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UP Election 2022: पुचकार कर घेर रहे या घेरकर पुचकार रहे, मोदी, शाह और योगी के बीच कुछ तो खिचड़ी पक रही
(मोदी शाह और योगी के बीच कुछ तो खिचड़ी पक रही)
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गोरखपुर की शहर विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके नामांकन में देश के गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। अयो्ध्या या मधुरा से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले सीएम योगी को आखिरकार गोरखपुर से चुनाव में उतारने के पीछे क्या कोई खास वजह है। लोग यह भी कह रहे कि योगी को पुचकारकर घेर रहे या घेरकर पुचकारा जा रहा?
गोरखपुर(शहर) विधानसभा क्षेत्र से नामांकन से पूर्व... https://t.co/7xlAFgCRI0
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 4, 2022
जनज्वार ने इस मामले में पहले भी बताया था कि अगर योगी आदित्यनाथ मथुरा या अयोध्या से चुनाव लड़ते तो उनकी ब्रांडिंग देश स्तर तक हो सकती थी। और मोदी शाह (Modi-Shah) की जोड़ी नहीं चाहती की योगी की छवि उनसे उपर बने। यही कारण रहा था कि योगी को सुरक्षित सीट पर लड़ने की बताकर गोरखपुर भेज दिया गया। ताकि उनकी हिंदुत्व के पोस्टर ब्वॉय बनने की छवि को कैद किया जा सके।
इस मामले पर लोकेश सलारपुरी लिखते हैं, बाबा जी बहुत अच्छी तरह समझ चुके हैं कि सरकार बनी तो भी इसबार वो सीएम नहीं बन पाएंगे ! अब इसीलिए वो डबल गेम खेल रहे हैं। खुद की अग्रेसिव हिन्दू लीडर की छवि मेंटेन रखते हुए भाजपा की सरकार बनने की रही सही उम्मीदों पर भी अपनी बेहद खतरनाक बयानबाज़ी के ज़रिए पानी फेर रहे हैं। यूपी की सरकार जाएगी और केंद्र में भी उथल पुथल होगी। केंद्रीय सत्ता कमज़ोर होते ही दूसरी पंक्ति के योगी जैसे लीडर की वैल्यू बढ़ेगी।
यूपी सत्ता बदलते ही बड़े बड़े भूचाल भाजपा में आ सकते हैं ....और अगर पांचों स्टेट फिसल गए तो ? सोचो ज़रा सोचो। किसान मूवमेंट में इसबार बहुत जनता जुड़ने वाली है।कैराना की गर्मी को शिमला बनाने वाला बाबा का बयान देखकर हंसी भी आई और अफ़सोस भी हुआ कि क्यों हिंदुओ में सन्यासी को राजा बनने की इजाज़त दी गयी है। जब दिया बुझने वाला होता है तो उसकी लौ बहुत फड़फड़ाती है, बड़ी हो जाती है। ठीक वही हाल बाबा जी का बना दिया गया है।
हिन्दू मायथोलॉजी के अनुसार एक कहावत है कि योगी से राजा ,राजा से नरकी ...यानी योगी को अगले जन्म में राज मिलता है और राजा को अगले जन्म में नरक मिलता है। बाबा जी ने एक ही जन्म में दो चीज पा ली हैं योग भी और गद्दी भी। क्या तीसरे जन्म की उपलब्धि भी इसी जन्म में प्राप्त कर लेंगे? क्या भरोसा फिर किसी सदन में रोने का अवसर मिल जाये। क्योंकि जो रोया उसने बहुत कुछ पाया। मोदी, योगी और टिकैत उदाहरण हैं।