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Harish Rawat Audio Leak : सनसनीखेज खुलासा : 'लड्डू' सीट के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बहलाते-फुसलाते हरीश रावत का ऑडियो लीक
(कार्यकर्ताओं को फुसलाते दिग्गज कांग्रेस नेता हरीश रावत का ऑडियो वायरल)
सलीम मलिक की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
Harish Rawat Audio Leak : पिछला विधानसभा चुनाव हारने के बाद से ही इस चुनाव की तैयारी में जुटे कांग्रेस (Congress) के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत (Ranjeet Singh Rawat) की राह में कभी उनके ही गुरु रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत रोड़ा बनने की कोशिश में हैं। अपने लिए बेहद आसान व सुरक्षित सीट तलाश रहे हरीश रावत (Harish Rawat) की नजरें रामनगर विधानसभा सीट पर लगी हुई हैं।
बीते पांच साल से इलाके में हाड़तोड़ मेहनत कर रहे रणजीत ने कोरोना काल (Covid 19) में अपने कामों से कांग्रेस को मुख्य ताकत के तौर पर स्थापित कर दिया है। बीस प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक मतदाता कांग्रेस की एडिशनल ताक़त पहले से ही हैं तो पच्चीस प्रतिशत से अधिक दलित मतदाताओं के बड़े हिस्से में भी कांग्रेस पैंठ बना चुकी है।
रणजीत की पांच साल की सक्रियता के साथ-साथ निवर्तमान भाजपा विधायक (BJP MLA) की निष्क्रियता ने कांग्रेस की राह और आसान की हुई है। कुल मिलाकर वर्तमान की सामान्य परिस्थितियों में रामनगर सीट (Ramnagar Seat) कांग्रेस के 'लड्डू' सीट बनी हुई है बशर्ते कांग्रेस की आंतरिक बगावत पर पूरा भी नहीं तो कुछ हद तक काबू पाया जा सके।
इस सूरत में अपने लिए सुरक्षित सीट तलाश रहे हरीश रावत (Harish Rawat) की नजर रामनगर की मनभावन सीट पर टिककर रह गयी हैं। यहां से चुनाव लड़ने की सूरत में वह बेहतर कनेक्टिविटी से न केवल पूरे प्रदेश में वर्चुअली चुनावी अभियान जारी रख सकते हैं बल्कि प्रदेश के सभी हिस्सों में रामनगर से सुगम आवागमन का भी उन्हें लाभ मिलेगा।
इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर हरीश की पहली चाहत रामनगर तो है लेकिन रणजीत से बैर मोल लेकर नहीं। इसीलिए उन्होंने अब रणजीत समर्थकों को फोन कर-करके फुसलाना भी शुरू कर दिया है। जिसमें वह उम्मीद कर रहे हैं कि रणजीत अपने कंधे पर बैठाकर उन्हें चुनाव लड़वाएँ।
रणजीत के अनिल अग्रवाल, डॉ. निशांत पपनै, विनय पलड़िया सहित कई अन्य हार्डकोर समर्थकों को फोन करके हरीश रावत (Harish Rawat) न केवल रामनगर से चुनाव लड़ने की प्रासंगिकता बता रहे हैं बल्कि वह रणजीत को नए ठिकाने के लिए सल्ट विधानसभा भेजने का विकल्प भी सुझा रहे हैं।
पहाड़ की सीट छोड़कर भावर की अपेक्षाकृत रामनगर को सुगम सीट से बताते हुए वह खुद यहां से चुनाव लड़कर पार्टी का कितना भला कर पाएंगे यह भी वह खुद बताते हुए कार्यकर्ताओं को रणजीत पर उन्हें यह सीट थाली में परोसकर देने का दबाव बनाने की सलाह दे रहे हैं। ऐसी ही एक क्लिप 'जनज्वार' को भी उपलब्ध हुई है। सुनकर पाठक खुद जाने कि सुगम रामनगर सीट से हरीश का मोह किस कदर है।
वैसे जहां एक तरफ हरीश कार्यकर्ताओं को फोन पर बहलाने-फुसलाने का काम कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पांच साल की पकी-पकाई फसल हरीश की थाली में परोसने का रणजीत का कोई इरादा दूर-दूर तक नहीं है। और मुख्यमंत्री रहते दो-दो चुनाव हारने वाले हरीश इस बार बाल बराबर भी कंट्रोवर्सियल कंडीशन में अपने को डालने वाले नहीं हैं।
ऐसे में माना जा रहा है कि रणजीत के अपने गुरु के प्रति न पिघलने की सूरत में लालकुआं विधानसभा ही हरीश की अंतिम पनाहगाह साबित होने वाली है। हरीश रणजीत से अपना यह हिसाब किसी और मोर्चे पर साफ करेंगे। फिलहाल रामनगर मोर्चा नहीं बनने जा रहा है।