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Global SDG Index 2022 : भारत अब सतत विकास लक्ष्य में भी एक पायदान फिसला, बचे 8 साल में इन 11 चुनौतियों से पार पाना नामुमकिन

Janjwar Desk
6 Jun 2022 9:40 AM GMT
Global SDG Index 2022 : भारत अब सतत विकास लक्ष्य में भी एक पायदान फिसला, बचे 8 साल में इन 11 चुनौतियों से पार पाना नामुमकिन
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Global SDG Index 2022 : भारत अब सतत विकास लक्ष्य में भी एक पायदान फिसला, बचे 8 साल में इन 11 चुनौतियों से पार पाना नामुमकिन

2021 में भारत 163 देशों में 120वीं पायदान पर था1 इस साल एक पायदान गिरकर 121वीं पायदान पर है। 2020 में भारत की रैंकिंग 117 थी।

Global SDG Index 2022 : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विकास के दावे तो ताल ठोककर करती है, लेकिन असलियत यह है कि इस साल के केंद्रीय बजट से संयुक्त राष्ट्र संघ के अनिवार्य 17 सतत विकास लक्ष्य (SDG) ही गायब है। नतीजा यह है कि भारत वैश्विक सतत विकास लक्ष्य 2022 (Global Sustainable Development Report, 2022) की रैंकिंग में लगातार दूसरे साल एक पायदान और फिसला है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अभी 8 साल का समय बचा है, लेकिन 17 में से 11 लक्ष्यों में देश पिछड़ चुका है, जिससे पार पाना नामुमकिन सा लगता है।

सतत विकास लक्ष्यों को हासिल कर पाने में भारत के कमजोर प्रदर्शन का कारण 8 राज्य- बिहार, तेलंगाना, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, पंजाब और झारखंड रहे हैं, जिनका ओवरऑल SDG स्कोर बहुत ही कम रहा है। 2021 में भारत 163 देशों में 120वीं पायदान पर था1 इस साल एक पायदान गिरकर 121वीं पायदान पर है। 2020 में भारत की रैंकिंग 117 थी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनिया के सभी सदस्य देशों के लिए 2030 तक 17 सतत विकास लक्ष्य तय किए हुए हैं। इन्हें हासिल करने का वादा भारत समेत सभी 163 राष्ट्रों ने किया है। लेकिन भारत इनमें से 11 लक्ष्यों में काफी पिछड़ गया है। भारत का प्रदर्शन भुखमरी खत्म करने, लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने में और साफ पानी, शौचालय सुविधा देने में बेहद कमजोर रहा है। SDG 8 सरकार के बेहतर कामकाज से जुड़ा है, जो कि Global Sustainable Development Report, 2022 के अनुसार सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।

सस्टेनेबल डेव्हलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क (SDSN) के विशेषज्ञों द्वारा तैयार रिपोर्ट में सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में भारत की प्रगति पर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अपने हालिया बजट में इन लक्ष्यों का उल्लेख तक नहीं किया है। फरवरी 2022 में शुरू हुए सर्वेक्षण में पहले यह पाया गया था कि भारत ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में अच्छी प्रगति की है, लेकिन 2 जून को सामने आए पर्यावरणीय आंकड़ों से यह अनुमान भी गलत साबित हुआ है। रिपोर्ट भारत सरकार के नीति आयोग के SDG सूचकांक पर आधारित है। आपको बता दें कि SDG 13 यानी जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने की तैयारी का सूचक है। भारत 2019-20 से इसकी रैंकिंग में फिसल रहा है। 2019 में भारत का स्कोर 60 था, जो अगले ही साल 54 पर आ गया।

इन राज्यों का रहा कमजोर प्रदर्शन

बिहार का ओवरऑल स्कोर 2020 में 16, तेलंगाना का 6, राजस्थान का 13, कर्नाटक का 3, उत्तरप्रदेश का 13, आंध्रप्रदेश का 3, पंजाब का 7 और झारखंड का 15 रहा है। तेलंगाना पहले टॉप 3 में था, जिसने 23 अंक खोए हैं। सबसे ज्यादा 27 अंक बिहार ने खो दिए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से निटपने की तैयारी कम अवधि में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि आने वाले दशक में इसका ही प्रभाव सबसे अधिक होगा। विश्व आर्थिक मंच (WEF) की जनवरी 2022 में आई रिपोर्ट में यह बात साफ तौर से कही गई है।

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