Begin typing your search above and press return to search.
सिक्योरिटी

धारदार हथियार लेकर आए थे करीब 50 चीनी सैनिक, गलवान को दोहराने की थी कोशिश

Janjwar Desk
9 Sep 2020 2:47 AM GMT
धारदार हथियार लेकर आए थे करीब 50 चीनी सैनिक, गलवान को दोहराने की थी कोशिश
x
सोमवार को भारत व चीन के सैनिकों के बीच हुए टकराव की ड्रैगन ने एक झूठी कहानी गढी थी। मीडिया में आयी तसवीरों से साफ पता चल गया है कि चीन के ही सैनिक धारदार हथियार के साथ भारतीय पोस्ट के पास आये थे...

जनज्वार। चीन भारतीय सेना पर एलएसी पार करने का झूठा आरोप लगाकर एक बार फिर गलवान घाटी जैसे मामले को दोहराना चाहता है। हालांकि भारतीय सैनिकों ने उसकी इस चाल को नाकामयाब कर दिया है। उसके सैनिक भाला, डंडे व अन्य परंपरागत हथियार लेकर पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला के उत्तर स्थित मुखपुरी में सोमवार को आए थे और भारत की अग्रिम चैकियों के पास डंट गए थे। लेकिन, भारतीय सेना के कड़े प्रतिरोध व हवा में फायर कर चेतावनी देने के बाद उन्हें लौटना पड़ा।

सोमवार, सात सितंबर की की इस घटना की मंगलवार को तसवीरें जारी की गईं, जिसमें करीब 50 की संख्या में चीनी सैनिक हथियारों से लैस दिख रहे हैं। उसने अपनी इसी नाकमयाब सोच को लेकर यह झूठी कहानी गढी की भारतीय सेना एलएसी पार कर उसके कब्जे वाले इलाके में घुस गई और गोलियां चलायी।

हालांकि भारत ने कल ही यह स्पष्ट कर दिया था कि चीन की हरकतें एलएसी पर तनाव बढाने वाला व उकसाने वाला है। भारत ने यह भी कहा कि उसकी हरकतों के बावजूद भारतीय सेना ने संयम व दृढता दिखायी।

मीडिया मेें जारी तसवीरों में यह स्प्ष्ट दिख रहा है कि चीन के 50 के करीब सैनिक हथियारों से लैस होकर रेजांग ला के पास उन चोटियों पर आने की कोशिश कर रहे हैं, जिन पर भारतीय सैनिक तैनात हैं। तसवीरों से यह भी पता चलता है कि वे भारतीय सैनिकों से मात्र 200 मीटर की दूरी पर हैं।

ध्यान रहे कि 14-15 जून को गलवान घाटी में जब भारतीय सैनिकों ने एलएसी के उल्लंघन व उसके अवैध निर्माण का प्रतिरोध किया था उसके सैनिकों ने धारदार हथियार, कील लंगे डंडे आदि से हमला किया था। फिर उसकी एक बार ऐसी ही सोच थी। वह उन चोटियों पर कब्जा करना चाहता था जिस पर भारतीय सैनिकों का कब्जा है और वे रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण हैं।

सोमवार को हुई घटना में 45 साल बाद एलएसी पर पहली बार गोली चली थी। चीनी सैनिकों की ओर से भी गोलियां चलायी गईं पर भारत सैनिकों ने उन्हें वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।

Next Story