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Pilibhit News: दंगे की तैयारी, घटना सहारनपुर की, पीलीभीत में BJP MLA के Whatsapp ग्रुप पर भड़काऊ पोस्ट से पुलिस के उड़े होश
पीलीभीत निर्मल कांत शुक्ल की रिपोर्ट
Pilibhit News: कहते हैं - चुनाव जीतने के लिए साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाई जाती है। कुछ ऐसा ही गुरुवार को 127 पीलीभीत सदर विधानसभा क्षेत्र (Pilibhit Assembly Constituency) में हुआ। बुधवार को घटना तो जनपद सहारनपुर में हुई, मगर हत्या की वारदात में मरने वाला पशु चिकित्सक (Veterinary Doctor) पीलीभीत का था और मारने वाले दूसरे समुदाय के थे, सो चुनाव (Election) में ध्रुवीकरण (Polarization) का सबसे सटीक मौका जानकर भाजपा (BJP) के शहर सीट के प्रत्याशी एमएलए संजय सिंह गंगवार (Sanjay Singh Gangwar) व उनके समर्थकों ने आनन-फानन में सांप्रदायिक दंगे (Communal Riots) की पूरी स्क्रिप्ट तैयार कर दी जबकि हत्याकांड की असल वजह कमेटी के पैसों के लेनदेन का विवाद था। पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट देखी तो होश उड़ गए।
भाजपा प्रत्याशी व वर्तमान विधायक संजय सिंह गंगवार के सोशल मीडिया के व्हाट्सएप पर संचालित ग्रुप "बीजेपी पीलीभीत सदर" में उनके ही एक कट्टर समर्थक की ओर से चुनाव का सांप्रदायिक माहौल करने के लिए डाली गई खतरनाक पोस्ट से प्रशासन के होश उड़ गए। एसपी और एएसपी ने मामला संज्ञान में आते ही पुलिस के आईटी सेल की क्लास लगा दी। वायरल पोस्ट से दो समुदायों के बीच मामला भड़कता, उससे पहले ही दोनों पुलिस अधिकारियों ने पीलीभीत को सांप्रदायिक दंगे से बचा लिया। तत्काल पीलीभीत पुलिस के अधिकृत ट्विटर हैंडल से भाजपा प्रत्याशी व विधायक के सोशल मीडिया ग्रुप की पोस्ट का खंडन कर जन सामान्य को स्थिति स्पष्ट की गई तो भाजपा विधायक के कई झूठ पकड़े गए।
सोशल मीडिया पर एक भ्रामक मैसेज पोस्ट किया गया है, जिसमें पीलीभीत के जहानाबाद क्षेत्र के ग्राम बेनीपुर में एक व्यक्ति को दूसरे समुदाय के व्यक्तियों द्वारा टुकडों में काटकर हत्या कर देने का उल्लेख किया जा रहा है, @pilibhitpolice द्वारा उक्त असत्य/भ्रामक खबर का #खण्डन किया जाता है। pic.twitter.com/HMdpmFGdsF
— Pilibhit Police (@pilibhitpolice) February 3, 2022
सहारनपुर जनपद में पीलीभीत के मूल निवासी पशु चिकित्सक की हत्या के मामले को अपने ढंग से तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर सांप्रदायिक रंग देते हुए इसका चुनाव में सीधा सीधा लाभ लेने के लिए भाजपा विधायक व प्रत्याशी संजय सिंह गंगवार के सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप "BJP Pilibhit Sadar" पर 3 फरवरी को पूर्वाहन 11:13 पर एक पोस्ट की गई। बेहद खतरनाक इस पोस्ट के साथ भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह गंगवार की मृतक के घर की वह फोटो भी टैग की गई, जिसमें वह मृतक परिवार के दो छोटे बच्चों को गोदी में उठाए हुए हैं। पास में उनके बरेली के धार्मिक वेशभूषा में रहने वाले संजय मिश्रा उर्फ शिवानंद शास्त्री खड़े हैं। इस पोस्ट में अपने तरीके से पूरा घटनाक्रम बताते हुए अपील की गई कि जागो हिंदुओं जागो। पोस्ट भाजपा प्रत्याशी के कट्टर समर्थक दिनेश गंगवार ने की। इस ग्रुप के निर्माता और संचालक स्वयं भाजपा प्रत्याशी व विधायक संजय सिंह गंगवार हैं। पोस्ट में मृतक को कई टुकड़ों में काट देना बताया गया जबकि एसएसपी सहारनपुर आकाश तोमर ने गला दबाकर हत्या करने की अपने ट्विटर अकाउंट पर जानकारी सार्वजनिक की। पोस्ट के जरिए हिंदू समाज को उकसाने का पूरा प्रयास किया गया। पोस्ट में बार-बार भड़काऊ अपील की गई। मामला जैसे ही पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु व अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी के संज्ञान में आया, तो उन्होंने सबसे पहले पुलिस के आईटी सेल की जमकर क्लास ली। पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने जहानाबाद के थाना प्रभारी सहित आसपास के कई थानों की पुलिस को अलर्ट कर दिया। आनन-फानन में पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल से इस पोस्ट का हवाला देकर खंडन करते हुए सारी स्थिति स्पष्ट की।
पीलीभीत पुलिस ने ट्विटर पर शिकायत मिलने के बाद भाजपा विधायक व भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह गंगवार के सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप "बीजेपी पीलीभीत सदर" पर की गई भड़काऊ व आपत्तिजनक धार्मिक उन्माद पैदा करने वाली पोस्ट में बताई गई घटना के घटनाक्रम और मनगढ़ंत तथ्यों का अपने अधिकृत ट्विटर अकाउंट से खंडन किया।
पुलिस ट्विटर पर स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर एक भ्रामक मैसेज पोस्ट किया जा रहा है, जिसमें जनपद पीलीभीत के जहानाबाद क्षेत्र के ब्लॉक ललौरीखेड़ा के ग्राम बेनीपुर में एक समुदाय के व्यक्ति को दूसरे समुदाय के व्यक्तियों द्वारा टुकड़ों में काटकर हत्या कर देने का उल्लेख किया जा रहा है जोकि भ्रामक/असत्य खबर है। जनपद पीलीभीत पुलिस द्वारा इस असत्य भ्रामक खबर का खंडन किया जाता है। इस संबंध में सही तथ्य इस प्रकार है कि जनपद पीलीभीत के थाना जहानाबाद क्षेत्र के ग्राम बेनीपुर निवासी सियाराम उर्फ सौरव पुत्र बाबूराम जोकि वेटरनरी असिस्टेंट के पद पर एनजीओ में सहारनपुर में कार्य करते थे, जिनका कमेटी संबंधी दो लाख रुपयों व दो लाख रुपये उधार के लेनदेन को लेकर दूसरे समुदाय के पक्ष से विवाद था। 31 जनवरी को अभियुक्तों द्वारा मृतक सियाराम उर्फ सौरभ मूल निवासी ग्राम बेनीपुर थाना जहानाबाद जनपद पीलीभीत वर्तमान निवासी ग्राम सढोली कदीम थाना बेहट जनपद सहारनपुर को कमेटी व उधार के रुपए देने के लिए बुलाया गया था और थाना बेहट क्षेत्र के ग्राम सढ़ोली कदीम में गला घोट कर हत्या करने के बाद शव को नहर के पास के जंगल में झाड़ियों में फेंक दिया गया था। इस मामले में 2 फरवरी को सहारनपुर पुलिस द्वारा थाना बेहट क्षेत्र के जंगल में शव बरामद किया गया था, जिसके संबंध में मृतक की पत्नी द्वारा थाना बेहट जनपद सहारनपुर पर मुकदमा अपराध संख्या 46/22 धारा 302, 201, 34 आईपीसी बनाम फिरोज पुत्र इरफान, ईशाक पुत्र असगर, शारिक पुत्र अब्दुल खैर निवासी थाना बेहट क्षेत्र जनपद सहारनपुर नामजद व एक अन्य व्यक्ति अज्ञात के विरुद्ध पंजीकृत कराया गया, जिसमें नामजद तीन अभियुक्तों में से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस आपराधिक घटना/घटनास्थल का संबंध थाना बेहट जनपद सहारनपुर से हैं व स्थानीय पुलिस द्वारा इस घटना के संबंध में आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
सपा जिलाध्यक्ष ने की चुनाव आयोग से शिकायत
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा ने बताया कि 127 पीलीभीत विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी व विधायक द्वारा चुनाव को सांप्रदायिक रंग देकर दंगे की आग में झोंकने की साजिश के पूरे मामले की भारत निर्वाचन आयोग के उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत भेजी गई है। शिकायत के साथ भाजपा प्रत्याशी के व्हाट्सएप ग्रुप पर उनके कट्टर समर्थक की ओर से की गई पोस्ट के स्क्रीनशॉट भी भेजे गए हैं। श्री जग्गा ने कहा कि पराजय को देखकर इस तरह की घिनौनी हरकत भाजपा प्रत्याशी व विधायक की हताशा का परिणाम है। वह शुक्रवार को इस मामले में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से भी मिलेंगे।
पुलिस अफसरों ने दी प्रेक्षक को भी जानकारी
भाजपा विधायक व भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह गंगवार के सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप "बीजेपी पीलीभीत सदर" पर की गई भड़काऊ व आपत्तिजनक धार्मिक उन्माद पैदा करने वाली पोस्ट से पुलिस अधिकारियों ने भारत निर्वाचन आयोग के जनपद में मौजूद चुनाव प्रेक्षक को भी अवगत कराया है।
खंडन किया मगर नहीं की कोई कार्रवाई
भाजपा विधायक व भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह गंगवार के सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप "बीजेपी पीलीभीत सदर" पर की गई भड़काऊ व आपत्तिजनक धार्मिक उन्माद पैदा करने वाली पोस्ट का खंडन करते हुए पीलीभीत पुलिस ने टि्वटर हैंडल पर स्थिति को स्पष्ट की मगर ना तो ग्रुप एडमिन पर कोई कार्यवाही की और ना ही पोस्ट करने वाले भाजपा समर्थक पर मुकदमा दर्ज किया गया।
फिर भी व्हाट्सएप ग्रुप पर नहीं हटी भड़काऊ पोस्ट
शिकायत पर पीलीभीत पुलिस ने भड़काऊ पोस्ट का खंडन तो किया लेकिन भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह गंगवार के सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप "बीजेपी पीलीभीत सदर" पर से भड़काऊ व आपत्तिजनक, धार्मिक उन्माद पैदा करने वाली पोस्ट को डिलीट नहीं किया गया। दरअसल जब तक इस भड़काऊ पोस्ट को लेकर पुलिस हरकत में आई, तब तक पोस्टकर्ता द्वारा पोस्ट को डिलीट करने का समय निकल चुका था। तकनीकी जानकार बताते हैं कि अब इस पोस्ट को सिर्फ पुलिस की आईटी सेल के एक्सपर्ट ही डिलीट कर सकते हैं।
झूठा कौन : विधायक या एसएसपी सहारनपुर !
भाजपा विधायक व भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह गंगवार के सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप "बीजेपी पीलीभीत सदर" पर गुरुवार 3 फरवरी को पूर्वाहन 11:13 पर पोस्ट डाली गई, जिसमें पशु चिकित्सक की हत्या का मामला पता लगने के बाद विधायक संजय सिंह गंगवार के रात्रि 1:00 बजे से लेकर सुबह 7:00 बजे तक 5 लड़कों को अरेस्ट कराने की बात कही गई। गौरतलब है कि इस मामले में 5 लड़के गिरफ्तार ही नहीं हुए हैं। ऐसा पीलीभीत पुलिस की ओर से इस घटना की पोस्ट पर जारी किए गए खंडन पत्र में भी स्पष्ट किया गया है, जिसमें दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी का जिक्र किया गया।
सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक विधायक को घटना 2 फरवरी की रात 1:00 बजे पता चली जबकि सहारनपुर के एसएसपी आकाश तोमर ने 2 फरवरी को रात्रि 7:54 पर ही सोशल मीडिया के पुलिस के अधिकृत ट्विटर अकउंट पर अपना वीडियो अपलोड करके दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी होने की पुष्टि कर दी। सहारनपुर के सभी प्रमुख हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में भी दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी की खबर छप गई। अगर एसएसपी सहारनपुर के वीडियो वक्तव्य में दी गई जानकारी सही है तो उस समय तक विधायक को तो घटना की जानकारी ही नहीं थी।
पशु चिकित्सक की लाश मिलने के बाद 2 फरवरी की शाम को ही सहारनपुर में बेहट थाना के गेट पर बजरंग दल के कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए थे, धरने की कवरेज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने करके ट्विटर पर डाली तो उस वीडियो में धरना देने वाले बजरंग दल कार्यकर्ता ने स्पष्ट किया कि एक की गिरफ्तारी हो चुकी है, अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए धरना दिया जा रहा है। अब ऐसे में लोगों को विधायक की पोस्ट गले नहीं उतर रही है कि उन्होंने 2 फरवरी की रात 1 बजे से लेकर 3 फरवरी को सुबह 7 बजे तक एसएसपी सहारनपुर पर दबाव बनाकर किसको गिरफ्तार करवाया। अगर विधायक का वक्तव्य सही है तो क्या सहारनपुर एसएसपी झूठ बोल रहे हैं ? क्या वह 2 फरवरी को श्याम 7:54 बजे एडवांस में दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर लेना फर्जी प्रचारित कर रहे हैं। बहरहाल चुनावी समर में यह मामला चर्चा में है।