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Bengaluru news : पांच लाशों के साथ 5 दिनों तक रही ढाई साल की मासूम, एक ही परिवार के 5 सदस्यों के बरामद हुए शव

Janjwar Desk
18 Sep 2021 7:22 AM GMT
Bengaluru news
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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
ब्यादरहल्ली थाना क्षेत्र के एक घर के अंदर पांच शव मिले, जहां से पुलिस ने ढाई साल की बच्ची प्रेक्षा को बाहर निकाला। वह लगभग अचेत अवस्था में मिली...

जनज्वार ब्यूरो। कर्नाटक (Karnatak) की राजधानी बेंगलुरू (Bengaluru) से शरीर को कंपा देने वाली घटना सामने आ रही है। यहां एक ही परिवार के चार सदस्यों की कथित आत्महत्या सहित 9 महीने के बच्चे की मौत होने की खबर है। लेकिन इस सबमें जो बात सबसे अधिक चौंकाने वाली है, वह ये कि घर में पड़े इन 5 शवों के बीच कई दिन से एक नाबालिग बच्ची घर में अकेली रह रही थी, जिसे पुलिस ने अब घर से बाहर निकाला है।

शुक्रवार 17 सितंबर की रात ब्यादरहल्ली (Byadarhalli) थाना क्षेत्र के एक घर के अंदर पांच शव मिले, जहां से पुलिस ने ढाई साल की बच्ची प्रेक्षा को बाहर निकाला। वह लगभग अचेत अवस्था में मिली। बच्ची उसी घर में रहती थी जहां उसकी 34 वर्षीय मां सिनचना, 51 साल की दादी भारती, 31 वर्षीय मौसी सिंधुरानी, व 25 वर्षीय मामा मधुसागर के शव छत से लटके हुए पाए गये थे। लड़की उसी कमरे में मिली, जहां मधुसागर को फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाया गया।

पुलिस ने बच्ची प्रेक्षा (Preksha) को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल (Private Hospital) में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने कहा कि उसे इलाज और काउंसलिंग की जरूरत होगी। इस मामले की जांच कर रही ब्यादरहल्ली पुलिस ने बताया कि शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। हालांकि यह आत्महत्या का मामला लगता है, लेकिन पोस्टमार्टम में इसकी पुष्टि होनी चाहिए।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, पश्चिम, सौमेंदु मुखर्जी ने बताया कि पांचों की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। उन्होंने कहा कि, 'हमें घर से किसी प्रकार का डेथ नोट भी नहीं मिला है। मृतक मधुसागर का पिता शंकर सदमे की स्थिति में है। जैसे ही वह फिट होगा, उससे पूछताछ की जाएगी।'

इस मामले में शंकर ने कहा है कि उनकी बेटियां अपने पतियों से झगड़ कर घर आ गईं थी। इस मुद्दे को सुलझाने और उन्हें उनके पतियों के पास वापस भेजने के बजाय, उनकी पत्नी भारती ने बेटियों को अपने पास रख लिया।

शंकर ने आगे बताया, 'मैंने अपनी बेटियों सिनचना और सिंधुरानी को शिक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत की। बेटा मधुसागर भी एक इंजीनियर था। वह एक निजी कंपनी में काम करता था। सिनचना अपनी बेटी के कान छिदवाने के समारोह को लेकर अपने पति से लड़ाई के बाद घर वापस आई थी। उनके यहां आर्थिक स्थिति को लेकर कोई समस्या नहीं थी। उन्होंने छोटे मुद्दों पर यह घातक कदम उठाया।'

पुलिस ने कहा कि पड़ोसियों ने उन्हें सूचित किया है कि शंकर और उसके बेटे मधुसागर के बीच लड़ाई हुई थी। मारपीट के बाद शंकर घर से बाहर चला गया था। इस घटना के बाद रविवार को ही परिवार ने आत्महत्या कर ली थी। शव क्षत-विक्षत अवस्था में पाए गए थे और फरेंसिक विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि मौतें पांच दिन पहले हुई हैं। हालांकि पोस्टमॉर्टम के बाद इसकी पुष्टि भी हो जाएगी।

बुजुर्ग महिला, भारती, हॉल में छत से लटकी पाई गई और सिनचना, सिंधुरानी का शव 9 महीने के बच्चे के साथ पहली मंजिल के एक कमरे में मिला। मधुसागर अपने कमरे में लटका पाया गया। तीनों बच्चों के घर में अलग-अलग कमरे थे।

घटना का पता तब चला जब पेशे से पत्रकार शंकर ने शुक्रवार रात पड़ोसियों और पुलिस की मदद से दरवाजा तोड़ा। शंकर ने पुलिस को बताया था कि उसने अपने परिवार के सदस्यों को तीन दिनों तक फोन किया, जिसका जवाब नहीं दिया गया। जिसके बाद यह पूरा रहस्य सामने आया।

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