Begin typing your search above and press return to search.
समाज

डबडबाई आंखों से इंसाफ के लिए अंकिता के पिता की हाईकोर्ट में दस्तक, CBI जांच की मांग-भरोसा नहीं है SIT जांच पर

Janjwar Desk
4 Nov 2022 8:36 AM GMT
डबडबाई आंखों से इंसाफ के लिए अंकिता के पिता की हाईकोर्ट में दस्तक, CBI जांच की मांग-भरोसा नहीं है SIT जांच पर
x

डबडबाई आंखों से इंसाफ के लिए अंकिता के पिता की हाईकोर्ट में दस्तक, CBI जांच की मांग-भरोसा नहीं है SIT जांच पर

अंकिता भंडारी के पिता कहा कि सरकार ने साजिश के तहत आरोपियों की बचाने की कोशिश की है और सारे साक्ष्य मिटाए हैं। अंकिता की मां सोनी भंडारी का कहना है कि अब सरकार का न तो कोई जनप्रतिनिधि उनसे मिलने आता है और न ही उनसे किए वादे निभाए जा रहे हैं...

Justice for Ankita Bhandari : अंकिता भंडारी हत्याकांड की चल रही एसआईटी जांच से असंतुष्ट मृतका अंकिता भंडारी के माता पिता भी गुरुवार 3 नवंबर को उत्तराखंड हाई कोर्ट में न्याय मांगने पहुंच गए। बेटी को अभी तक न्याय नहीं मिल पाने से दुखी माता पिता इस दौरान कोर्ट के गेट पर ही सुबकते नजर आए।

अंकिता हत्याकांड में शासन प्रशासन के आरोपियों के प्रति कथित नरम रुख व एसआईटी जांच से असंतुष्ट होकर सीबीआई अथवा हाईकोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी की जांच को लेकर पौड़ी के श्रीकोट निवासी पत्रकार आशुतोष नेगी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के मौके पर नैनीताल उच्च न्यायालय पहुंचे अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि वह अब तक सरकार ने एसआईटी से जांच कराई है, उस जांच से वह संतुष्ट नहीं हैं। इस मौके पर अंकिता भंडारी के पिता कहा कि सरकार ने साजिश के तहत आरोपियों की बचाने की कोशिश की है और सारे साक्ष्य मिटाए हैं। अंकिता की मां सोनी भंडारी का कहना है कि अब सरकार का न तो कोई जनप्रतिनिधि उनसे मिलने आता है और न ही उनसे किए वादे निभाए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष नेगी की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले की स्टेटस रिपोर्ट्स तलब की थी, जो की गुरुवार 3 नवंबर को पेश की जानी थी, लेकिन एसआईटी गुरुवार को यह रिपोर्ट पेश नहीं कर सकी थी जिसके बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए अब एसआईटी को जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 11 नवम्बर तक का समय देते हुए रिपोर्ट में उन सबूतों के बारे में विस्तार से बताने को कहा है, जिन्हें घटना की जगह को बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने से पहले वहां से एकत्रित किया गया था। एसआईटी को यह रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 11 नवंबर तक का समय दिया गया है।

गौरतलब है कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शिनिस्ट काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की सितंबर महीने में कथित तौर पर भाजपा नेता संजीव आर्य के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने हत्या कर दी थी। आरोपी ने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर ऋषिकेश के निकट चीला नहर में अंकिता भंडारी को धक्का देकर हत्या कर दी थी।

एक पत्रकार से खौफजदा है उत्तराखंड सरकार

पौड़ी गढ़वाल निवासी पत्रकार आशुतोष नेगी ने जो याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल की है, उसमें उन्होंने पुलिस और एसआईटी पर मामले के महत्वपूर्ण साक्ष्यों को छिपाने का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक अंकिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है। याचिका में कहा गया है कि जिस दिन नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ, उसी दिन उसका कमरा तोड़ दिया गया। मृतका के शव का किसी महिला चिकित्सक की मौजूदगी के बिना ही पोस्टमार्टम कर दिया गया, जो उच्चतम न्यायालय के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है।

अंकिता हत्याकांड के बाद अंकिता के माता पिता तथा न्यायिक लड़ाई में मदद की मंशा से "जागो उत्तराखंड" पोर्टल द्वारा शुरू की गई क्राउड फंडिंग पर लगे आरोपों पर आशुतोष नेगी ने जनज्वार से कहा कि अपने आप को अंकिता हत्याकांड पर चारों ओर से घिर रही सरकार एक पत्रकार की इस मुहिम से इतना घबरा गई है कि वह इस अभियान को बदनाम करने पर उतारू है, इसलिए फंडिंग की अपील पर अभी तक जो कुल 49 हजार रुपए इकट्ठा हुए थे, उसमें जागो उत्तराखंड द्वारा एक हजार रुपए और मिलाकर कुल 50 हजार रुपए का चेक अंकिता भंडारी के पिता वीरेन्द्र भंडारी को सौंपकर इस मुहिम को बंद कर दिया गया है। हमारा उद्देश्य पहाड़ की बेटी अंकिता के परिवार को न्याय दिलाना है। उससे हम सरकार के दबाव के बाद भी पीछे नहीं हटेंगे।

सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात कही अंकिता भंडारी के पिता ने

उच्च न्यायालय परिसर में मौजूद अंकिता के माता-पिता ने कहा कि वह एसआईटी की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। वह अपनी बेटी की हत्या की जांच सीबीआई से कराने के पक्ष में हैं। उन्होंने हाल में रिजॉर्ट परिसर में स्थित आरोपी की आंवला कैंडी की फैक्ट्री में लगी आग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी और फैक्ट्री के बिजली का कनेक्शन कटा होने के बावजूद वहां आग कैसे लग गई। अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह का दावा है कि यह सब सबूत मिटाने की साजिश के तहत हुआ। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी अंकिता भंडारी को इंसाफ नहीं मिलता और हत्यारों को फांसी की सजा नहीं होती, वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे। इसके लिए उन्हें उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय तक क्यों न जाना पडे़।

Next Story

विविध