सिक्योरिटी

आपदा में अवसर भारी पड़ा युवा अपराधियों को, पहाड़ का शांत वातावरण दहलाने चले थे हवालात में पहुंच आये होश ठिकाने

Janjwar Desk
9 Sep 2021 5:10 PM GMT
आपदा में अवसर भारी पड़ा युवा अपराधियों को, पहाड़ का शांत वातावरण दहलाने चले थे हवालात में पहुंच आये होश ठिकाने
x

गूगल पे के बाद अपराधी लाखों की मिलने वाली रकम के सपने देख ही रहे थे कि उत्तराखण्ड पुलिस ने ले लिया कब्जे में

गूगल पे के बाद अपराधी लाखों की मिलने वाली रकम के सपने देख ही रहे थे कि उत्तराखण्ड पुलिस ने ले लिया कब्जे में और पहुंचा दिया सलाखों के पीछे...

बागेश्वर, जनज्वार। पहाड़ की शांत वादियों में अपने आपराधिक कारनामे से हलचल पैदा करने वाले युवा अपराधियों के एक ग्रुप की कोशिशें पुलिस की सक्रियता से सफल न हो सकी। मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के डीजीपी के राडार पर आने के बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर सींखचों के पीछे धकेल दिया।

दरअसल बागेश्वर जिले के कपकोट गांव सूपी का रहने वाला नीरज टाकुली इसी जिले के रहने वाले विशाल आगरी (जो अब रुद्रपुर रहने लगा था) विकास पाण्डे, कमल आर्या (दोनों रुद्रपुर निवासी) के साथ बागेश्वर में एक गाड़ी का सौदा करने कपकोट पहुंचे। यह सभी लोग चरस की छोटी-मोटी तस्करी वाले 19 से 25 साल की उम्र के युवक थे।

जिस गाड़ी को खरीदने यह आये थे, उसका सौदा तो पटा नहीं। अलबत्ता इन्हें बाज़ार में नीरज के गांव के जान-पहचान दो नाबालिग किशोर उम्र के बच्चे जो कपकोट अस्पताल में दवाई लेने आये थे, मिल गये। बच्चों को देखकर आपराधिक मानसिकता वाले इन युवाओं ने बागेश्वर आने-जाने के खर्चे की पूर्ति और मोटी कमाई के चक्कर में सूपी गांव के ही मोहित टाकुली के साथ मिलकर बच्चों के अपहरण की साजिश रचते हुए बच्चों को बहला-फुसलाकर अपनी गाड़ी में बैठा लिया। बच्चों के अपहरण के बाद इन लोगों ने बच्चों के परिजनों को बच्चों के ही मोबाइल फोन से उनके अपहरण की जानकारी देकर छह लाख रुपये फिरौती की डिमांड रख दी। साथ ही यह बच्चों को लेकर पहाड़ से मैदानी इलाके की तरफ रवाना हो गये।

शांत पहाड़ में अपहरण जैसे दुर्दांत अपराध की खबर पुलिस को मिलते ही पुलिस के होश उड़ गये। नैनीताल में मौजूद मुख्यमंत्री तक भी इसकी खबर पहुंची तो डीजीपी, डीआईजी स्तर के अधिकारियों ने इस मामले की मॉनिटरिंग शुरू कर दी। पूरे कुमाऊं मण्डल की पुलिस को हाई अलर्ट पर लेकर बागेश्वर जिले के साथ अल्मोड़ा जिले की एसओजी को बच्चों की बरामदगी का काम सौंपा गया।

नैनीताल जिले की एसओजी को स्टैंड बाई रखा गया। पुलिस ने इन अपराधियों के फोन नंबर सर्विलांस पर लगाकर लोकेशन चेक की इनकी लोकेशन अल्मोड़ा और खैरना के बीच मिली। हालांकि यह लोग बीच-बीच पुलिस को चकमा देने के लिए अपने मोबाइल फोन बन्द कर ले रहे थे। लेकिन फिर भी पुलिस किसी न किसी बहाने से इनकी लोकेशन लगातार ट्रेस कर रही थी।

पुलिस ने इनकी लोकेशन के चारों तरफ की घेराबन्दी करते हुए बच्चों के परिजनों के माध्यम से अपहरणकर्ताओं को लगातार उलझाये रखा। इस बीच परिजनों ने अपहरणकर्ताओं को 18 और 19 हज़ार के दो गूगल पे भी किये। एक बच्चे का एटीएम लेकर खाते से पच्चीस हज़ार रुपये भी यह लोग निकाल चुके थे।

गूगल पे के बाद अपराधी लाखों की मिलने वाली रकम के सपने देख ही रहे थे कि इनके चारों तरफ पड़ा पुलिस का घेरा समय के साथ तंग होता जा रहा था। अपहरण के कुछ ही घण्टे बाद तमन्ना फास्ट फूड रैस्टोरैन्ट के पास अल्मोड़ा-हल्द्वानी मुख्य मार्ग पर नैनीताल जिले के छड़ा खैरना से गिरफ्तार होने वाले यह अपराधी अब जेल की हवा खा रहे हैं। जिले में अपनी तरह की पहली इस घटना के सुखद अंजाम पर मुख्यमंत्री ने पुलिस टीम को एक लाख रुपये इनाम दिये जाने का ऐलान किया है।

Next Story

विविध