आज़ाद भारत में पहली बार होगी भिखारियों की भर्ती ? सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के नाम एक भारतीय का ख़त
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74वें स्वतंत्रता दिवस पर वरिष्ठ पत्रकार विश्वदीपक की टिप्पणी
आदरणीय प्रकाश जावड़ेकर जी,
सबसे पहले तो आपको आज़ादी की 73वीं सालगिरह यानि 74वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई...
मोदी सरकार का गुण गाने के लिए भिखारियों की भर्ती वाली आपकी नायाब योजना के बारे में दैनिक भास्कर के कॉलमनिस्टजय प्रकाश चौकसे के कॉलम से पता चला. पता चला कि आपका मंत्रालय तीन-चार हज़ार भिखारी भर्ती करने की योजना बना रहा है जो ट्रेन में मोदी सरकार के गुण गाएंगे. न्यूज़ चैनल कम पड़ रहे थे क्या?
बहरहाल, इस संभावना के बारे में सोचकर ही मन पुलकित हो उठा. आलम यह है कि जितना मैं अब तक की समस्त प्रेमिकाओं के लिए नहीं जागा, आजकल जाग रहा हूं. कई दिनों से सो नहीं पाया हूं सर.
आखिरकार देश में जो पिछले 73 सालों में नहीं हुआ वो आपकी सरकार एक बार फिर से करने जा रही है. लोग यूं ही नहीं कहते कि मोदी है तो मुमकिन है!
मैं यह सोचकर बीच-बीच में नाचने लगता हूं कि शायद सरकारी नौकरी पाने का मेरा सपना अब पूरा हो जाएगा. देश के सर्वोच्च संस्थानों से पढ़ाई करने के बाद अगर सरकारी भिखारी भी बन गए तो कहां कम है.
यह मौका कत्तई छोड़ना नहीं चाहता. पिछली कई रातों से मैं कपड़े-वपड़े फाड़कर आईने के सामने भिखारी बनने की प्रैक्टिस कर रहा हूं. ऐंगल बदल-बदल कर, कातर से कातर, दयनीय से दयनीय आवाज़ें निकालता हूं. भीख मांगते हुए सरकार की उपलब्धियों को गिनवाने के लिए सटीक पंचलाइन तैयार कर रहा हूं. जैसे - राम के नाम पर दे दे बाबा ले लेकर भगवान तेरा भला करेगा अगर तू मोदी को वोट देगा आदि-आदि.
अल्लाह का नाम मैंने पंचलाइन से डिलीट कर दिया है. मैं अल्लाह के नाम पर भीख भी नहीं मांगना चाहता. लेट मी टेल यू सर आई एम ए प्राउड हिंदू.
आप हैरान होंगे जानकर कि प्रैक्टिस की वजह से मेरे डिक्शन में जबर्दस्त सुधार हुआ है. और कल तो ग़जब ही हो गया. मैंने सपना देखा कि पीएम मोदी के हाथों मुझे पहली भीख मिली. वो भी पूरे पंद्रह लाख की. मैं घबराकर उठ बैठा. बाद में एहसास हुआ कि मैं सपना देख रहा था. ख़ैर, सपना तो सपना ही होता है.
चूंकि योग्यता को लेकर थोड़ा कनफ्यूजन है इसलिए आज 15 अगस्त को सुबह उठते ही मैंने सबसे पहले यह चिट्ठी लिखने का फैसला किया.
मैं यह जानना चाहता हूं कि सरकारी भिखारी बनने की योग्यता क्या होगी? क्या 10वीं पास, 12वीं पास होना काफी होगा या फिर ग्रेजुएट भिखारियों की भर्ती आप करेंगे? मेरी मानें तो कम से कम पोस्ट ग्रेजुएशन रखिएगा, ताकि लेवल मेंटेन हो सके. एप्लीकेशन बिल्कुल कम नहीं आएंगे – यह मैं दावे के साथ कह सकता हूं.
एक बात और है. जानना चाहता हूं कि क्या कटोरा अपना-अपना लाना होगा? या फिर भर्ती के बाद सरकार बाद में कटोरा वितरण करेगी? एक सलाह भी है. अगर कटोरा सरकार दे रही है तो उसमें आत्मनिर्भर भारत का लोगो ज़रूर लगवाइएगा आप अपनी फोटो के साथ.
जहां तक बात गाने की है तो मेरा गला भिखारियों की तरह गाने के लिए एकदम परफेक्ट है. एक बार बाथरूम में गा रहा था तो पड़ोसी खिड़की पर खुल्ले पैसे रखकर चले गए थे. इधर बीच जो प्रैक्टिस की है, उसका भी फायदा हुआ है.
हालांकि थोड़ा अप्वाइंटमेंट को लेकर टेंशन हो रही है सर. क्या इंटर स्टेट अप्वाइंटमेंट होगा या फिर स्टेट के बाहर भी जाना पड़ सकता है ? मेरा अप्वाइंटमेंट आप मेट्रो में या राजधानी टाइप की ट्रेनों में करवाइएगा. एसी में भीख मागते हुए सरकार के गुण गाना आसना होगा. पैसेंजर और सुपर फास्ट ट्रेनों में चिल्ल पों बहुत रहती है. वहां कोई किसी को सुनता भी नहीं.
भीख मांगने के लिए वाद्य यंत्र भी चाहिए ही होगा या थाली बजाना पर्याप्त होगा? बता दीजिएगा ताकि मैं पहले से तैयारी कर सकूं. वैसे मैंने बचपन में पिपहिरी खूब बजाई है. जवानी में बांसुरी ट्राई किया और अब पियानो बजा लेता हूं, लेकिन इनसे तो भीख मिलेगी नहीं. अत: आपसे आग्रह है कि भीख मांगने के लिए उचित वाद्य यंत्र की भी व्यवस्था करें. इससे मेरा और भीख देने वाले दोनों का मन लगा रहेगा. अगर थाली से ही काम चल जाए तो वेल एंड गुड. मेरे पास एक स्टील की थाली है.
गानों की फिक्र आप बिल्कुल मत करिएगा. बचपन में जब मैं अपने शहर से गांव जाया करता था तो बस में एक सूरदास मिलते थे. भीख मांगते हुए वो दो ही गाना गाते थे. उनमें से एक था – यशोमति मैया से बोले नंदलाला, राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला. दूसरा गाना था – हम तुम चोरी से, बंधे इक डोरी से...जइयो कहां हुज़ूर...ये दोनों गाने मुझे कंठस्थ हैं।
चूंकि आपकी सरकार "मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस" का नियम फॉलो करती है इसलिए मुझे पूरी उम्मीद है कि आपने गाने तो लिखवा ही लिए होंगे. अगर नहीं तो प्रसून जोशी से लिखवा लीजिए. मोदी सरकार का गुण गाने वाले भिखारियों के लिए उनसे बढ़िया गाने कोई नहीं लिख सकता. प्रसून जोशी का लिखा हुआ गाना जब भिखारी लय और ताल के साथ गाएंगे तो मुर्दा भी वाह-वाह कर उठेगा. देश की जनता को तो भूल ही जाइए. वो तो वैसे ही वाह-वाह कर रही है.
थोड़ा-थोड़ा नर्वस भी फील कर रहा हूं. सुनने में आ रहा है कि भिखारी बनने के लिए इंटरव्यू भी देना होगा. भिखारी चयन बोर्ड के मेंबर काफी कड़क हैं. चूंकि आपकी सरकार ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बहुत ही कड़े कदम उठाए हैं, उनको कठोर से कठोर सजाएं दिलाई हैं, इसीलिए भिखारी चयन बोर्ड के अधिकारी डरे हुए है.
यह भी बताइएगा कि जो पैसा भीख में पैसा मिलेगा क्या उसमें से कुछ हिस्सा सरकार को भी टैक्स में देना होगा कि नहीं? अगर हां तो कितना? छोटी मुंह बड़ी बात नहीं करना चाहता, लेकिन मैं चाहूंगा कि भीख में मिले मेरे पैसों को आप रफाएल खरीदने में लगाएं. चीन की ऐसी की तैसी करना चाहता हूं सर. भिखारी रहूंगा तो क्या हुआ. देशभक्ति में कमी नहीं होगी.
चाहता हूं कि आप जल्द से जल्द राष्ट्रीय भिखारी विश्वविद्यालय (राभिवि) की स्थापना करें, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी भीख मांगने की ट्रेनिंग दी जा सके. मैं नहीं चाहता कि इस कला से भारत की आने वाली पीढ़ियों को महरूम रखा जाए. प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का जो सपना देखा है, उसे सब मिलकर जल्द से जल्द पूरा करेंगे. सिर्फ इस विश्वविद्यालय से सालाना दो करोड़ नहीं, 20 करोड़ रोज़गार पैदा होंगे.
जानता हूं कि आप बेहद संज़ीदा इंसान हैं. कहेंगे नहीं लेकिन इस योजना के पीछे छिपे दर्शन को मैं भली-भांति समझ गया हूं. आपका असली मकसद है समानता लाना. पूरे देश को भिखारी बना दो. जब हर कोई भिखारी बन जाएगा तो फिर ऊंच-नीच का भेद हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा. तब भारत में सही अर्थों में राम राज्य स्थापित होगा. समानता लाने का इतना अच्छा दर्शन तो कार्ल मार्क्स भी नहीं दे पाए थे.
अंत में एक अपील है सर. आरक्षण बिल्कुल मत लगाइएगा. मेरा मानना है कि भिखारी बनने का का मौका हर किसी को मिलना चाहिए.
सरकारी भिखारी बनने की लालसा पाले
देश का मैंगो मैन यानी आम आदमी
पता
मकान नंबर - 420/2014
विकास गली के पास
अच्छे दिन आइसक्रीम पार्लर के बगल में
राम राज्य
पिन कोड – 000000