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फैब इंडिया ब्रांड ने अपने दिपावली परिधान को 'जश्न ए रिवाज' क्या कहा, कट्टरपंथियों ने कर दी बहिष्कार की घोषणा
pic: social media
नई दिल्ली: कपड़ो के चर्चित ब्रांड फैब इंडिया अपने एक विज्ञापन को लेकर सुर्खियों में हैं। कंपनी ने सोशल मीडिया पर दिवाली के नए कपड़े कलेक्शन के लिए प्रचार किया था। लेकिन इस ट्वीट पर जमकर ट्रोल होने के बाद फैबइंडिया ने इसे डिलीट कर दिया। दरअसल, प्रतिष्ठित ब्रांड फैबइंडिया ने दिवाली के त्योहार पर एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें दिवाली को 'जश्न-ए-रिवाज' बताया गया। इस पर कट्टरपंथी विचार के लोगों ने फैबइंडिया को खूब ट्रोल किया और बॉयकट फैबइंडिया #BoycottFabIndia से हैशटैग शुरू कर दिया। लोगों ने ब्रांड पर हिंदू त्योहार को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। कड़ी आलोचना के बाद कंपनी ने त्योहारी सीजन में नुकसान झेलने के बजाय विवाद से किनारा करना बेहतर समझा और पोस्ट का कैप्शन हटा दिया।
दिपावली को जश्न ए रिवाज कहने पर मचा बवाल
दिपावली के मद्देनजर सभी कपड़ों की कंपनियां जोर शोर से अपने प्रचार प्रसार में जुट जाती है। इसी बीच, फैब इंडिया ने भी ट्विटर पर दिवाली में कपड़ों के प्रचार के लिए एक पोस्ट डाला। 9 अक्टूबर को फैब इंडिया के इस ट्वीट में कुछ महिला और पुरुष माडल को साड़ी और कुर्ता-पाजामा पहने दिखाया गया था। इसके साथ कंपनी ने कैप्शन लिखा कि, 'जैसा कि हम प्यार और प्रकाश के उत्सव का स्वागत करते हैं, फैबइंडिया द्वारा प्रस्तुत जश्न-ए-रिवाज एक ऐसा संग्रह है, जो खूबसूरती से भारतीय संस्कृति को श्रद्धांजलि देता है।'
ट्विटर पर ट्रैंड करने लगा #BoycottFabIndia
ब्रांड ने दिपावली को जश्न-ए-रिवाज क्या कहा कि हिन्दू मुस्लिम करने की ताक में बैठे कट्टरपंथी लोग ब्रांड को कोसने लगे। कंपनी द्वारा दिवाली को 'जश्न-ए-रिवाज' का नाम देने के बाद बवाल मच गया है। तमाम हिन्दू पक्ष की पार्टियां और नेता ब्रांड की आलोचना करने लगे। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कपड़ों के ब्रांड फैबइंडिया के उस विज्ञापन पर आपत्ति जताई, जिसमें दिवाली को जश्न-ए-रिवाज कहा गया है। उन्होंने कहा कि फैबइंडिया को जान-बूझकर इस तरह का दुस्साहस करने के लिए आर्थिक रूप से नुकसान उठाना होगा।
ब्रांड पर दिवाली के हिंदू त्योहार को 'विकृत' करने और इसे जश्न-ए-रिवाज करार देने का आरोप लगाया गया। इसके बाद से सोशल मीडिया पर #BoycottFabIndia सबसे ऊपर ट्रेंड करने लगा।हिन्दू समर्थक नेताओं के साथ साथ आम लोग भी दीवाली को 'जश्न-ए-रिवाज' कहने पर आपत्ति जताने लगे। ट्विटर पर फैब इंडिया के बहिष्कार की तेजी से मांग उठने लगी।
आलोचना के बाद ब्रांड ने हटाया कैप्शन
चारों तरफ से आलोचना झेलने के बाद फैबइंडिया ने भी त्योहारों के बीच इस विवाद को और तूल देना मुनासिब नहीं समझा। सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल होने के बाद दिवाली के लिए अपने नए कलेक्शन का प्रचार करने वाले एक ट्वीट का कैप्शन हटा दिया गया है।
हालांकि, तब तक फैबइंडिया के इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा हो चुका था। आम लोगों से लेकर नेताओं और बड़े हस्तियों ने भी कंपनी द्वारा दिवाली का इस तरह से विज्ञापन करने को सांस्कृतिक रूप से अनुचित बताया। कुछ लोगों ने कहा कि कैप्शन में सिर्फ दिवाली से भी काम चल सकता था लेकिन दिवाली को कंपनी द्वारा सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है। कुछ लोगों ने ट्विटर पर लिखा कि दिवाली के अस्तित्व को ही बदलने की कोशिश की जा रही है। हिंदू त्योहारों का महत्व मुस्लिम और ईसाई धर्म के लिए भी समान है। ऐसे में लोगों ने आरोप लगाया कि इस पोस्ट के जरिए धर्म विशेष का अनादर किया गया है।