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Sukma News : CRPF जवान को मजाक लगा बुरा तो सो रहे साथियों पर की ताबड़तोड़ फायरिंग
CRPF जवान रितेश रंजन (दाएं) घायल जवान (बाएं )
Sukma News : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा (Sukma) जिले से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। सुकमा जिले के लिंगनपल्ली सीआरपीएफ (CRPF) 217BN के जवान रितेश रंजन ने अपने ही साथियों पर गोलियां बरसा दी। जिस समय रितेश ने अपने साथियों पर गोलियां चलाई उस समय वे लोग सो रहे थे। गोली चलाने का कारण कैंप में हुई जवानों के बीच हुई मजाक-मस्ती को बताया जा रहा है। रितेश को मजाक का बुरा लगा और कहासुनी के बाद देर रात उसने अपने साथियों पर अंधाधुंध फायरिंग की। रितेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
यह है पूरा मामला
सीआरपीएफ कैंप के कुछ जवानों ने बताया कि ड्यूटी खत्म होने के बाद में रोज जवानों के बीच मजाक मस्ती चलती रहती थी। इसी तरह रविवार को भी कैंप के बैरक में साथी किसी बात पर रोज की तरह हंसी-मजाक कर रहे थे। इस दौरान रितेश रंजन को मजाक बुरा लग गया। जिसके बाद रितेश और जवानों के बीच थोड़ी कहासुनी भी हो गई थी। लड़ाई के बाद रितेश साथियों के बीच से उठकर चला गया। रितेश कैंप के अंदर स्थित जिस बैरक में रहता था। उस बैरक में रितेश के साथ अन्य 9 जवान भी रहते थे।
सोते हुए साथियों पर चलाई गोलियां
मिली जानकारी के अनुसार रविवार और सोमवार की रात रितेश की कैंप में संतरी की ड्यूटी लगी थी। रात के करीब 3:00 बजे वह ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार हो रहा था और इस समय बैरक में मौजूद उसके अन्य जवान साथी गहरी नींद में सोए हुए थे। कथित तौर पर रात के लगभग 3:15 बजे रितेश ने अपनी सर्विस राइफल AK-47 उठाई और बैरक के गेट पर खड़े होकर गहरी नींद में सोए हुए अपने साथियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी।
अंधाधुंध फायरिंग में उसने सामने की तरफ सोए हुए कुल सात जवानों को गोलियों से भून दिया। बताया गया कि पीछे की तरफ से सोए हुए 2 जवानों तक गोलियां नहीं पहुंच पाई। जिसके बाद उन्होंने किसी तरह से खाट के नीचे खुद को छुपा कर अपनी जान बचाई।
गोलियों की आवाज सुनकर पहुंचे तैनात जवान
जिस समय घटना हुई उस दौरान कैंप के अन्य जवान सोए हुए थे लेकिन कुछ जवान कैंप के चारों तरफ ड्यूटी पर तैनात थे। रितेश रंजन द्वारा अचानक चलाई गई गोलियों की आवाज सुनकर ड्यूटी पर तैनात जवान बैरक की तरफ दौड़े और सबसे पहले मौके पर पहुंचे। ड्यूटी पर तैनात जवानों ने रितेश रंजन को किसी तरह अपनी बातों से समझाया और उसके हाथों से राइफल नीचे रखवाई। अन्य जवानों की नींद खुली तो वे समझे कि नक्सली हमला (Naxal attack) हुआ है। जिसके बाद नींद से जागकर हड़बड़ाते हुए मोर्चा संभालने के लिए उठ खड़े हुए।
जब उन जवानों को यह मालूम हुआ कि यहां कैंप में कोई नक्सली हमला नहीं बल्कि कैंप के अंदर ही जवानों के बीच घटना हुई है तो सभी इकट्ठा होना शुरू हो गए। इस घटना की जानकारी सीआरपीएफ के बड़े अधिकारियों को दी गई। हालांकि पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों की तरफ से इन बातों की कोई पुष्टि नहीं की गई है।
हिरासत में पूछताछ
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बताया कि जवान रितेश रंजन की छुट्टी भी स्वीकृत हो गई थी। रितेश 13 तारीख को अपने घर बिहार जाने वाला था। जिसके लिए रितेश ने पहले से ही रिजर्वेशन भी करवा रखा था। किसी कारणवश रितेश की छुट्टी टाल दी गई। आईजी सुंदरराज का कहना है कि छुट्टी ना मिलने की वजह से रितेश ने इस कदम को उठाया होगा यह कहना मुश्किल है। बताया गया कि रितेश को हिरासत में ले लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। साथ ही उसके आस-पास मौजूद सारे दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है।
बैरक के अंदर जाने की इजाजत नहीं
इस पूरी घटना के बाद बैरक में चारों तरफ खून ही खून फैला पड़ा है। बैरक के अंदर किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस घटना में 4 जवानों की मौत हो गई है। बताया गया कि वे बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे। वहीं अन्य 2 घायल जवानों का रायपुर में इलाज चल रहा है। जबकि एक जवान भद्राचलम के अस्पताल में भर्ती है।