अफगानिस्तान की इस 16 वर्षीय लड़की की दुनियाभर के मीडिया में क्यों हो रही चर्चा?
वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी
अफ़ग़ानिस्तान की लगभग पूरी आबादी खतरनाक आतंकी संगठन तालिबानियों से डरते हैं और यह संगठन वर्ष 2011 से अबतक एक लाख से अधिक अफगानी नागरिकों की ह्त्या कर चुका है। ऐसे भय के माहौल में एक 16 वर्षीय अफगानी लड़की कमर गुल द्वारा तीन तालिबानियों को मार गिराने और दूसरे अन्य कई को घायल करने की चर्चा दुनियाभर की मीडिया में की जा रही है।
सरकार ने उसकी बहादुरी की प्रशंसा की है और राष्ट्रपति अशरफ गनी ने उसे राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया है। सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें खूब शेयर की जा रहीं हैं, और साथ ही बहादुरी की तारीफ़ भी की जा रही है।
कमर गुल अपने माता-पिता और छोटे भाई के साथ सेंट्रल घोर राज्य के गेरिवेह गाँव में रहती थी। उसके पिता गाँव के मुखिया थे, और अफगान सरकार के समर्थक थे। तालिबानी, अफगानिस्तान सरकार के समर्थकों के अपना सबसे बड़ा दुश्मन समझते हैं और उनकी हत्या करते हैं।
अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता मोहम्मद आरेफ अबेर के अनुसार 17 जुलाई को लगभग 40 तालिबानी लड़ाकों रात 1 बजे गाँव पर धावा बोल दिया। इसमें से लगभग 10 तालिबानियों ने मुखिया का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खोलते ही तालिबानियों ने कमर गुल के अम्मा और अब्बा पर गोलियों की बौछार कर दी, दोनों की वहीं मृत्यु हो गई।
कमर गुल उस समय अपने 12 वर्षीय भाई हबीबुल्लाह के साथ पीछे के कमरे में थी। गोलियों की आवाज सुनकर जब उसने अपने अपने अम्मा और अब्बा की लाशें देखीं और तालिबानियों को बाहर जाते देखा, तब उसने आपा खोये बिना अपने अब्बा के लाइसेंसी एके-47 को उठाया, और तीन तालिबानियों को वहीं ढेर कर दिया, कुछ घायल भी हो गए।
इसके बाद अन्य तालिबानी भी बदला लेने के लिए वापस आ गए। पर, कमर गुल अपने भाई के साथ उनका लगभग एक घंटे तक मुकाबला करती रही। इसके बाद गाँव के लोग भी आ गए और अफगानी सुरक्षा बल के जवान भी जुट गए और तालिबानियों को खदेड़ दिया। इसके बाद कमर गुल और उसके भाई को सुरक्षा बलों ने एक सुरक्षित स्थान पर रखा है, जिससे तालिबानी उन तक पहुँच नहीं सकें।
इस घटना के दो दिनों बाद तक कमर गुल और उसका भाई सदमें में थे, पर इसके बाद सामान्य हो रहे हैं। कमर गुल ने इस घटना पर कहा है कि तालिबानियों ने उसके अभिभावकों को मार डाला है, इसलिए तालिबानियों को मारना उसका अधिकार था।
सोशल मीडिया पर एके 47 के साथ कमर गुल की फोटो वायरल हो चुकी है, और उसके साहसिक कारनामे के लिए खूब तारीफें मिल रहीं हैं। पर, सम्भवहतः सबसे असंवेदनशील कमेंट है, उस रात कमर गुल को दो उपाधियाँ एकसाथ मिलीं – बहादुर और अनाथ।