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UP Election 2022 : गठबंधन में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अनुप्रिया चल रहीं दांव, बोलीं शादी चलानी है तो मिया बीवी दोनों को होना चाहिए राजी
(यूपी चुनाव : सीटों के लिए अपना दल ने सहयोगी भाजपा पर दबाव बनाना किया शुरू)
लक्ष्मी नारायण शर्मा की रिपोर्ट
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttarakhand Assembly Election 2022) के मैदान में उतरने से पहले अपना दल एस ने सहयोगी और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर यह दवाब बनाना शुरू कर दिया है कि गठबंधन में पिछली बार से कम से कम दोगुना सीटें जरूर मिलें। जानकर तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि उन्होंने विधानसभा की 40 से अधिक सीटों पर दावेदारी की है। शनिवार को झाँसी (Jhansi) में पार्टी के विजय संकल्प रैली में हिस्सा लेने पहुँची अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने संकेतों में साफ कर दिया कि इस बार गठबंधन में सीटों की हिस्सेदारी बढाने के लिए उनकी पार्टी हर तरह से दवाब बनाएगी। उन्होंने गठबंधन में सीटों की संख्या के सवाल पर कहा कि शादी चलानी है तो मिया बीवी दोनों को राजी होना चाहिए।
अनुप्रिया ने इशारों में दिया संदेश
शनिवार को झांसी के मऊरानीपुर में अपना दल (एस) की विजय संकल्प रैली (Vijay Sankalp Rally) का आयोजन हुआ। इससे पहले भी प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में इस तरह की रैलियों का आयोजन कर पार्टी अपनी ताकत का प्रदर्शन करने में जुटी है। रैली स्थल के लिए रवाना होने से पहले अनुप्रिया पटेल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा से सीटों के बंटवारे को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब दिए। कहा कि अभी सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है। बातचीत अंतिम दौर में पहुंचेगी तो संख्या स्पष्ट होगी। राजनीति में समय और परिस्थिति के मुताबिक निर्णय लिए जाते हैं। यदि शादी चलानी है तो मिया बीवी दोनों राजी होने चाहिए। इसी तरह गठबंधन चलाना है तो बड़े-छोटे दोनों दलों को राजी होना चाहिए। दोनों दलों की आपसी सहमति से ही गठबंधन आगे बढ़ता है।
भाजपा के साथ लड़े तीनों चुनावों पर जताया संतोष
बातचीत के दौरान अनुप्रिया ने आगे कहा कि गठबंधन दोनों के सहयोग और सहमति से चलता है। आगे कहा कि सीटों को लेकर जो मांग उनकी पार्टी ने रखी है, वह अभी नहीं बताएंगे। पूरे प्रदेश की सीटों का आंकलन कर रखा है। दावा किया कि प्रदेश में उनकी पार्टी का कारवां भी बढ़ रहा है। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों की सीटें उनकी सूची में शामिल हैं। बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल हर क्षेत्र से सीटों पर बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा जारी है और किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं। सपा से गठबंधन की संभावना पर अनुप्रिया ने कहा कि भाजपा के साथ उनकी पार्टी ने तीन चुनाव लड़े हैं और लोगों को यह गठबंधन रास भी आया है।
पिछली बार से अधिक सीटें मिलने की उम्मीद
दरअसल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में विजय संकल्प रैली का आयोजन कर अपना दल एस अपनी ताकत को बढ़ाने की जुगत में लगी है। विधानसभा चुनाव 2017 में गठबंधन में अनुप्रिया पटेल की पार्टी को 11 सीटें मिली थीं, जिनमें से 9 पर उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की थी। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले प्रदेश की 45 विधानसभा सीटों पर दावेदारी जताते हुए गठबंधन में हिस्सेदारी मांगी थी। इनमें से अधिकांश सीटें वे हैं, जो कुर्मी बाहुल्य हैं। इसमें मध्यांचल और बुन्देलखण्ड की भी कई सीटें शामिल हैं।
इन दावों के बावजूद अनुप्रिया के भाजपा से अलग होने की संभावना कम है क्योंकि उनकी मां कृष्णा पटेल की पार्टी का समाजवादी पार्टी से गठबंधन हो चुका है। ऐसे में भाजपा के साथ गठबंधन में रहते हुए भी अनुप्रिया पिछली बार की तुलना में सीटों की संख्या बढ़ाने का दवाब बनाती रहेंगी। संकेत यह हैं कि भारतीय जनता पार्टी को अनुप्रिया पटेल की पार्टी के लिए सीटों की संख्या बढ़ानी ही पड़ेगी। दावेदारी के सापेक्ष कितने सीटें अनुप्रिया हासिल कर पाती हैं, इस बात पर सबकी नजर रहेगी।