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Bihar News: जिस पति की हत्या के आरोप में पत्नी सजा काट रही थी, 5 साल बाद घर लौटकर उसने कहा- 'साहब, मैं जिंदा हूं!'
Bihar News: बिहार के बेतिया से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स जिसे घर वाले और समाज पिछले 5 साल से मृत मान रहे थे वो अचानक जिंदा हो गया। हैरानी की बात तो ये है कि इस शख्स के हत्या मामले में उसकी पत्नी सजा काट रही है। तथाकथित हत्या के इस मामले ने सबको चौंका दिया है। साथ ही पुलिस और प्रशासन की घोर लापरवाही भी उजागर हो गई जिलके चलते एक बेगुनाह पत्नी को पति के हत्या मामले में दोषी करार दे दिया गया।
बिहार के बेतिया (Betiyah)की ये कहानी किसी रोमांचक फिल्मी के स्क्रिप्ट की तरह है। पूरा मामला बेतिया के नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र के साठी थाना क्षेत्र के कटहरी गांव का है। यहां 5 वर्ष पहले मृत घोषित किया गया व्यक्ति अचानक जिंदा हो जाता है और कहता है, 'मैं जिंदा हूं' तो इस खबर से हत्या के आरोप में सजा काट रही पत्नी के जान में जान आती है।
पत्नी और ससुरालवालों पर हत्या का आरोप
जानकारी के अनुसार, साल 2016 में कटहरी गांव के रहने वाले विकास कुमार ने बेतिया न्यायालय में अपने भाई राम बहादुर राव की हत्या का केस दर्ज कराया था। विकास ने अपने भाई राम बहादुर राव की पत्नी और उसके मायके वालों पर ही हत्या का आरोप लगाया था। शख्स के भाई विकास कुमार ने आरोप लगाया था कि 2016 में उसके भाई की ससुरालवालों द्वारा हत्या कर दी गई है। मामले की जांच पड़ताल हुई पर उसके भाई का कोई पता नहीं चला। जिसके बाद साठी थाना और रामनगर थाना में केस दर्ज कराने के लिए वह चक्कर काटता रहा। लेकिन दोनों थाने में केस दर्ज नहीं हुआ तो विकास ने बेतिया न्यायालय में मामला दर्ज कराया जिसमें विकास ने अपनी भाभी गुड्डी देवी और उसके परिजनों पर अपहरण और हत्या का केस दर्ज कराया था।
लेकिन अचानक पांच साल बाद राम बहादुर राव अपने गांव वापस आया तो पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। हत्या के केस में पत्नी समेत सभी नामजद अभियुक्तों ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर हैं।
हादसे के बाद कोमा में था शख्स
दो दिन पहले जब मृत राम बहादुर राव साठी के कटहरी गांव स्थित अपने घर पहुंचा तो उसे देखकर परिजन समेत पूरे गांव वाले दंग रह गए। पांच साल बाद घर लौटे राम बहादुर राव ने बताया कि वह गुजरात में एक धागा बनाने वाली कम्पनी में काम करता था और कम्पनी से घर लौटते वक्त उसका एक्सीडेंट हो गया। हादसे में वह बुरी तरह घायल हो गया और कोमा में चला गया था। कोमा से बाहर निकला तो उसकी यादाश्त चली गई थी। उसे न घर का पता याद था और न किसी का नाम।
काफी दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद राम बहादुर राव की यादाश्त वापस आई तो उसने अपने परिवारवालों को खोजने की कोशिशें शुरू कर दी। लेकिन कहीं किसी का पता नहीं चल पाया। फिर उसे फेसबुक का ख्याल आया। इस साल फरवरी में फेसबुक के माध्यम से वो अपने परिजनों को खोजना शुरू किया तो बेटे आकाश सिंह का पता चला। फेसबुक से ही बेटे का नम्बर लिया और बेटे को फोन कर पूरी कहानी बताई।
5 साल से लापता पिता से बात करने के बाद बेटा आकाश सिंह अपनी मां गुड्डी देवी के साथ गुजरात पहुंचा जहां राम बहादुर राव की पत्नी ने बताया कि उनके भाई विकास ने उनपर हत्या का केस दर्ज कराया है। फिर राम बहादुर राव अपनी पत्नी और अपने बेटे के साथ बेतिया के साठी थाना पहुंचे और साठी थानाध्यक्ष उदय कुमार को सारी कहानी बताई।
पांच साल से जिस आदमी को प्रासन से लेकर परिवार वाले मरा समझ रहे थे वो अचानक घर लौटा तो सब हैरान रह गए। इसी के साथ पुलिस की लापरवाह कार्यशैली भी उजागर हुई। अपहरण और हत्या के इस मामले में नया ट्विस्ट आने के बाद पुलिस अब इस मामले का नए सिरे से अनुसंधान में जुट गई है।