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विमर्श

TV की लाइव डिबेट में संस्कारी BJP के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने जो शब्द कहा उसे हम यहां लिख भी नहीं सकते!

Janjwar Desk
22 Oct 2022 2:54 AM GMT
TV की लाइव डिबेट में संस्कारी BJP के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने जो शब्द कहा उसे हम यहां लिख भी नहीं सकते!
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TV की लाइव डिबेट में संस्कारी BJP के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने जो शब्द कहा उसे हम यहां लिख भी नहीं सकते!

Live Tv Debate: आज तक चैनल में लाइव डिबेट के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसे सुनना और लिखना दोनों ही शर्मसार करता है। इस डिबेट के दौरान संस्कारी पार्टी भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया (Gaurav Bhatia) और कांग्रेस प्रवक्ता कमल शर्मा के बीच तीखी बहस हो गई...

Live Tv Debate: आज तक चैनल में लाइव डिबेट (Live Debate) के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसे सुनना और लिखना दोनों ही शर्मसार करता है। इस डिबेट के दौरान संस्कारी पार्टी भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया और कांग्रेस प्रवक्ता कमल शर्मा के बीच तीखी बहस हो गई। इस वीडियो क्लिप को लोग साझा कर भाजपा को निशाने पर ले रहे हैं।

इससे पहले लगभग 9 मिनट के अपने वीडियो में कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा (BJP) के साथ-साथ गोदी मीडिया की भी जमकर बखिया उधेड़ी। कुल मिलाकर कमल शर्मा की पूरी स्पीच शानदार रही। उन्होने प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात के कई मुद्दों को बारीकी से उठाया। सेट पर मौजूद एंकर अंजना ओम कश्यप कई बार कमल शर्मा पर भड़की, उनकी आवाज बंद करानी चाही, लेकिन कमल ने जमकर धोया।

इसके बाद भाजपा प्रवक्ता गैरव भाटिया ने बेहद अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल किया। जिसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता की तरफ से भी तुरत रिएक्शन हुआ। गैरव भाटिया और उसके बाप को खुद के लिए बोले गये शब्द को कमल शर्मा ने वापस कर दिया। टीआरपी की दौड़ के लिए तोता-मैना सी बहस कराते ये टीवी चैनल देश को किस दिशा में ले जा रहे हैं।

दर्शकों को तय करना होगा की क्या टीवी की बहसें उनके और परिवार के साथ बैठकर देखने लायक हो रही हैं। आपके बच्चों पर इस तरह के शब्दों और तीखी बहसों का असर क्या हो रहा है? क्या इस तरह के शब्दों की कोई सीमा रेखा नहीं है, वो भी लाइव बहस में? खुद को नंबर एक का तमगा देने वाले आजतक जैसे चैनल में। जो अपने गोदी एंकरों को लाखों करोड़ो रूपया महीना की सैलरी बांट रहा है।

इस बहस के दौरान एक बात तो तय है, जो जनता जनार्दन को सबसे अधिक समझनी है, वो ये की हम खबरों में क्या देख रहे हैं। क्या इस तरह के शब्दों की कोई नैतिकता है? इस तरह के शब्दों का टीवी में कोई रोल है? जब हम इन शब्दों को लिख नहीं सकते तो आप इन्हें बोल कैसे सकते हैं। तब जब आप खुद को देश की सबसे संस्कारी पार्टी बताने का भरपूर प्रयास करते हैं। कुल मिलाकर ये मर्यादा के खिलाफ है।

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