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संत समागम में तबले पर ठुमका लगाने वाले खेसारी और 'रात दीया बुता के...' वाले पवन सिंह की सांस्कृतिक संध्या !

Janjwar Desk
5 Nov 2022 8:40 PM IST
संत समागम में तबले पर ठुमका लगाने वाले खेसारी और रात दीया बुता के... वाले पवन सिंह की सांस्कृतिक संध्या !
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जहां एक तरफ संत समागम में देश के जाने-माने साधु-संत और राजनेता शामिल होंगे, वहीं इसकी सांस्कृतिक संध्या में भोजपुरी के तमाम अश्लील-द्विअर्थी गाने गाकर प्रसिद्ध हुए खेसारी लाल और पवन सिंह भी संस्कृतिक की छटा बिखेरेंगे...

Video: भारत भर में इन दिनों रामराज्य की बहार है। उसी रामराज्य के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए बिहार के बक्सर से एक नए रामराज्य का अध्याय शुरू हो रहा है। इस अध्याय का नाम है, 'संत समागम' जिसका स्लोगन है, रामराज्य की ओर। 7 से 8 नवंबर तक चलने वाले संत समागम में किस्म- किस्म के लोग शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम के पहले रामकथा का आयोजन होगा, लेकिन आखिरी के जो दो दिन होंगे यानी 7 और 8 नवंबर उस दिन इस संत समागम में जब पूरे देश के संत आएंगे, मुख्यमंत्री आएंगे यहां तक की RSS चीफ मोहन भागवत भी शामिल होंगे।

इस सबके बीच इन दो दिनों में यानी 7 और 8 को सांस्कृतिक संध्या होगी। इस सांस्कृतिक संध्या में तरह-तरह के लोग आयेंगे, उनमें से दो नाम जो बिहार के लाल हैं, खेसारी लाल यादव और पवन सिंह भी शामिल होंगे। इस रिपोर्ट में हम आपको यह भी बताने का प्रयास करेंगे कि अब से पहले राजनीति और अपराध का रिश्ता तो रहा है, लेकिन अब धर्म के साथ फूहड़ता और अश्लीलता का नया संबंध बन गया है। या अगर इसका भी सिलसिला पुराना है तो यह भारत की किस तरफ लेकर जाएगा?


बिहार के बक्सर में हो रहे संत समागम को लेकर युवा पत्रकार मनीष भारद्वाज कहते हैं, 'बक्सर में जो सिद्धाश्रम की जो परिकल्पना है। रामजन्मभूमि से, उनका जो व्यक्तित्व रहा है, उनके जीवन से जो कुछ जुड़ा रहा है तो जिला स्तर पर एक समिती का गठन किया गया है। उन्ही के द्वारा इस संत समागम का आयोजन कराया जा रहा है। जो जिला मुख्यालय बक्सर से 6 किलोमीटर दूरी पर एक अहरौली गांव है, जिन अहिल्या का जिक्र रामायण में आता है, उनका मंदिर भी वहीं पर है। वहीं समागम होने की बात कही जा रही है। सात तारीख से शुरू होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री समेत राष्ट्रपति महोदया तक को आमंत्रित किया गया है।


कुल मिलाकर राम से जुड़ा हुआ जो भी बक्सर के संदर्भ में है उसे ही पूरा चरितार्थ करते हुए ये समागम रखा गया है। भाजपा नेता व सांसद अश्वनी चौबे इस कार्यक्रम यानी संत समागम में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को निमंत्रण भेजना हो अथवा किसी गणमान्य को लेकर कोई निर्णय हो अश्विनि चौबे ही निर्णय ले रहे हैं।'

निलय उपाध्याय ने जनज्वार से बातचीत करते हुए कहा कि, 'हम लोग तो स्वागतकर्ता हैं। वैसे परंपरा रही है कि मेहमान जो भी आए उसका स्वागत करना हमारा स्वभाव है, धर्म है। जो आ रहे हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जिस तरह आ रहे हैं वो थोड़ा मन में संदेह पैदा करता है। इसमें एक शब्द है, आभास। आभास तो होता है लेकिन वो होती नहीं है। जैसे उदाहरण के लिए हरिद्वार अगर आप जाएंगे तो गंग नहर, हर की पौड़ी..वो जाती है दिल्ली को पानी पिलाने के लिए, दिल्ली के शौचालय में बहने के लिए लेकिन, आप हरिद्वार जाएंगे तो मुख्य गंगा आपको वहीं बहती दिखेगी। तो जो हो रहा है उसका स्वागत है, हम लोगों से ज्यादा खुश कौन होगा की राम की बात करें, लेकिन जब राम की बात करेंगे तो राम की मर्यादा की बात करेंगे या राम के पत्थर की बात करेंगे?

जब राम की बात करेंगे तो क्या राम के गुरू विश्वामित्र को भूल जाएंगे, जिन्होने राम का सृजन किया? राम राज्य के मूल्यों की बात करेंगे तो क्या वे भूल जाएंगे की सबसे पहले राजा बलि ने इन मूल्यों का सृजन किया। इस तरह के समागम से किसे खुशी नहीं होगी, लेकिन आप कहना कुछ चाहते हैं और कह कुछ और रहे हैं। आप इस तरह का आभासी माहौल तैयार कर रहे हैं। हालांकि, अभी इसकी पूरी रूपरेखा सामने नहीं आई है कि वे कहना क्या चाहते हैं? कुल मिलाकर यह बात निकलकर आ रही है कि पूरे देश की राजनीति में भाजपा को राम ने बहुत कुछ दिया है। और अब भाजपा राम के नाम से जुड़ी सभी जगहों को तलाश कर उन पर एक नरेटिव सेट करना चाहती है।'

वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश सिंह कहते हैं, 'इस आयोजन की एक धार्मिक प्रवृत्ति हो सकती है, लेकिन जिस तरह से किया जा रहा है, जो लोग करवा रहे हैं, इसमें पूरा संदेह है कि जनता को धार्मिक आड़ में बरगलाने का प्रयास किया जाएगा। अश्वनी चौबे के पैरों तले से जमीन खिसकी हुई है, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में उनके क्षेत्र से जो सीटें आती हैं, दो तैमूर और चार बक्सर की उनमें, भाजपा का खाता भी नहीं खुला। इस बार भी वे जब चुनाव जीते तो चारों तरफ चर्चा यही थी की अश्वनी चौबे चुनाव हार रहे हैं, लेकिन वे किन परिस्थितियों में जीते, सुप्रीम कोर्ट में सीटं के डिसीजन का मामला लंबित है। अब फिर से 2024 का चुनाव आ गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट से सीटों का निर्णय नहीं आया। रही बात अश्लीलता के मुद्दे की तो, दरभंगा के आसपास कुछ संगठन थे, जो पूरे उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य जगहों पर रामलीला करते थे, दशहरे के बाद दिवाली तक ये कार्यक्रम चलता था। लेकिन इस सारे धार्मिक कार्यक्रमों के बीच में छप्पन छूरी का नाच भी होता था


अब छप्पन छुरी का नाच रावण के सामने होने लगा। छप्पन छुरी का नाच कंस के सामने होने लगा। फिर मेघनाद के सामने होने लगा। तो छप्पन छुरी का नाच शुद्ध रूप से अश्लीलता था। ये रचा बसाया था, किसी को उसमें कोई आपत्ति नहीं थी। बलिया का मैं एक किस्सा बताउं, बलिया में जार्ज फर्नांडिस एक बार आये थे। अब चुनाव के समय उन्होने इसी टाईप का एक (पवन सिंह और खेसारी लाल) नृत्य और संगीत का प्रोग्राम करा दिया। तो बता दें कि, पार्टी की मीटिंग फ्लाप हो गई और उनका समागम चल गया।

मैं चैलेंज के साथ कह सकता हूँ कि आलिया भट्ट, अरे आलिया भट्ट आप छोड़िये रेखा का अगर प्रोग्राम बक्सर में करा दीजिये तो प्रधानमंत्री की रैली अगर फ्लॉप ना हो जाए तो मेरा नाम बदल दीजिए। प्रधानमंत्री की रैली तो होती ही रहती है, आलिया भट्ट का पहली बार देखने को मिलेगा, रेखा को पहली बार लोग देखेंगे। ये माइंडसेट है वहां। एक बिजली रानी हुआ करती थी, उस वक्त दसियों गाव के लोग देखने आ जाया करते थे उसे। तो पवन सिंह और खेसारी लाल यादव बड़ी चीज हैं।'

बातचीत में समागम को लेकर और भी खुलासे किये गये हैं जिसका पूरा वीडियो इस लिंक में है.. देखें वीडियो लिंक

कार्यक्रम में कौन-कौन होगा शामिल

बिहार में बक्सर की धरती पर होने जा रहे इस संत समागम में स्वामी रामभद्राचार्य राम कथा कहेंगे, जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत मुख्य अतिथि बनाए गये हैं। कार्यक्रम में जगतगुरू रामानुजाचार्य लक्ष्मी प्रपन्न जीयर महाराज द्वारा लक्षामीनारायण महायज्ञ किया जाएगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत, बृजेश पाठक, कलराज मिश्रा, असम के सीएम हिमंत बिश्व शर्मा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ संभाजी शिंदे, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, त्रिपुरा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, पुष्कर सिंह धामी, मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह, देवेंद्र फड़णवीस, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद, जम्मु कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंहा शामिल होंगे। इनके साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को भी न्योता भेजा गया है।

इनके अलावा जो कार्यक्रम में जनता का मनोरंजन करेंगे उनमें, अमित शाह का गाना गाकर गुणगान करने वाले कैलाश खेर, अनुराधा पौडवाल, शारदा सिन्हा, हंसराज रघुवंशी, भोजपुरी सांसद मनोज तिवारी, रवि किशन, निरहुुआ यादव, सुश्री देवी, मैथिली ठाकुर के साथ-साथ तबले पर ठुमका लगाने वाले खेसारी और 'रात दीया बुता के...' वाले पवन सिंह भी संत समागम का हिस्सा हैं, सभी लोग अपने हुनर का जलवा शाम 6 बजने के बाद बिखेरेंगे।

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