घर के आंगन में भी सुरक्षित नहीं उत्तराखंड के नौनिहाल, घात लगाए खूंखार गुलदार ने अब 8 साल के मासूम को बनाया निवाला
![घर के आंगन में भी सुरक्षित नहीं उत्तराखंड के नौनिहाल, घात लगाए खूंखार गुलदार ने अब 8 साल के मासूम को बनाया निवाला घर के आंगन में भी सुरक्षित नहीं उत्तराखंड के नौनिहाल, घात लगाए खूंखार गुलदार ने अब 8 साल के मासूम को बनाया निवाला](https://janjwar.com/h-upload/2022/11/25/839867-guldar-attack-almora-uttarakhand-tiger-attack.jpg)
प्रतीकात्मक फोटो
Almora Guldar attack news : उत्तराखंड राज्य में वन्य जीवों का आतंक इस कदर बढ़ चला है कि घर के बाहर तो छोड़िए अपने घर के आंगन तक में नौनिहाल सुरक्षित नहीं हैं। खेलते खेलते कब मौत उन्हें झपट्टा मारकर अपनी आगोश में ले ले, कोई नहीं जानता। ऐसे हर दर्दनाक हादसे के बाद अपने कलेजे के टुकड़े से बिछड़े मां बाप खून के आंसू बहाने को अभिशप्त हैं, लेकिन राज्य की धामी सरकार बेशर्मी से अपनी "धांकड़ धामी" की इमेज बनाने में व्यस्त है। बृहस्पतिवार 24 नवंबर को ऐसे ही एक दर्दनाक हादसे में मां बाप की गोद को उस समय सूना कर दिया, जब उनकी आंखों के तारे को हिंसक गुलदार ने घर के आंगन में खेलते वक्त अपना शिकार बना लिया।
अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी विकास खंड के दूरस्थ गांव नेलपड़ में बृहस्पतिवार 24 नवंबर की शाम करीब छह बजे रमेश सिंह के घर के घर के आंगन में उनके 8 वर्षीय पुत्र आरव पर उस समय हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया, जब मासूम आरव अपने घर के बाहर खेल रहा था। हंसी खुशी खेल रहे इस बच्चे को घर के पास ही घात लगाकर बैठे इस गुलदार ने बच्चे पर हमला करते हुए उसे अपने जबड़ों में जकड़ लिया। इससे पहले की गुलदार के जबड़ों में फंसा यह बच्चा कुछ समझा पाता, गुलदार इस बच्चे को घसीटते हुए खेतों की तरफ ले गया। गुलदार के जबड़ों में फंसे बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
गुलदार के इस हमले की जैसे ही परिजनों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने ग्रामीणों से मदद की उम्मीद के लिए शोर मचा दिया। शोर सुनकर ग्रामीण एकत्र हो गए और गुलदार बच्चे को खेत में छोड़कर भाग गया। परिजनों ने इसकी जानकारी वन अधिकारियों को दी। इस मामले में तथ्य यह है कि वर्तमान में कनालीछीना इलाके के रेंजर अवकाश पर हैं, जिस वजह से इस रेंज का चार्ज बिनसर रेंज के अधिकारी को सौंपा गया है।
बिनसर रेंज के अधिकारी के घटनास्थल क्षेत्र से अनभिज्ञ होने के कारण खबर लिखे जाने के समय (रात्रि दस बजे) तक वन विभाग के लोग मौके पर नहीं पहुंच पाए थे। घटना के चार घंटे बाद भी मौके पर वन विभाग के कारिंदों के न पहुंचने से गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों पर मामले को लेकर लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार के आतंक की खबर वन विभाग को दिए जाने के बाद भी वन विभाग ने ग्रामीणों की सुरक्षा के प्रति अपराधिक लापरवाही बरती है। गुलदार के हमले में जान गंवाने वाला बालक आरव दो बहनों का इकलौता भाई था। इस बच्चे की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
गुलदार द्वारा गांव के मासूम बच्चे को मौत के घाट उतारे जाने की इस लोमहर्षक घटना के बाद से गांव में दहशत पसरी हुई है। देर सायं पटवारी चन्द्र सिंह राठौर मौके पर पहुंचे, जबकि तहसीलदार भी गांव में पहुंचने वाले हैं। फिलहाल सरकारी अमले के गांव में पहुंचने के बाद बालक के शव का पंचनामा आदि कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने की तैयारी चल रही है।