Begin typing your search above and press return to search.
वीडियो

Video : श्रद्धा हत्याकांड के बहाने क्या गुजरात में पिछले 27 साल के पाप धो लेना चाहती है BJP

Janjwar Desk
22 Nov 2022 2:27 AM GMT
x
Video: श्रद्धा हत्याकांड को लेकर जिस तरह से पूरे देश में खलबली मची है, जाहिर तौर पर यह कोई छोटा केस नहीं है। बल्कि यह रेयर ऑफ रेयरेस्ट मामलों में से एक है। सबसे बड़ी बात जिस तरह से हत्याकांड को अंजाम दिया गया है वह भी खतरनाक है...

Video: श्रद्धा हत्याकांड को लेकर जिस तरह से पूरे देश में खलबली मची है, जाहिर तौर पर यह कोई छोटा केस नहीं है। बल्कि यह रेयर ऑफ रेयरेस्ट मामलों में से एक है। सबसे बड़ी बात जिस तरह से हत्याकांड को अंजाम दिया गया है वह भी खतरनाक है। इस कांड को लेकर मीडिया में जो बहसें हो रही हैं, पत्रकार जंगलों और पेड़ पौधे तक दिखा रहे हैं। तब संदेह होता है कि इतने खतरनाक कांड को किस तरह मनोरंजन में बदल दिया गया है।

खासकर उस वक्त जब देश में चुनाव हो रहे हैं। पहला चुनाव देश के गुजरात में जो मोदी की नाक का सवाल है, दूसरा चुनाव दिल्ली में है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या टीवी चैनलों में इस बहस को किस कदर मनोरंजक बनाकर पेश किया जा रहा है। चुनाव पर बात नहीं है। टीवी में इस वक्त दो ही बहसें चल रही हैं। एक तो मसाज कांड है, जेल वाला और दूसरा श्रद्धा हत्याकांड, जिसे मीडिया एंगल दर एंगल दिखा रहा है।

आप जब बैठकर टीवी स्क्रीन पर श्रद्धा हत्याकांड के हर एंगल को देख रहे हैं, ऐसे में जनता की मीडिया का फर्ज बनता है कि वह आपको जमीनी सच से रूबरू कराए। गुजरात के मोरबी में 135 लोगों की सामुहिक हत्या हो गई। उन 135 लोगों की मौत का सरोकार किसका है, लेकिन श्रद्धा का मुद्दा इन 135 लोगों की हत्या से भी बड़ा हो गया। क्योंकि भाजपा श्रद्धा केस को लेकर चुनाव लड़ने की बात हो रही है।

भाजपा नेता कह रहे हैं कि अगर वह चुनाव नहीं जीते तो देश में श्रद्धायें पैदा होंगी। दिल्ली का कूड़ा क्यों नहीं दिखाया जा रहा है, गुजरात का चुनाव क्यों नहीं दिखाया जा रहा है। कल इस मामले को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई थी। ऐसे में आपको ध्यान देने की जरूरत है कि कहीं आपकी आंखों पर पर्दा तो नहीं डाला जा रहा है। आपको ध्यान देने की जरूरत है कि उन 135 मौतों को भुलाकर देश के टीवी चैनल पिछले दो हफ्ते से आपको क्या परोस रहे हैं।

हमारे देश की जनता को अब सवाल करने की जरूरत है कि क्या इस तरह की टीवी बहसें उनको और उनके परिवार को कहां ले जाकर खड़ा करेंगी। जनता ही है जो यह तय करेगी कि वह क्या देखना और जानना चाहते हैं। देश के दो राज्यों में हो रहे चुनाव पर टीवी में कोई मुद्दा कोई बहस नहीं दिख रही है। श्रद्धा हत्याकांड में आफताब को पुलिस ने दूसरे दिन ही गिरफ्तार कर लिया था, उसका रिमांड हुआ लेकिन मीडिया इस पर जो रिसर्च कर रहा वह जनता के लिए हानिकारक है।

जनज्वार के संपादक अजय प्रकाश का इस मुद्दे पर पूरा विश्लेषण देखने के लिए उपर वीडियो देखा जा सकता है, साथ ही इस लिंक पर भी वीडियो देख सकते हैं..Video

Next Story

विविध