिनिधिमंडल को पुलिस बल ने नूंह, हरियाणा में प्रवेश करने से रोका। हमारा मकसद हिंसा पीड़ितों से मिलना और शांति की अपील करना था। डबल इंजन सरकार लोगों की स्वतंत्र आवाजाही से भी डरती है। उनकी योजना चुनाव को ध्यान में रखकर लोगों को विभाजित करने की है।'
सीपीआई प्रतिनिधिमंडल में सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम, एआईटीयूसी महासचिव अमरजीत कौर, सीपीआई सांसद पी. संदोश कुमार और सीपीआई हरियाणा सचिव दरियाव सिंह कश्यप शामिल थे।