योगीराज : शौच के लिए गई दलित महिला को सवर्णों ने जिंदा जलाया, मौत के बाद 24 दिन से न्याय के लिए भटक रहा पति
जनज्वार, गोण्डा। जातिगत मानसिकता, हीनता और भेदभाव इंसानी फितरत से निकलने का नाम नहीं ले रहा है। और निकले भी क्यों, जब इस भावना की बयार सत्ता की तरफ से चल रही हो। इसी भावना के फलस्वरूप गोण्डा में सवर्णों ने शौच करने गई दलित परिवार की एक महिला को आग के हवाले कर दिया। आग की लपटों में घिरी महिला के चीखने की आवाजें सुनकर परिवार वालों ने किसी तरह आग बुझाई और उसे लेकर अस्पताल पहुँचे। अस्पताल में होश आने पर महिला ने जलाने वालों के नाम व आपबीती बताई।
दरअसल श्रीराम पुत्र रामकेवल पत्नी सहित गोण्डा के बेनीनगर खैरा पोस्ट गुरूदयाल थाना कोतवाली नगर के रहने वाले हैं। आरोप है कि बीती 1 मार्च को रात लगभग 10 से 11 बजे श्रीराम की पत्नी श्रीदेवी शौच के लिए उठकर गई थी। थोड़ी ही देर में उसके रोने व चीखने चिल्लाने की आवाजें सुनाई दीं। श्रीराम व उसके परिवार के लोग दौड़कर मौके पर गए तो देखा की श्रीदेवी के शरीर में आग लगी हुई थी और वह जल रही थी। परिजनो ने किसी तरह आग बुझाई, थोड़ी ही देर में श्रीदेवी बेहोश हो गई।
श्रीराम पत्नी को बेहोशी की हालत में लेकर जिला अस्पताल गोण्डा पहुँचे। यहाँ से 2 मार्च को श्रीराम की पत्नी श्रीदेवी को श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सिविल अस्पताल लखनऊ रिफर कर दिया गया। इलाज के दौरान जब श्रीराम की पत्नी को होश आया तो उसने परिजनो को आग की बाबत आपबीती बताई। श्रीदेवी ने बताया कि संतोष शुक्ला, छोटे बाबू पाण्डेय व छोटू पाण्डेय ने उसके शरीर पर कोई ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी थी।
श्रीराम का कहना है कि वह दलित है, कोरी बिरादरी से ताल्लुक रखता है। मेरी पत्नी ने पुलिस व मीडिया के सामने बयान दिया था। आरोपी दबंग हैं, शातिर, प्रभावशाली व राजनैतिक रसूख वाले हैं। जिसके चलते उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 'जनज्वार' के पास मौजूद श्रीराम के पत्र के मुताबिक 17 मार्च को लगभग 8-9 बजे पत्नी श्रीदेवी की दर्द से तड़पते हुए मौत हो गई।
श्रीराम 'जनज्वार' को मिले पत्र में लिखते हैं कि पत्नी श्रीदेवी के मुताबिक उसे जलाकर मारने में संतोष शुक्ला पुत्र रामलोचन शुक्ला, छोटे बाबू पाण्डेय पुत्र सरजू प्रसाद पाण्डेय, छोटू पाण्डेय पुत्र संतराम पाण्डेय ने उसकी पत्नी श्रीदेवी को जलाकर मारा है। यह बयान उनकी पत्नी ने खुद दिया है। बावजूद इसके थाने की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं लिखी है। और तो पुलिस अधीक्षक गोण्डा द्वारा भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
पीड़ित का कहना है कि उसे व उसके परिवार को जान-माल का खतरा है। शिकायत करने के बाद उसे व उसके परिवार को ही उल्टा धमकाया जा रहा है। फर्जी फंसाने की कोशिश की जा रही है। श्रीराम कहते हैं कि वह दलित हैं उनके परिवार का बहुत उत्पीड़न किया जा रहा है। श्रीराम साथ ही यह कहते हैं कि यहां अब न्याय भी जाती व धर्म के आधार पर मिल रहा है।