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Up Election 2022

UP Election 2022 : जमानत न मिली तो जेल से ही चुनाव लड़ेंगे नाहिद हसन, नामांकन मंजूर

Janjwar Desk
24 Jan 2022 8:06 PM IST
UP Election 2022 : जमानत न मिली तो जेल से ही चुनाव लड़ेंगे नाहिद हसन, नामांकन मंजूर
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(सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ नाहिद हसन। फाइल फोटो)

UP Election 2022 : नाहिद को बीते 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और वह अभी जेल में बंद हैं, नाहिद हसन को जेल से जमानत नहीं मिली तो वह अंदर रहकर ही चुनाव लड़ेंगे....

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश की कैराना सीट से विधायक नाहिद हसन (Nahid Hasan) का नामांकन मंजूर कर लिया गया है। समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल (SP-RLD) ने उन्हें कैराना सीट से उम्मीदवार बनाया है। नाहिद हसन के जेल जाने के बाद उनका टिकट कटने की चर्चा हो रही थी। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वार दी गई जानकारी के मुताबिक कैराना विधायक नाहिद मुनव्वर हसन का नामांकन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मंजूर कर लिया गया है। इससे पहले नाहिद हसन की बहन इका हसन ने उनके जले जाने को षड़यंत्र बताया था।

इकरा ने दावा किया था कि भाजपा ने नाहिद हसन पर फर्जी मुकदमें लिखवाए हैं लेकिन 2022 के चुनाव (UP Election 2022) में जनता तय कर देगी कि वह किसके साथ है। इकरा विधानसभा चुनाव में भाई नाहिद हसन के लिए प्रचार भी करेंगी।

नाहिद को बीते 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और वह अभी जेल में बंद हैं। नाहिद हसन को जेल से जमानत नहीं मिली तो वह अंदर रहकर ही चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले उनकी बहन इकरा हसन ने नाहिद के लिए कैराना में प्रचार करने के लिए कहा था।

जनवरी 23018 में नाहिद हसन और उनकी मां तबस्सुम बेग पर जमीन के बैनामे में तकरीबन 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता कैराना के रहने वाले मोहम्मद अजीज थे। इस मामेल में नौ लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। जनवरी 2020 में विधायक नाहिद हसन की जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिसासत में भेज दिया था।

नाहिद पर गैंगरेप पीड़िता के परिवार को धमकाने का भी आरोप लग चुका है। गंगोह के मुहल्ला औलिया निवासी एक शख्स ने कोतवाली में तहरीर दी थी जिसमें आरोप लगाया था कि 29 जून 2018 को कैराना विधायक नाहिद हसन ने मोबाइल पर धमकी देकर गैंगरेप से जुड़ा मुकदमा वापस लेने और जबरन समझौता करने का दबाव बनाया। साथ ही पीड़ित परिवार को फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी थी।

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