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भारत-चीन सीमा के हिमालय से आठ ट्रैकर्स समेत 14 लोग लापता, रेस्क्यू में जुटी कई टीमें
8 ट्रेकरों समेत 14 लोग भारत-चीन सीमा के हिमालय से लापता
देहरादून। उत्तराखंड में जहां एक ओर बारिश ने तबाही मचाई है, वहीं भारत-चीन सीमा के हिमालय पर्वत से दो अलग-अलग घटनाओं में चौदह लोग लापता हो गए हैं। इन लापता लोगों में पहाड़ों में ट्रैकिंग करने वाले आठ ट्रैकर्स व उनकी मदद के लिए साथ गए तीन पोर्ट्स तथा आईटीबीपी के तीन पोर्टर्स शामिल हैं।
शुरुआती घटनाक्रम के अनुसार हर्षिल-छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लखमा पास गए दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स सहित 11 लोग लापता हो गए हैं। ट्रैकर्स के लापता होने की सूचना स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी की ओर से जिला प्रशासन को दी गई है, जिसके बाद बुधवार 20 अक्टूबर को एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना हो गई है।
स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी सूत्रों के अनुसार बीती 14 अक्टूबर को दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स के साथ 17 सदस्यीय दल हर्षिल-छितकुल के लखमा पास के लिए रवाना हुआ था। छितकुल के समीप पहुंचे पोर्टरों से मिली जानकारी के अनुसार इन ट्रैकर्स में दो ट्रैकर्स घायल हैं। स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी ने घटना की सूचना बुधवार 20 अक्टूबर को जिला आपदा प्रबधन विभाग की दी।
सूचना के आधार पर एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना हो गई है। ताजा स्थिति रेस्क्यू टीम के मौके पर पहुंच कर ही स्पष्ट हो पाएगी।
लापता ट्रैकर की पहचान अनीता रावत (38 साल) दिल्ली, मिथुन दारी (31 साल) पश्चिम बंगाल, तन्मय तिवारी (30 साल) कोलकाता, विकास (33 साल) कोलकाता, सौरव घोष (34 साल) कोलकाता, रिचर्ड मंडल (30 साल) कोलकाता, सुकेन मांझी (43 साल) कोलकाता, देवेंद्र (37 साल) पुरोला उत्तरकाशी, ज्ञानचंद (33 साल) पुरोला उत्तरकाशी, उपेंद्र (32 साल) पुरोला उत्तरकाशी निवासी के रूप में हुई है।
जबकि दूसरी घटना में उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी से लगी भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टरों के लापता होने की सूचना है। तीनों पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीम के साथ सीमा पर लंबी दूरी गश्त के लिए रवाना हुए थे, जो वापसी के दौरान रास्ता भटक गए। बर्फबारी होने से इन पोर्टरों का कोई पता नहीं चल पाया, जिसके बाद आईटीबीपी ने इन पोर्टरों को तलाशने के लिए वायु सेना और राज्य आपदा प्रबंधन से मदद मांगी है।
नागा और नीलापानी चौकी से भी बुधवार 20 अक्टूबर की सुबह 20-20 आईटीबीपी जवानों की टीम खोज और बचाव के लिए रवाना हुई है। राहत-बचाव अभियान में बर्फ रुकावट पैदा कर रहा है। यहां छह फीट बर्फ पड़ी हुई है, जिस वजह से अभियान में बाधा आ रही है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि लंबी दूरी गश्त के लिए 15 अक्टूबर को तीन पोर्टरों के साथ आईटीबीपी की टीम भारत-चीन सीमा स्थित नीलापानी चौकी से सीमा के लिए रवाना हुई थी। इस टीम में उत्तरकाशी जनपद के तीन पोर्टर भी थे। गश्त के बाद टीम वापस लौटी। टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्तूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए। इन पोर्टरों को 18 अक्तूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था।
पोर्टरों की तलाश के लिए 18 अक्तूबर को पांच अन्य पोर्टर को भी संसाधनों सहित भेजा गया है। उन पोर्टरों से भी आईटीबीपी की टीम का संपर्क नहीं हुआ है। लेकिन पांच पोर्टरों के पास संसाधन होने के कारण उनके सुरक्षित होने की उम्मीद है। अभी आईटीबीपी की पहली प्राथमिकता तीन पोर्टरों को तलाशने की है। इस मामले में आईटीबीपी ने राज्य आपदा प्रबंधन से पोर्टरों की तलाश के लिए सहायता मांगी। हालांकि आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं जो चार हजार मीटर से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें।
बहरहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा लापता लोगों की तलाश में युद्धस्तर पर अभियान चलाया हुआ है, लेकिन आज 20 अक्टूबर की शाम तक कोई उम्मीद जगाती खबर प्राप्त नहीं हुई है।