Ground Report : हिन्दू बनाम मुस्लिम की जमीन तलाश रहे BJP विधायक सांगा से उनके इलाके की जनता इसलिए नाराज है!
(जनता बोली पहले रोड फिर वोट)
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradseh) में 2022 विधानसभा चुनाव को अब मुश्किल-मुश्किल 6 माह का समय बचा है। तमाम राजनीतिक दलों ने लोक-लुभावने वादे और जाल फेंकने शुरू कर दिए हैं। कुछ कथित भक्तों और पार्टी प्रेमियों को छोड़कर आम जनता के बीच जाने पर त्रासदी का बखूबी पता चल रहा है। सड़क, बिजली, पानी, रोजगार सब बेपटरी है।
क्या शहर-क्या देहात सब तरफ एक सी कंडीशन है। सपा (SP) छोड़कर भाजपा (BJP) का वोटर बना महफूज अहमद हो या बीजेपी को वोट देने का मन बनाने वाला गुड्डू यादव हो, सभी परेशान हैं। इनकी परेशानी का कारण भृष्टाचार, मंहगाई, टूटी-फूटी गड्ढों वाली सड़कें इत्यादि तमाम बातें हैं।
कानपुर नगर (Kanpur Nagar) के दक्षिण में रहने वाले गुड्डू यादव एक डॉक्टर की कार चलाते थे। कोरोना महामारी के पहले लॉकडाउन में उनकी नौकरी चली गई। गुड्डू ने अपनी बचत के रुपयों से जैसे-तैसे एक ई-रिक्शा खरीदा। शुरू में तो कमाई ठीक-ठाक हुई, लेकिन अब गुड्डू इससे भी खुश नहीं हैं। गुड्डू बताते हैं, भाजपा सरकार बनने के बाद तमाम तरह के रोड टैक्स, फिटनेस, और पुलिस की अकारण वसूली से वो परेशान रहते हैं।
एक 7 साल की बेटी के पिता गुड्डू रोजाना 250-300 की कमाई में घर का खर्च भी ठीक तरह नहीं चला पा रहे हैं। उसपर बेटी के स्कूल वाले फीस जमा करने के लिए ताने मार रहे। गुड्डू कहते हैं, बताइये कहां से क्या-क्या कर लिया जाए।
इसी तरह कानपुर देहात (Kanpu Dehat) के किसाननगर से मैथा तक टेम्पो चलाने वाले शिव कुमार यादव भी दिक्कतों में हैं। उनकी दिक्कत का सबसे बड़ा कारण यहां की सड़क है। सड़क में अनगिनत गड्ढे और जलभराव के चलते वह दिन में सिर्फ दो चक्कर ही टेम्पो चला पा रहे हैं। उसमें इतनी कमाई नहीं हो पा रही। शिव कुमार बीजेपी के वोटर हैं, लेकिन इस बार वह वोट नहीं देंगे। कारण पूछने पर बताते हैं, 'जब सड़क बन जाएगी तो वोट देंगे।'
इसी रोड पर कॉस्मेटिक की दुकान चला रहे मुमताज अहमद ने सपा छोड़कर पिछली बार भाजपा को वोट दिया था। लेकिन मुमताज का कहना है कि उन्होंने जब से भाजपा को वोट दिया है तब से रो रहे हैं। दिन भर में बोहनी तक नसीब नहीं होती। जब सड़क ही नहीं है, तो कस्टमर आता ही नहीं। मुमताज भी इस बार वोट नहीं डालेंगे।
यहां के रहने वाले प्रसून हिन्दू हमें बताते हैं कि, 'अभिजीत सिंह सांगा (Abhijit Singh Sanga) यहां से विधायक हैं। हम लोगों ने कई बार सांसद भोले सिंह और विधायक सांगा से जाकर समस्याएं गिनाई। लेकिन आज दिन तक कोई सुनने देखने वाला नहीं है। यहां लोग गिर रहे हैं, चोटिल हो रहे हैं, लेकिन अभी चुनाव आ रहा है, तब नेताजी दिखने लगेंगे, क्योंकि वोट चाहिए, अबकी देखेंगे कैसे वोट मिलेगा।'
थाना सचेंडी के अंतर्गत जहां पिछले साल विकास दुबे (Vikas Dubey) का एनकाउंटर हुआ था वहां से शुरू हो रही सड़क किसाननगर से रसूलाबाद को जुड़ती है। लगभग 58 किलोमीटर तक के सफर में मात्र एक या दो किलोमीटर ही यह सड़क कुछ चलने लायक है बाद बाकी अगल-बगल के खेतों जैसे हालात बन गए हैं। जिसकी सुध लेने वाला न कोई सांसद है और न विधायक।
मुमताज बताते हैं, नेताजी लोग हिन्दू-मुस्लिम (Hindu-Muslim) करने में व्यस्त हैं। जिसके चलते हम लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। जबकि उन्हें पहले विकास पर ध्यान देना चाहिए। हिन्दू मुस्लिम सब एक हैं, आपस में प्यार-प्रेम है। नेताजी इस आग को भड़काकर घी डालते रहते है, लेकिन मूलभूत जरूरतों की बात नहीं करते, क्या फायदा है ऐसे नेताओं का? इस विषय पर हमने विधायक सांगा को फोन कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन फोन नहीं उठा।
गौरतलब है कि बिठूर निवासी भाजपा विधायक (BJP-MLA) अभिजीत सिंह सांगा पिछले महीने हिन्दू बनाम मुस्लिम की खाईं बनाने को लेकर चर्चा में रहे थे। बिठूर में ताजिया दफनाने को लेकर उन्होंने भड़काऊ बयान दिया था। कुछ मुस्लिम संगठनों ने इसपर सफाई देते हुए कहा भी था कि वह लोग वैसा नहीं कर रहे जैसा विधायक जी मामले को हवा दे रहे हैं।