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UP Election 2022 Exit Poll : कितने भरोसेमंद होते हैं एक्जिट पोल?

Janjwar Desk
7 March 2022 2:38 PM GMT
UP Election 2022 Exit Poll : कितने भरोसेमंद होते हैं एक्जिट पोल?
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UP Election 2022 Exit Poll : कितने भरोसेमंद होते हैं एक्जिट पोल?

UP Election 2022 Exit Poll : आइये नजर डालते हैं पिछले दो चुनावों 2012 और 2017 में कौन सा एक्जिट पोल सही कौन गलत साबित हुआ था?....

UP Election 2022 Exit Poll : उत्तरप्रदेश विधानसभा के सातवें चरण का मतदान समाप्त होने के बाद शाम साढ़े छह बजे के बाद विभिन्न चैनलों के एक्जिट पोल (Exit Polls) आने शुरू हो गए हैं। इस बार उत्तर प्रदेश के साथ समेत चार पांच अन्य राज्यों पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी विधानसभा के चुनाव (Assembly Elections 2022) हुए हैं। इन सभी राज्यों के एक्जिट पोल भी आज जारी हो रहे हैं।

आईए एक नजर डालते हैं 2012 से अब तक के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों (UP Election 2022) के एक्जिट पोल में कौन सा पोल सबसे ही साबित हुआ है और कौन सा एक्जिट पोल जमीनी हालात को नहीं भांप पाए और गलत साबित हुए।

वर्ष 2017 में यूपी विधानसभा चुनावों के बाद हुए एक्जिट पोल में अधिकांश चैनलों और न्यूज एजेंसीज ने भाजपा के पूर्ण बहुतमत के साथ सरकार बनाने का दावा किया था और हुआ भी कुछ ऐसा ही। ऐसे में अधिकांश एक्जिट पोल सही साबित हुए और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में 14 सालों के बाद भारतीय जनता पार्टी की वापसी हुई थी। तबकी सत्ताधारी पार्टी समाजवादी पार्टी और मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी सत्ता की लड़ाई में भाजपा से बहुत पीछे रह गयी थी।

2017 के चुनावों के बाद एक्जिट पोल कुछ इस तरह का था

BSP BJP SP + INC Others

VMR 64 200 120 19

Dainik Bharat 36 309 47 11

MRC 90 185 120 8

Today's Chanakya 27 285 88 3

AXIS 28-42 251-279 88-112 6-16

CVoter 87 161 141 14

Gramener 67 193 133 10

India TV Forecast 81–93 155–167 135-147 0

ABP News-CSDS 60-72 164-176 156-169 02-06

TNSPIMT 47 176 178 02

नतीजा आने के बाद 2017 में यूपी की 403 सदस्यों की विधानसभा में भाजपा ने दो तिहाई बहुमत के साथ 312 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं भाजपा के सहयागी दलों अपना दल एस और एसबीएसपी ने क्रमश: नौ और चार सीटें जीतीं थीं। वहीं दूसरी ओर, इन चुनावों में सपा को सिर्फ 47 और उनकी सहयोगी कांग्रेस को सात सीटें मिली थीं। जबकि मायावती की बहुजन समाज पार्टी 19 सीटें जीतकर तीसरे नंबर पर पहुंच गयी थी। ऐसे में एक-दो को छोड़ अधिकांश एक्जिट पोल नतीजों के बाद लगभग सही थे।

वहीं अगर बात वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों के बाद हुए एक्जिट पोल में किसी भी पार्टी के बहुमत में नहीं आने की संभावना जतायी गयी थी। हालांकि समाजवादी पार्टी की दूसरी पार्टियों पर बढ़त की बात सभी एक्ज्टि पोल में सामने आ रही थी।

2012 के चुनावों के बाद एक्जिट पोल कुछ इस तरह का था।

BSP SP BJP INC-RLD Others

STAR News-Nielsen 83 183 71 51 11

CNN-IBN 65–70 232–250 28–38 36–44 11–23

Aaj Tak 88–98 195–210 50–56 38–42 20

नतीजों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीटें जीतकर किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के दावों को खारिज कर कर दिया था। इन चुनावों में बसपा ने 80, भाजपा ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की थीं. 2012 के चुनावी नतीजों में कांग्रेस 28 सीटों पर जीती थी। इस चुनाव के नतीजों के बाद सीएनएन आईबीएन का एक्जिट पोल सबसे सही साबित हुआ था।

कैसे जुटाए जाते हैं एक्जिट पोल के आंकड़े

किसी चुनाव में मतदान समाप्त होने के बाद वोटरों के बीच सर्वे के आधार पर कौन सी पार्टी कौन सा सीट जीत रही इस बारे में अनुमान लगाया जाता है। एक्जिट पोल का मुख्य उदेश्य चुनाव के दौरान हुई घटनाक्रमों और वोटरों के सर्वे की सैंपलिंग के आधार पर कौन हार रहा है कौन जीत रहा है इसका अनुमान लगाना है। कई समाचार चैनल, अखबार और एजेंसिंयां सैंपलिंग के आधार पर यह काम करतीं हैं।

ओपिनियन पोल और एक्जिट पोल में क्या अंतर है?

ओपिनियन पोल के आंकड़े मतदान के पहले वोटरों से बातचीत के आधार जारी किए जाते हैं। वहीं एक्जिट पोल के आंकड़े मतदान समाप्त होने के बाद वोटरों के बीच हुए सर्वे, मतदान के दौरान हुए घटनाक्रमों, जमीनी स्तर पर क्या माहौल है इन सारी चीजों की सैंपलिंग और स्क्रीनिंग के आधार पर की जाती है।

अब बात ये एक्जिट पोल कितने भरोसेमंद होते हैं

अब सबसे जरूरी बात ये कि कोई भी एक्जिट पोल चुनाव परिणामो की तरह शत—प्रतिशत सहीं नहीं हो सकता है। हां इसके आंकड़े जुटाने में जमीनी स्तर पर कितना गहन सर्वे किया गया, कैसी सैंपलिंग जुटाई गयी इस बात पर पोल के परिणामों का चुनाव परिणामों से मेल खाना निर्भर करता है। बीते वर्ष बंगाल विधानसभा चुनावों में मतदान के बाद अधिकांश एक्जिट पोल बंगाल में भाजपा की सरकार बनाने का संकेत दे रहे थे पर वे गलत साबित हुए और वहां तृणमूल कांग्रेस के सरकार की वापसी हुई। महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में भी एक्जिट पोल के आंकड़े गलत साबित हो चुके हैं।

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