- Home
- /
- Up Election 2022
- /
- UP Election 2022 :...
UP Election 2022 : वर्चुअल रैली के लिए भाजपा के पास पहले से ही बहुत इन्फ्रास्ट्रक्चर, विपक्षी दलों को भी मिलना चाहिए स्पेस- अखिलेश यादव
Akhilesh Yadav News : राजनीति में विपक्ष को पास करनी होती है ED की परीक्षा, राहुल गांधी से पूछताछ पर अखिलेश यादव का BJP पर तंज
UP Election 2022 : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग (Election Commission Of India) ने शनिवार को तारीकों का ऐलान करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच 7 चरणों मतदान होगा। वहीं किसी भी राज्य में रैलियों और रोड शो के आयोजन पर रोक लगा दी है। 15 जनवरी तक किसी भी नुक्कड़ सभा व साइकिल रैली या बाइक रैली और पदयात्रा जैसी चीजों पर भी रोक रहेगी। आयोग ने कहा केवल डिजिटल रैलियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। चुनाव आयोग के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर की है।
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि अगर चुनाव आयोग यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में राजनीतिक दलों के लिए वर्चुअल रैलियों के पक्ष में है तो आयोग को इसे सभी राजनीतिक दलों के लिए एक समान खेल मैदान बनाना चाहिए। यादव ने कहा कि पहली बार कोरोना के समय में इस तरह से चुनाव हो रहा है। आयोग ने कई तरह के नियम बनाए हैं लेकिन वर्चुअल रैलियों की हम बात करें तो आयोग को उन पार्टियों के बारे में भी सोचना चाहिए जिनके पास वर्चुअल रैली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है।
सपा मुखिया ने कहा कि चुनाव आयोग को विपक्षी दलों को टीवी पर अधिक समय देना चाहिए और यह फ्री में मिलना चाहिए। भाजपा (BJP) के पास पहले से ही बहुत इन्फ्रास्ट्रक्चर है। इलेक्टोरल बॉन्ड भी उन्हें ही सबसे ज्यादा मिलते हैं। विपक्षी पार्टियों को कहीं न कहीं स्पेस मिलना चाहिए।
उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में लोगों ने देखा था कि भाजपा के कार्यकर्ता अधिकारी बन गए थे। कोरोना काल में लोगों ने देखा था कि कैसे लोगों के परिजनों को ऑक्सीजन नहीं मिले और बिस्तर नहीं मिले। चुनाव आयोग को सख्ती सरकार के लिए रखनी चाहिे। वही मनमानी करता है। 10 मार्च को भाजपा का सफाया हो जाएगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों को कुछ फंड देना चाहिए ताकि वे एक कदम आगे बढ़ें, बुनियादी ढांचा तैयार करें क्योंकि भाजपा के बुनियादी ढांचे के साथ मुकाबला नहीं कर सकते। इसलिए हम अपील करते हैं कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को सरकार से कुछ फंड दिलवाना चाहिए ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी राजनीतिक दल जिनके पास भाजपा की तरह मजबूत नहीं है वे मुकाबला करने में सक्षम हों।