सिक्योरिटी

जासूस बताकर अगवा किये गये अरुणाचल के पांच युवाओं को 11 दिन बाद चीन ने भारतीय सेना को सौंपा

Janjwar Desk
12 Sep 2020 11:39 AM GMT
जासूस बताकर अगवा किये गये अरुणाचल के पांच युवाओं को 11 दिन बाद चीन ने भारतीय सेना को सौंपा
x
लापता हुए अरुणाचल के इन इन पांचों युवाओं को 11 दिन बाद भारत लाया गया है, बताया गया था कि इनका अपहरण कर लिया गया है....

ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश से 2 सितंबर को लापता हुए और बाद में चीनी क्षेत्र में पाए गए पांच युवकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शनिवार 12 सितंबर को भारत को सौंप दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब दोनों देशों के बीच एलएसी के पास तनाव की स्थिति बनी हुई है।

इन युवकों को चीन की सेना ने अगवा किया था। शुरुआत में चीन ने दादागिरी दिखाते हुए भारतीय युवकों के बारे में जानकारी देने की बजाय अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्‍सा बता द‍िया था। चीनी मीडिया ने उन्हें जासूस कर करार दे दिया था।

रक्षा सूत्रों ने कहा है कि लापता हुए इन पांचों युवाओं को 11 दिन बाद भारत लाया गया है। बताया गया था कि इनका अपहरण कर लिया गया है।

पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के अंजाव जिले के किबिथू के पास दमाई में इन पांचों लोगों को भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया।

रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष वर्धन पांडे ने एक बयान में कहा, "शनिवार 12 सितंबर को किबिथू में सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद चीनी सेना ने भारतीय सेना को पांचों युवकों को सौंप दिया है। काोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत इन लोगों को 14 दिन क्वारंटीन में रखा जाएगा, फिर इन्हें इनके परिवारों को सौंपा जाएगा।"

चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने मंगलवार को भारतीय सेना को जानकारी दी थी कि सुबनसिरी जिले में चीन-भारतीय सीमा से 2 सितंबर को लापता हुए, पांचों उनके इलाके में मिले थे।

रक्षा सूत्रों ने कहा था कि भारतीय सेना के लगातार प्रयासों से ये लोग वापस मिले हैं। इन लोगों ने 2 सितंबर को अनजाने में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर लिया था।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस घटना के बारे में तब जानकारी मिली, जब समूह के दो सदस्य जंगल से घर लौट आए और उन्होंने ग्रामीणों को 5 लोगों के अपहरण की जानकारी दी। इन लोगों का सेरा 7 से अपहरण किया गया था, जो भारतीय सेना के गश्ती क्षेत्र से लगभग 12 किमी दूर नाचो के उत्तर में स्थित है।

11 दिन पहले अरुणाचल के ऊपरी सुबनसिरी जिले में भारत-चीन सीमा के पास जंगल में शिकार के लिए गए 7 में से 5 लोगों का चीनी सेना ने अपहरण कर लिया था। लापता युवकों में से एक के रिश्तेदार प्रकाश रिंगलिंग ने अपने फेसबुक पोस्ट में पहली बार इस बारे में लिखा था। लापता युवकों की पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में हुई थी।

ग्रामीणों का दावा किया कि ये युवक भारतीय सेना के लिए पोर्टर के रूप में काम करते थे, जो दुर्गम क्षेत्रों में सामान की ढुलाई करते थे। प्रकाश ने कहा था, 'कभी-कभी निकल जाता है लोग और पीएलए वाला लेके चला जाता है।' 7 लोगों की टोली निर्जन जंगल में शिकार के लिए गई थी। इनमें से केवल दो वापस आए थे। लापता युवकों के परिजन ने बताया कि बॉर्डर पर सीमांकन ठीक से नहीं है। इस वजह से उन्हें पता नहीं चल पाता कि वे किस ओर हैं और वे लोग काफी आगे बढ़ जाते हैं।

नाचो मैकमोहन लाइन के करीब अंतिम प्रशासनिक सर्किल है। यह ऊपरी सुबनसिरी जिला मुख्यालय दार्पोजियों से करीब 120 किमी दूर है, जो कि राज्य की राजधानी ईटानगर से 280 किमी दूर है। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन की 1,080 किलोमीटर लंबी सीमा है।

कल 11 जून को केंद्रीय युवा मामलों एवं खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरण रिजिजू ने कहा था कि चीन शनिवार 12 सितंबर को अरुणाचल प्रदेश के पांच युवकों को भारत सरकार को सौंप देगा। उन्होंने कहा कि ये युवक इस महीने की शुरुआत में भूलवश चीनी सीमा में प्रवेश कर गए थे। पांचों युवक 2 सितम्बर से लापता थे। बाद में पता चला कि वे गलती से चीनी सीमा में प्रवेश कर गए हैं। जबकि यहां के स्थानीय ग्रामीणों और लापता युवाओं के 1 साथियों ने कहा था कि चीनी सेना ने उन्हें अगवा किया है।

Next Story

विविध